माही नदी

⭕माही नदी

★गुरुकुल कोटपूतली महेश रहीसा

➖माही नदी पश्चिमी भारत की एक प्रमुख नदी हैं। माही का उद्गम मध्यप्रदेश के धार जिला के समीप मिन्डा ग्राम  सरदारपुरा की विंध्याचल पर्वत श्रेणी में मेमद झिला(अम्मोरू की पहाड़ियों) से हुआ है।

➖ यह दक्षिणी अरावली में जयसमन्द झील से प्रारम्भ होती है। यह मध्य प्रदेश के धार, झा बुआ और रतलाम जिलों तथा गुजरात राजस्थान राज्य से होती हुई खंभात की खाड़ी द्वारा अरब सागर में गिरती है।

➖यह राजस्थान से गुजरात में पंचमहल जिले में रामपुर के पास प्रवेश करती है

➖इसकी दक्षिणी-पूर्वी शाखा बांसवाड़ा जिले से विपरीत दिशा में आकर मिलती है। इस पर माही बजाज सागर एवं कडाणा बाँध बनाये गए हैं।

➖यह खम्भात की खाड़ी में गिरती है। इसकी कुल लम्बाई लगभग कुल 576 है राजस्थान में लम्बाई 171 किलोमीटर  है।

➖यह भारत की एकमात्र ऐसी नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती है। यह भारत की पवीत्र नदियो मे से एक है।

➖माही नदी दक्षिण राजस्थान में मुख्यत: बांसवाड़ा और डूंगरपुर ज़िले की मुख्य नदी है। यह नदी मध्य प्रदेश के धार ज़िले में विंध्याचल पर्वत के 'अममाऊ' स्थान से निकलती है।

➖अपने उद्गम स्थान से यह नदी उत्तर की ओर बहने के पश्चात् खादु गाँव (बांसवाड़ा) के निकट दक्षिणी राजस्थान में प्रवेश करती है

➖बाँसवाड़ा व डूंगरपुर की सीमा बनाती हुई गुजरात के पंचमहल जिले में रामपुर के पास प्रवेश करती है इसके प्रवाह क्षेत्र को छप्पन का मैदान कहते है
➖माही नदी की प्रमुख सहायक नदियों में निम्नलिखित नदियाँ हैं-
सोम ,जाखम ,अनास ,हरण ,चाप ,मोरन ,ऐराव ,इरु

➖माही नदी पर बांसवाड़ा ज़िले में 'माही बजाज सागर बाँध' बनाया गया है।

➖नदी द्वारा लाए गए गाद के कारण 'खम्भात की खाड़ी' छिछली हो गई है और इस तरह कभी समृद्ध रहे बंदरगाह को अब बंद कर दिया गया है।

➖इस नदी का थाला भूमि स्तर से काफ़ी नीचे स्थित है और सिंचाई के लिए बहुत कम उपयोगी है।

➖माही नदी की औसत गहराई 42 फीट (14 मीटर) और अधिकतम गहराई है 90 फीट (27 मीटर) है।

➖माही नदी के उपनाम:- (बागड की गंगा, कांठल की गंगा, आदिवासियों की गंगा, दक्षिण राजस्थान की स्वर्ण रेखा उल्टे V आकर में बहने वाली नदी जिसका प्रवेश व निकास दोनों दक्षिण दिशा में होते है )

(अ)गलियाकोट उर्स:- राजस्थान में डूंगरपुर जिले मे माही नदी के तट पर गलियाकोट का उर्स लगता है।

(ब) बेणेश्वर मेला:- राजस्थान के डूगरपुर जिले की आसपुर तहसील के नवाटपुरा गांव में जहां तीनो नदियों माही --सोम -जाखम का त्रिवेणी संगम होता है बेणेश्वर मेला भरता है। माघ माह की पूर्णिमा के दिन भरने वाला यह मेला आदिवासियों का कुम्भ व आदिवासियों का सबसे बड़ा मेला भी है।(सूत्र मा सो जा)

माही नदी पर राजस्थान व गुजरात के मध्य माही नदी घाटी परियोजना बनाई गयी है। इस परियोजना में माही नदी पर दो बांध बनाए गए हैः-

(अ) माही बजाजसागर बांध (बोरवास गांव, बांसवाडा)
(ब) कडाना बांध (पंचमहल,गुजरात)

➖माही का अर्थ”मछली होता है

➖माही नदी का जल ग्रहण क्षेत्र उदयपुर, बांसवाड़ा,चितौड़गढ़ तथा डूंगरपुर मे लगभग 16,030 वर्ग किमी. विस्तारित हैं।

➖बेनेश्वर मुख्य मंदिर मे शिवलिंग प्रतिष्ठित है। जिसकी खंडित रूप मे पुजा होती है,मंदिर का निर्माण सवंत्1510 मे हुआ

माही की सहायक नदियाँ -
TRICK => सोजा चुप चाप अब मारु
सो - सोम
जा - जाखम
['चुप' खाली है ]
चाप- चाप
अब - अनास
मा - मोरेन
रु - इरु

🌊उदगम धार मध्यप्रदेश 🔜राजस्थान में प्रवेश (खाड़ू बाँसवाड़ा)🔜माही बजाज सागर बांध(बाँसवाड़ा)🔜कागदी पिक अप बांध🔜डूंगरपुर🔜बनेश्वर➕सोम➕जाखम🔜गुजरात प्रवेश(पंचमहल रायपुर)🔜काडन बाँध गुजरात 🔜समापन खम्बात की खाड़ी अरब सागर

गुरुकुल ....एक कदम सफलता की और

Comments

  1. Here is some information wrong about mahi river in Gujarat.
    Good material and it's helpful for me..

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