राजस्थान में उधोग व व्यापार
🔰राजस्थान में उधोग व व्यापार
1.राजस्थान के गठन के समय 11 वृहद उद्योग (7- सुती वस्त्र उद्योग 2- सीमेन्ट व 2 चीनी उद्योग)और 207 पंजीकृत फैक्ट्रिया थी
2.दुसरीं पंचवर्षीय योजना में उधोगो को सर्वोच्य प्राथमिकता दी गई थी
3. जिला उधोग केंद्र
इनका वर्ष 1978 मे केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत जिला उद्योग केन्द्रो की स्थापना की गई वर्तमान में राज्य मे 36 जिला उद्योग केन्द्र व 8 उपकेन्द्र है
4.राजस्थान में सर्वाधिक
➖ औद्योगिक इकाईया -जयपुर में
➖ वृहद आद्यौगिक इकाईया अलवर में
➖ सर्वाधिक बहुराष्ट्रीय औद्योगिक इकाईया भिवाड़ी(अलवर )में है
5.राजस्थान में न्यूनतम
➖औद्योगिक इकाईया जैसलमेर में
➖न्यूनतम पंजीकृत फैक्ट्रियां जैसलमेर व बारां में है
➖राज्य में सर्वाधिक खनन पट्टे संगमरमर के है
6.राजस्थान की औद्योगिक नीतिया
(अब तक चार औद्योगिक नीतियाँ घोषित)
➖ये चारो औद्योगिक नीतियाँ मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के समय घोषित की गई थी
♻प्रथम 24 जून 1978
खादी, हथकरघा, हस्तशिल्प में विकास करके रोजगार प्राप्त करना
♻दुसरी दिसम्बर 1990 को घोषित (अप्रैल 1991 को लागू) साधन आधरित उधोग का विकास
♻तीसरी 15 जून 1994 तीव्र गति से औधोगिक विकास करना
♻चोथी 4 जून 1998 मानवीय संसाधन विकास करना
7.राजस्थान में नवीन ओधोगिक नीति 2010 -इसका उद्देश्य विनिर्माण उधोग व सेवा को बढ़ाना है
8.वर्तमान में 34 जिला उधोग व 7 उपकेंद्र है
🔰राजस्थान के बृहद एवम मध्यम उधोग
⚠सूती वस्त्र उधोग
9.राजस्थान में परम्परागत एवम कृषि आधारित सबसे बड़ा उधोग है यह सर्वाधिक लोगो को रोजगार देता है
10.राज्य की प्रथम सूती वस्त्र मील "दी कृष्णा मील लिमिटेड 1889 ब्यावर अजमेर" है जो निजी क्षेत्र में सेठ दामोदर दास राठी व कर्नल डिक्सन द्वारा स्थापित किया गया था
♻11.सार्वजनिक क्षेत्र की मिले(3 है)
1.एडवर्ड कॉटन मिल ब्यावर अजमेर 1906- राज्य की दुसरीं बड़ी मिल है
2.महालक्ष्मी कॉटन मिल ब्यावर अजमेर 1925 राज्य की तीसरी बड़ी मिल है
3.विजय कॉटन मिल विजयनगर अजमेर 1932 में
🔝इनको निजी क्षेत्र से राष्ट्रीय वस्त्र निगम 1973-74 में इसका अधिग्रहण कर दिया गया था
♻12.सहकारी क्षेत्र की मिल
1.राजस्थान राज्य सहकारी कताई मिल गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) 1965
2.श्री गंगानगर सहकारी कताई मिल -हनुमानगढ़ 1978
3.गंगानगर सहकारी कताई मिल -गंगापुर (भीलवाड़ा)
🔝1 अप्रेल 1993 में इन तीनो मिलो को व गुलाबपुरा की जिनिग में मिलाकर "राजस्थान राज्य सलाहकारी स्पनिग व जिनिग सँघ(SPINFED) बना दिया गया था
♻14.निजी क्षेत्र की मिले
1.दी कृष्णा मिल्स ली. ब्यावर अजमेर 1889
2.महाराजा उमेदसिंह मिल्स पाली 1961 (सबसे बड़ी व सर्वाधिक उत्पादन क्षमता)
3.उदयपुर कॉटन मिल 1961
4.आदित्य मिल किसनगढ़ अजमेर
5.सार्दुल टेक्सटाइल श्रीगंगानगर 1946
6.जोधपुर वूलन मिल जोधपुर
7.आधुनिक पोलिटेक्स आबूरोड सिरोही
8.मेवाड़ टेक्सटाइल मिल्स भीलवाड़ा 1938
9.राजस्थान स्पिनिंग व विगिस भीलवाड़ा 196प
10.मॉडर्न ग्रुप भीलवाड़ा
11.मणिक्यलाल वर्मा भीलवाड़ा
12.राजस्थान टेक्सटाइल मिल भवानी मंडी भीलवाड़ा 1968
13.श्री गोपाल इंडस्ट्री (कोटा)
14.मॉडर्न सिंनटेक मिल अलवर
15.जयपुर सिपनिग व विमिग (जयपुर)
16.पोदार स्पिनिग जयपुर
17.वेस्टर्न स्पिनिग नागौर व चूरू
15.वस्त्र नगरी भीलवाड़ा (मैनचेस्टर ऑफ इंडिया) भीलवाड़ा को कहा जाता है इसे वाणिज्यिक एवम उधोग मंत्रालय ने "टाउन ऑफ एक्सपार्ट फार टेक्सटाइल" घोषित किया
🔰2.चीनी उधोग
1.यह राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उधोग है उत्तरप्रदेश में सर्वाधिक है
2.राजस्थान में सर्वाधिक चीनी गंगानगर व चितौड़ में है
3.राजस्थान की प्रमुख मिले
➖दी मेवाड़ सुगर मिल्स भोपाल सागर (चितोड़गढ़) राजस्थान की प्रथम 1932
➖दी गंगानगर सुगर मिल्स कमिनपुरा गांव (गंगानगर) में दुसरीं मिल 1937
➖केशोरायपाटन सुगर मिल्स (बूंदी)1965
➖उदयपुर सुगर मिल्स 1976
🔰सीमेंट उधोग
4.भारत का आधारभूत सर्चनात्मक उधोग है जो राजस्थान में ग्रेडलाइम स्टोन की प्रचुरता के कारण काफी विकसित हुवा है एक टन सीमेंट में (1.6 टन चुना पत्थर,.38 टन जिप्सम,3.8 टन कोयला प्रयोग में लाया जाता है
5.भारत मे सर्वप्रथम प्रयास 1904 में मद्रास समुद्री सीपियों से किया गया था
6.राजस्थान में सर्वप्रथम लाखेरी (बूंदी) 1915 में क्लिक निक्सन कम्पनी द्वारा किया गया था
7.भारत मे सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता है व राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन चितौड़गढ़ में होता है दूसरा स्थान नागौर का है
8.राजस्थान की सबसे बड़ी सीमेंट फैक्ट्री श्री सीमेंट ब्यावर (अजमेर) में है
🔰प्रमुख सीमेंट कारखाने
1.श्री सीमेंट उधोग 1985 ब्यावर अजमेर (सर्वाधिक उत्पादन क्षमता/ड्राइप्रोसेस)
2.DLF बिनानी सीमेंट पाली 1966 (दयालपुरा व पाटन केसर गांव)
3.J.K लक्ष्मी सीमेंट पिंडवाड़ा (सिरोही)1982
4.बिनानी सीमेंट पिंडवाडा सिरोही 1997
5.गुजरात अम्बुजा सीमेंट (सिरोही)
6.JK सीमेंट डबोक उदयपुर 1970
7.हिंदुस्तान सुगर लिमिटेड उदयपुर
8.JK सीमेंट निम्बाहेड़ा (चितोड़गढ़)1974
9.चितौडगढ़ सीमेंट वर्क चितौड़गढ़ (चेतक छाप )
10.आदित्य सीमेंट चितौडगढ़ 1995
11.बिड़ला जुट कारखाना (चितौड़गढ़)1995
12.मंगलम सीमेंट मोड़क गांव कोटा 1982
13.श्रीराम सीमेंट (रामनगर)कोटा सबसे कम उत्पादन
14.एसोसिएट सीमेंट ACC लाखेरी गांव बुदी
15.जयपुर उधोग ली.सवाईमाधोपुर
⚠सफेद सीमेंट कारखाना
1.JK वाइट सीमेंट गोटन नागौर
2.बिरला वाइट सीमेंट खारिया खगार (भोपालगढ़ जोधपुर)
3.JK वाइट सीमेंट मांगरोल चितौड़गढ़
🔰 9.नमक उधोग
भारत मे सर्वाधिक नमक उत्पादन गुजरात मे होता है (34%)
10.राजस्थान में नमक उत्पादन की दृष्टि से तीसरा स्थान है जबकि झीलों से नमक उत्पादन में प्रथम स्थान है देश का 12.10 % भाग हिस्सा उत्पादन करता है
🔝11.राजस्थान के नावा (नागौर) में "मॉडल साल्ट फार्म "2002 को स्थापित किया गया जिसका उद्देश्य नमक उत्पादन वाली इकाइयों को तकनीकी सहायता प्रदान करना है
12.प्रमुख नमक कारखाने
⚠सांभर साल्ट लिमिटेड फुलेरा जयपुर
➖मेंथा,रूपनगढ़, खारी, खंडेला नदिया यहा गिरती है
➖सर्वाधिक नमक उत्पादन होता है (8.7)%
➖पर्यटन हेतु "रामसर साइट" के नाम से पुकारा जाता है
➖हिंदुस्तान सांभर साल्ट की स्थापना 1964 में की गई थी
➖वायु प्रवाह है नमक उत्पादन करना "क्यारा नमक"कहलाता है
➖1817 में अग्रेजो ने लीज पर लिया था
⚠सोडियम सयंत्र व राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स ली. डीडवाना नागौर
➖निजी संस्था (देवल) द्वारा सर्वाधिक नमक उत्पादन किया जाता है इसमे सर्वाधिक फ्लोराइड होता है
⚠राजस्थान स्टेट साल्ट ली. पंचपदरा (बाड़मेर)
➖मोरली झाड़ी द्वारा स्फुटन से नमक उत्पादन होता है इसमे NaCL की मात्रा 98 % है सबसे खारे पानी की झील है
⚠पोकरण जैसलमेर
⚠फलौदी जोधपुर & लूणकरणसर (बीकानेर) & जाबदिनगर(नागौर)
13.उच्य श्रेणी का नमक कावेद झील में व आयोडीन कारखाना डीडवाना व पंचपदरा में है
🔰 कांच उद्योग
14.कांच उधोग में कच्चा माल हेतु सिलिका सैण्ड (कांच बालुक), सोडीयम सल्फेट ,शोरा प्रयोग में लिया जाता है शोरा सुष्क प्रदेश व खारे पानी की झीलों से प्राप्त होता है सिलिका बालू को 1600°ताप पर पिघलाते है इसलिए कोयले की आवश्यकता होती है
15.राजस्थान में धौलपुर में सर्वाधिक उत्पादन होता है इसके साथ साथ भरतपुर, बीकानेर,जोधपुर, कोटा उदयपुर आदि मे होता है
16.प्रमुख उधोग
1. सेन्ट गोबेन - कलरानी गांव भिवाड़ी(अलवर)
यह फ्रांस कम्पनी की सहायता से 2008 में स्थापित किया गया खिड़की व दरवाजे निर्माण होते है
2. सेमकोर ग्लास इंडस्ट्रीज- कोटा
दक्षिण कोरिया कम्पनी द्वारा सैमसंग tv के पिच्चर ट्यूब बनाते है वर्तमान में बंद
3. दी हाइटेक प्रिसिजन ग्लास फैक्ट्री - धौलपुर
सार्वजनिक क्षेत्र में कार्यरत जो गंगानगर सुगर मिल की शराब की बोतल बनाता है वर्तमान में बंद
4. धौलपुर ग्लास फैक्ट्री - धौलपुर
निजी क्षेत्र में कार्यरत है 2010 में राष्ट्रीयकरण कर गंगानगर सुगर मिल में विलय 1000 टन उत्पादन प्रतिवर्ष
🔰राजस्थान में सगमरमर उधोग
▪राजस्थान में सर्वाधिक संगमरमर पाया जाता है जो देश का 95% है
▪सर्वाधिक संगमरमर राजसमंद में पाया जाता है
▪सर्वाधिक संगमरमर प्रोसेस इकाई राजसमंद में पाई जाती हैं
▪मकराना (नागौर )का सगमरमर अपनी गुणवत्ता के लिए विश्व प्रसिद्ध है
▪ग्रेनाइट प्रोसेस इकाई केंद्र जालौर में है
▪सगमरमर मंडी किसनगढ़ अजमेर में स्थति है
▪सगमरमर की सर्वाधिक मूर्तिया जयपुर में बनती है
🔰वनस्पति घी उधोग
▪राजस्थान में सर्वप्रथम 1964 में वनस्पति घी का कारखाना बनाया गया था जो "भीलवाड़ा" में खोला गया था
▪वीर बालक छाप तेल जयपुर में
▪इंजन छाप भरतपुर में खोला गया
🔰उर्वरक उधोग (भारत का तीसरा स्थान)
▪राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन कोटा (प्रथम) व चितौड़गढ़ (द्वितीय) है
♦जैव उर्वरक कारखाना -भरतपुर
♦चम्बल फर्टिलाइजर गेड़पान(कोटा)
♦श्रीराम केमिकल कोटा
♦राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर कपासन चितोड़
♦जिंक सल्फेट देबारी उदयपुर
♦ज्योति ट्रिपल खाद खेतड़ी झुंझुनूं
♦सल्फ्यूरिक एसिड प्लाट अलवर
🔰ऊन उधोग
▪राजस्थान उन उत्पादन में प्रथम स्थान है
▪ऐसिया की सबसे बड़ी मंडी बीकानेर में है
🔰प्रमुख केंद्र
▪गलीचा प्रक्षिक्षण केंद्र बीकानेर 1992
▪केंद्रीय ऊन बार्ड जोधपुर 1987
▪स्टेट वूल मिल्स बीकानेर
▪वर्स्टर्ड स्पिनिग मिल चूरू
▪वर्स्टर्ड स्पिनिग मिल लाडून
▪विदेसी आयात निर्यात संस्था कोटा
▪भारत वूलन मिल बीकानेर
▪फ्रेंड्स वूलन मिल्स बीकानेर
▪सिंथेटिक वूलन कारखाना भीलवाड़ा
▪कालगी सयंत्र कोटा
▪उन विश्लेषण कारखाना बीकानेर 1965
🔰इंजीनियरिंग उधोग
▪मेटल बिजली निर्माण
▪केप्टसन पानी के मीटर जयपुर पाली
▪सिमको वैगन भरतपुर
🔰राजस्थान में केंद्र स्थापित उधोग
1.सांभर साल्ट लिमिटेड जयपुर 1964 (हिंदुस्तान साल्ट की सहायता से)
2.हिंदुस्थान मशीन टूल्स - अजमेर (चकोस्लोवाकिया की सहायता से)
3.प्रिसिजन इंस्टीमेन्ट ली.कोटा 1964
4.राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर कपासन चितोड़
5.राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक व इनस्ट्यूमेन्ट कनपुरा जयपुर
6.मॉडर्न बेकरी इंडिया लि. जयपुर (ब्रेड का)
7.हिंदुस्तान जिंक ली.देबारी उदयपुर
8.हिंदुस्तान कापर ली खेतड़ी 1967 USA की सहायता से
🔰राजस्थान में ओधोगिक विकास
ओधोगिक नीति
1.प्रथम ओधोगिक नीति 24 जून 1978
⤵खादी ग्रामोद्योग हथकरघा हस्तशिल्प का विकास करना इसका प्रमुख उद्देश्य था
⤵क्षेत्रीय असन्तुलन को कम करना
⤵यह भेरू सिंह शेखावत के समय लागू हुई थी
2.द्वितीय ओधोगिक नीति अप्रेल 1991
▪कृषि तथा खनिज आधारित उधोगो को बढ़ावा देना
▪संसाधन आधारित उधोगो को प्राथमिकता देना
▪यह भेरू सिंह शेखावत के समय लागू हुई
3.तृतीय ओधोगिक नीति 15 जून 1994
▪सार्वजनिक व निजी भागीदारी को बढ़ाना
▪तीव्र ओधोगिक विकास करना
▪यह भेरू सिंह शेखावत के समय प्रारम्भ हुई थी
4.चौथी ओधोगिक नीति 4 जून 1998
▪विशिष्ठ ओधोगिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना इसका प्रमुख उद्देश्य है
▪विकास को प्राथमिकता देना
▪यह अशोक गहलोत के समय चालू हुई थी
5.पंचम ओधोगिक नीति 29 जून 2010
▪आधरभूत सरचना परिवहन ऊर्जा संचार को प्राथमिकता देना था
▪नवीन /व्यापक ओधोगिक नीति थी
▪अशोक गहलोत के समय
6.निवेश प्रोत्साहन नीति 28 जुलाई 2003 में निवेश में व रोजगार में वर्द्धि करना है
7.निवेश प्रोतसाहन योजना 8 अक्टूबर 2014 को निवेश में वर्द्धि व अतिरिक्त रोजगार में सृजन करना है
8.राजस्थान में प्रथम ओधोगिक विकास 28 मार्च 196ओ को RIMDC राजस्थान उद्योग तथा खनिज विकास निगम द्वारा हुवा
9.बाद में 1979 को खनिज विभाग को RSMDC की स्थापना की गई थी
10.RIICO की स्थापना जनवरी 1980 को की गई थी (राजस्थान ओधोगिक विकास एवं विनियोग निगम ली.)
11.रीको का उद्देश्य लघु ,मध्यम व वरहद श्रेणी के ओधोगिक इकाइयों को अल्पकालीन वितीय सहायता उपलब्ध करवाना था
12.राजस्थान के जोधपुर में सभी प्रकार के ओधोगिक पार्क स्थापित है (SEZ, AEZ, EPIP, CYBER, एग्रो फ़ूड पार्क,स्पाइस पार्क है
🔰RIICO रीको 1980
राजस्थान राज्य ओधोगिक विकास व विनियोग ली.
▪28 मार्च 1969 को गठन हुवा
▪इसका कार्य दीर्घकालिन ऋण या वितीय सहायता प्राप्त करना व मध्यम व वरहद स्तर पर वितीय सहायता देना ओधोगिक प्रोत्साहन देना है
▪प्रारंम्भ में इसका नाम उधोग व खनिज विकास रखा 1979 में खनिज विभाग अलग होने पर 1980 में RIICO का नाम रखा गया
▪यह 340 उधोग इकाइयों के संचालन करता है
इसके अंतर्गत
SEZ (6)
EPIP (4)
ग्रीन पार्क
एग्रो फ़ूड पार्क (4)
AES (2)
इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क (5)
🔰EPIP निर्यात सवंर्धन ओधोगिक पार्क
1.EPIP सीतापुरा जयपुर (जेम्स एंड ज्वेलरी) भारत का पहला
2.EPIP सीतापुरा जयपुर 2nd
3.EPIP बोरानाड़ा जोधपुर 2005
4.EPIP नीमराना अलवर 2007
🔰विशिष्ट ओधोगिक पार्क (थीम पार्क)
▪इसकी स्थापना रीको द्वारा की गई थी
1.लेदर पार्क ..मानपुरा मोचडी (जयपुर में)
▪यह चमड़ा के लिए अधिकृत है
▪इसके अलावा सीतापुरा व भिवाड़ी में स्थीत है
2.एपैरल पार्क - महला जयपुर
▪वस्त्र निर्यात उधोग के लिए प्रसिद्व है
3.होजरी पार्क - चोपनकी भिवाड़ी अलवर
▪वस्त्र उधोग के लिए प्रसिद्ध है
4.सूचना प्रोधोगिकी पार्क - सीतापुरा जयपुर
▪कोटा,जोधपुर, उदयपुर, भिवाड़ी में भी स्थीत है
5.सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क - कनकपूरा जयपुर
▪कम्प्यूटर तकनीकी के लिए
6.सिरमेक पार्क -खारा बीकानेर
▪चीनी मिट्टी बर्तन के लिए
7.साइबर पार्क - जोधपुर
▪सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी IT के लिए
8.टेक्सटाइल पार्क - भीलवाड़ा
▪वस्त्र उधोग के लिए
9.पुष्प पार्क - खुशखेड़ा अलवर
10.स्टोन पार्क
मंडोर जोधपुर
बाड़ी बासेड़ा धौलपुर
मासलपुर करोली
▪पत्थर उद्योग विकास के लिए
🔝C - DOS सेन्टर फॉर डवलपमेंट आफ स्टोन (सीतापुरा) का विकास किया गया
11.इलेक्ट्रॉनिक पार्क
▪कूकस (जयपुर) स्वीडन के सहयोग से
▪चोपन्की (भिवाड़ी)
12.ऑटो सहायक पार्ट घंटल भिवाड़ी व पथरेडी
13.बायो टेक्नोलॉजी पार्क सीतापुरा बोरानाड़ा व चोपन्की भिवाड़ी में
14.ऑटो मोबाईल कॉम्प्लेक्स बाड़मेर
15.उन उधोग गोहन ब्यावर, बीकानेर
🔰 AEZ एग्रो एक्सपोर्ट जॉन (2)
▪कृषि उत्पादन निर्यात को बढ़ाने के लिए किया गया है
1.कोटा धनिया के लिए
2.जोधपुर जीरा के लिए
🔰अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
▪राजस्थान वित्त निगम RFC
स्थापना - जयपुर में 17 जनवरी 1955
लघु मध्यम उधोगो के लिए दीर्घकालिक सहायता देना
▪राजसिको 3 जून 1961
🔰राजस्थान में स्थित केन्द्रीय उपक्रम
1. हिन्दुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड(HMT) अजमेर
▪घड़ी बनाने का कारखाना
▪चैक गणराज्य की सहायता से स्थापित
2. हिन्दुस्तान काॅपर लिमिटेड, झुन्झुनू खेतड़ी
▪यू. एस. ए. के सहयोग से स्थापित
3. हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड
▪ देबारी, उदयपुर
▪ चन्दैरीया, चित्तौड़गढ़
4. हिन्दुस्तान साॅल्ट लिमिटेड, सांभर जयपुर
5. इन्स्टूमेंशन लिमिटेड - कोटा
सहायक इकाई - राजस्थान इलै. एण्ड इन्ट्रुमेंशन लिमिटेड
🔝नोट -
सर्वाधिक औद्योगिक इकाईयों वाले जिले - 1. जयपुर 2. अलवर
▪सबसे कम औद्योगिक इकाईयों वाला जिला - हनुमानगढ़
▪राजस्थान में मध्यम एवम् वृहत औद्योगिक इकाईयों की दृष्टि से बड़ा जिला - अलवर व भीलवाड़ा
▪भारत की औद्योगिक नगरी - कानपुर
▪राजस्थान में औद्योगिक नगरी - कोटा
▪राजस्थान मैनचेस्टर/टैक्सटाइल्स सीटी - भीलवाड़ा
▪भारत में मैनचेस्टर/टैक्सटाइल्स सीटी - अहमदाबाद, मुम्बई
1.राजस्थान के गठन के समय 11 वृहद उद्योग (7- सुती वस्त्र उद्योग 2- सीमेन्ट व 2 चीनी उद्योग)और 207 पंजीकृत फैक्ट्रिया थी
2.दुसरीं पंचवर्षीय योजना में उधोगो को सर्वोच्य प्राथमिकता दी गई थी
3. जिला उधोग केंद्र
इनका वर्ष 1978 मे केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत जिला उद्योग केन्द्रो की स्थापना की गई वर्तमान में राज्य मे 36 जिला उद्योग केन्द्र व 8 उपकेन्द्र है
4.राजस्थान में सर्वाधिक
➖ औद्योगिक इकाईया -जयपुर में
➖ वृहद आद्यौगिक इकाईया अलवर में
➖ सर्वाधिक बहुराष्ट्रीय औद्योगिक इकाईया भिवाड़ी(अलवर )में है
5.राजस्थान में न्यूनतम
➖औद्योगिक इकाईया जैसलमेर में
➖न्यूनतम पंजीकृत फैक्ट्रियां जैसलमेर व बारां में है
➖राज्य में सर्वाधिक खनन पट्टे संगमरमर के है
6.राजस्थान की औद्योगिक नीतिया
(अब तक चार औद्योगिक नीतियाँ घोषित)
➖ये चारो औद्योगिक नीतियाँ मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के समय घोषित की गई थी
♻प्रथम 24 जून 1978
खादी, हथकरघा, हस्तशिल्प में विकास करके रोजगार प्राप्त करना
♻दुसरी दिसम्बर 1990 को घोषित (अप्रैल 1991 को लागू) साधन आधरित उधोग का विकास
♻तीसरी 15 जून 1994 तीव्र गति से औधोगिक विकास करना
♻चोथी 4 जून 1998 मानवीय संसाधन विकास करना
7.राजस्थान में नवीन ओधोगिक नीति 2010 -इसका उद्देश्य विनिर्माण उधोग व सेवा को बढ़ाना है
8.वर्तमान में 34 जिला उधोग व 7 उपकेंद्र है
🔰राजस्थान के बृहद एवम मध्यम उधोग
⚠सूती वस्त्र उधोग
9.राजस्थान में परम्परागत एवम कृषि आधारित सबसे बड़ा उधोग है यह सर्वाधिक लोगो को रोजगार देता है
10.राज्य की प्रथम सूती वस्त्र मील "दी कृष्णा मील लिमिटेड 1889 ब्यावर अजमेर" है जो निजी क्षेत्र में सेठ दामोदर दास राठी व कर्नल डिक्सन द्वारा स्थापित किया गया था
♻11.सार्वजनिक क्षेत्र की मिले(3 है)
1.एडवर्ड कॉटन मिल ब्यावर अजमेर 1906- राज्य की दुसरीं बड़ी मिल है
2.महालक्ष्मी कॉटन मिल ब्यावर अजमेर 1925 राज्य की तीसरी बड़ी मिल है
3.विजय कॉटन मिल विजयनगर अजमेर 1932 में
🔝इनको निजी क्षेत्र से राष्ट्रीय वस्त्र निगम 1973-74 में इसका अधिग्रहण कर दिया गया था
♻12.सहकारी क्षेत्र की मिल
1.राजस्थान राज्य सहकारी कताई मिल गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) 1965
2.श्री गंगानगर सहकारी कताई मिल -हनुमानगढ़ 1978
3.गंगानगर सहकारी कताई मिल -गंगापुर (भीलवाड़ा)
🔝1 अप्रेल 1993 में इन तीनो मिलो को व गुलाबपुरा की जिनिग में मिलाकर "राजस्थान राज्य सलाहकारी स्पनिग व जिनिग सँघ(SPINFED) बना दिया गया था
♻14.निजी क्षेत्र की मिले
1.दी कृष्णा मिल्स ली. ब्यावर अजमेर 1889
2.महाराजा उमेदसिंह मिल्स पाली 1961 (सबसे बड़ी व सर्वाधिक उत्पादन क्षमता)
3.उदयपुर कॉटन मिल 1961
4.आदित्य मिल किसनगढ़ अजमेर
5.सार्दुल टेक्सटाइल श्रीगंगानगर 1946
6.जोधपुर वूलन मिल जोधपुर
7.आधुनिक पोलिटेक्स आबूरोड सिरोही
8.मेवाड़ टेक्सटाइल मिल्स भीलवाड़ा 1938
9.राजस्थान स्पिनिंग व विगिस भीलवाड़ा 196प
10.मॉडर्न ग्रुप भीलवाड़ा
11.मणिक्यलाल वर्मा भीलवाड़ा
12.राजस्थान टेक्सटाइल मिल भवानी मंडी भीलवाड़ा 1968
13.श्री गोपाल इंडस्ट्री (कोटा)
14.मॉडर्न सिंनटेक मिल अलवर
15.जयपुर सिपनिग व विमिग (जयपुर)
16.पोदार स्पिनिग जयपुर
17.वेस्टर्न स्पिनिग नागौर व चूरू
15.वस्त्र नगरी भीलवाड़ा (मैनचेस्टर ऑफ इंडिया) भीलवाड़ा को कहा जाता है इसे वाणिज्यिक एवम उधोग मंत्रालय ने "टाउन ऑफ एक्सपार्ट फार टेक्सटाइल" घोषित किया
🔰2.चीनी उधोग
1.यह राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उधोग है उत्तरप्रदेश में सर्वाधिक है
2.राजस्थान में सर्वाधिक चीनी गंगानगर व चितौड़ में है
3.राजस्थान की प्रमुख मिले
➖दी मेवाड़ सुगर मिल्स भोपाल सागर (चितोड़गढ़) राजस्थान की प्रथम 1932
➖दी गंगानगर सुगर मिल्स कमिनपुरा गांव (गंगानगर) में दुसरीं मिल 1937
➖केशोरायपाटन सुगर मिल्स (बूंदी)1965
➖उदयपुर सुगर मिल्स 1976
🔰सीमेंट उधोग
4.भारत का आधारभूत सर्चनात्मक उधोग है जो राजस्थान में ग्रेडलाइम स्टोन की प्रचुरता के कारण काफी विकसित हुवा है एक टन सीमेंट में (1.6 टन चुना पत्थर,.38 टन जिप्सम,3.8 टन कोयला प्रयोग में लाया जाता है
5.भारत मे सर्वप्रथम प्रयास 1904 में मद्रास समुद्री सीपियों से किया गया था
6.राजस्थान में सर्वप्रथम लाखेरी (बूंदी) 1915 में क्लिक निक्सन कम्पनी द्वारा किया गया था
7.भारत मे सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता है व राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन चितौड़गढ़ में होता है दूसरा स्थान नागौर का है
8.राजस्थान की सबसे बड़ी सीमेंट फैक्ट्री श्री सीमेंट ब्यावर (अजमेर) में है
🔰प्रमुख सीमेंट कारखाने
1.श्री सीमेंट उधोग 1985 ब्यावर अजमेर (सर्वाधिक उत्पादन क्षमता/ड्राइप्रोसेस)
2.DLF बिनानी सीमेंट पाली 1966 (दयालपुरा व पाटन केसर गांव)
3.J.K लक्ष्मी सीमेंट पिंडवाड़ा (सिरोही)1982
4.बिनानी सीमेंट पिंडवाडा सिरोही 1997
5.गुजरात अम्बुजा सीमेंट (सिरोही)
6.JK सीमेंट डबोक उदयपुर 1970
7.हिंदुस्तान सुगर लिमिटेड उदयपुर
8.JK सीमेंट निम्बाहेड़ा (चितोड़गढ़)1974
9.चितौडगढ़ सीमेंट वर्क चितौड़गढ़ (चेतक छाप )
10.आदित्य सीमेंट चितौडगढ़ 1995
11.बिड़ला जुट कारखाना (चितौड़गढ़)1995
12.मंगलम सीमेंट मोड़क गांव कोटा 1982
13.श्रीराम सीमेंट (रामनगर)कोटा सबसे कम उत्पादन
14.एसोसिएट सीमेंट ACC लाखेरी गांव बुदी
15.जयपुर उधोग ली.सवाईमाधोपुर
⚠सफेद सीमेंट कारखाना
1.JK वाइट सीमेंट गोटन नागौर
2.बिरला वाइट सीमेंट खारिया खगार (भोपालगढ़ जोधपुर)
3.JK वाइट सीमेंट मांगरोल चितौड़गढ़
🔰 9.नमक उधोग
भारत मे सर्वाधिक नमक उत्पादन गुजरात मे होता है (34%)
10.राजस्थान में नमक उत्पादन की दृष्टि से तीसरा स्थान है जबकि झीलों से नमक उत्पादन में प्रथम स्थान है देश का 12.10 % भाग हिस्सा उत्पादन करता है
🔝11.राजस्थान के नावा (नागौर) में "मॉडल साल्ट फार्म "2002 को स्थापित किया गया जिसका उद्देश्य नमक उत्पादन वाली इकाइयों को तकनीकी सहायता प्रदान करना है
12.प्रमुख नमक कारखाने
⚠सांभर साल्ट लिमिटेड फुलेरा जयपुर
➖मेंथा,रूपनगढ़, खारी, खंडेला नदिया यहा गिरती है
➖सर्वाधिक नमक उत्पादन होता है (8.7)%
➖पर्यटन हेतु "रामसर साइट" के नाम से पुकारा जाता है
➖हिंदुस्तान सांभर साल्ट की स्थापना 1964 में की गई थी
➖वायु प्रवाह है नमक उत्पादन करना "क्यारा नमक"कहलाता है
➖1817 में अग्रेजो ने लीज पर लिया था
⚠सोडियम सयंत्र व राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स ली. डीडवाना नागौर
➖निजी संस्था (देवल) द्वारा सर्वाधिक नमक उत्पादन किया जाता है इसमे सर्वाधिक फ्लोराइड होता है
⚠राजस्थान स्टेट साल्ट ली. पंचपदरा (बाड़मेर)
➖मोरली झाड़ी द्वारा स्फुटन से नमक उत्पादन होता है इसमे NaCL की मात्रा 98 % है सबसे खारे पानी की झील है
⚠पोकरण जैसलमेर
⚠फलौदी जोधपुर & लूणकरणसर (बीकानेर) & जाबदिनगर(नागौर)
13.उच्य श्रेणी का नमक कावेद झील में व आयोडीन कारखाना डीडवाना व पंचपदरा में है
🔰 कांच उद्योग
14.कांच उधोग में कच्चा माल हेतु सिलिका सैण्ड (कांच बालुक), सोडीयम सल्फेट ,शोरा प्रयोग में लिया जाता है शोरा सुष्क प्रदेश व खारे पानी की झीलों से प्राप्त होता है सिलिका बालू को 1600°ताप पर पिघलाते है इसलिए कोयले की आवश्यकता होती है
15.राजस्थान में धौलपुर में सर्वाधिक उत्पादन होता है इसके साथ साथ भरतपुर, बीकानेर,जोधपुर, कोटा उदयपुर आदि मे होता है
16.प्रमुख उधोग
1. सेन्ट गोबेन - कलरानी गांव भिवाड़ी(अलवर)
यह फ्रांस कम्पनी की सहायता से 2008 में स्थापित किया गया खिड़की व दरवाजे निर्माण होते है
2. सेमकोर ग्लास इंडस्ट्रीज- कोटा
दक्षिण कोरिया कम्पनी द्वारा सैमसंग tv के पिच्चर ट्यूब बनाते है वर्तमान में बंद
3. दी हाइटेक प्रिसिजन ग्लास फैक्ट्री - धौलपुर
सार्वजनिक क्षेत्र में कार्यरत जो गंगानगर सुगर मिल की शराब की बोतल बनाता है वर्तमान में बंद
4. धौलपुर ग्लास फैक्ट्री - धौलपुर
निजी क्षेत्र में कार्यरत है 2010 में राष्ट्रीयकरण कर गंगानगर सुगर मिल में विलय 1000 टन उत्पादन प्रतिवर्ष
🔰राजस्थान में सगमरमर उधोग
▪राजस्थान में सर्वाधिक संगमरमर पाया जाता है जो देश का 95% है
▪सर्वाधिक संगमरमर राजसमंद में पाया जाता है
▪सर्वाधिक संगमरमर प्रोसेस इकाई राजसमंद में पाई जाती हैं
▪मकराना (नागौर )का सगमरमर अपनी गुणवत्ता के लिए विश्व प्रसिद्ध है
▪ग्रेनाइट प्रोसेस इकाई केंद्र जालौर में है
▪सगमरमर मंडी किसनगढ़ अजमेर में स्थति है
▪सगमरमर की सर्वाधिक मूर्तिया जयपुर में बनती है
🔰वनस्पति घी उधोग
▪राजस्थान में सर्वप्रथम 1964 में वनस्पति घी का कारखाना बनाया गया था जो "भीलवाड़ा" में खोला गया था
▪वीर बालक छाप तेल जयपुर में
▪इंजन छाप भरतपुर में खोला गया
🔰उर्वरक उधोग (भारत का तीसरा स्थान)
▪राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन कोटा (प्रथम) व चितौड़गढ़ (द्वितीय) है
♦जैव उर्वरक कारखाना -भरतपुर
♦चम्बल फर्टिलाइजर गेड़पान(कोटा)
♦श्रीराम केमिकल कोटा
♦राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर कपासन चितोड़
♦जिंक सल्फेट देबारी उदयपुर
♦ज्योति ट्रिपल खाद खेतड़ी झुंझुनूं
♦सल्फ्यूरिक एसिड प्लाट अलवर
🔰ऊन उधोग
▪राजस्थान उन उत्पादन में प्रथम स्थान है
▪ऐसिया की सबसे बड़ी मंडी बीकानेर में है
🔰प्रमुख केंद्र
▪गलीचा प्रक्षिक्षण केंद्र बीकानेर 1992
▪केंद्रीय ऊन बार्ड जोधपुर 1987
▪स्टेट वूल मिल्स बीकानेर
▪वर्स्टर्ड स्पिनिग मिल चूरू
▪वर्स्टर्ड स्पिनिग मिल लाडून
▪विदेसी आयात निर्यात संस्था कोटा
▪भारत वूलन मिल बीकानेर
▪फ्रेंड्स वूलन मिल्स बीकानेर
▪सिंथेटिक वूलन कारखाना भीलवाड़ा
▪कालगी सयंत्र कोटा
▪उन विश्लेषण कारखाना बीकानेर 1965
🔰इंजीनियरिंग उधोग
▪मेटल बिजली निर्माण
▪केप्टसन पानी के मीटर जयपुर पाली
▪सिमको वैगन भरतपुर
🔰राजस्थान में केंद्र स्थापित उधोग
1.सांभर साल्ट लिमिटेड जयपुर 1964 (हिंदुस्तान साल्ट की सहायता से)
2.हिंदुस्थान मशीन टूल्स - अजमेर (चकोस्लोवाकिया की सहायता से)
3.प्रिसिजन इंस्टीमेन्ट ली.कोटा 1964
4.राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर कपासन चितोड़
5.राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक व इनस्ट्यूमेन्ट कनपुरा जयपुर
6.मॉडर्न बेकरी इंडिया लि. जयपुर (ब्रेड का)
7.हिंदुस्तान जिंक ली.देबारी उदयपुर
8.हिंदुस्तान कापर ली खेतड़ी 1967 USA की सहायता से
🔰राजस्थान में ओधोगिक विकास
ओधोगिक नीति
1.प्रथम ओधोगिक नीति 24 जून 1978
⤵खादी ग्रामोद्योग हथकरघा हस्तशिल्प का विकास करना इसका प्रमुख उद्देश्य था
⤵क्षेत्रीय असन्तुलन को कम करना
⤵यह भेरू सिंह शेखावत के समय लागू हुई थी
2.द्वितीय ओधोगिक नीति अप्रेल 1991
▪कृषि तथा खनिज आधारित उधोगो को बढ़ावा देना
▪संसाधन आधारित उधोगो को प्राथमिकता देना
▪यह भेरू सिंह शेखावत के समय लागू हुई
3.तृतीय ओधोगिक नीति 15 जून 1994
▪सार्वजनिक व निजी भागीदारी को बढ़ाना
▪तीव्र ओधोगिक विकास करना
▪यह भेरू सिंह शेखावत के समय प्रारम्भ हुई थी
4.चौथी ओधोगिक नीति 4 जून 1998
▪विशिष्ठ ओधोगिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना इसका प्रमुख उद्देश्य है
▪विकास को प्राथमिकता देना
▪यह अशोक गहलोत के समय चालू हुई थी
5.पंचम ओधोगिक नीति 29 जून 2010
▪आधरभूत सरचना परिवहन ऊर्जा संचार को प्राथमिकता देना था
▪नवीन /व्यापक ओधोगिक नीति थी
▪अशोक गहलोत के समय
6.निवेश प्रोत्साहन नीति 28 जुलाई 2003 में निवेश में व रोजगार में वर्द्धि करना है
7.निवेश प्रोतसाहन योजना 8 अक्टूबर 2014 को निवेश में वर्द्धि व अतिरिक्त रोजगार में सृजन करना है
8.राजस्थान में प्रथम ओधोगिक विकास 28 मार्च 196ओ को RIMDC राजस्थान उद्योग तथा खनिज विकास निगम द्वारा हुवा
9.बाद में 1979 को खनिज विभाग को RSMDC की स्थापना की गई थी
10.RIICO की स्थापना जनवरी 1980 को की गई थी (राजस्थान ओधोगिक विकास एवं विनियोग निगम ली.)
11.रीको का उद्देश्य लघु ,मध्यम व वरहद श्रेणी के ओधोगिक इकाइयों को अल्पकालीन वितीय सहायता उपलब्ध करवाना था
12.राजस्थान के जोधपुर में सभी प्रकार के ओधोगिक पार्क स्थापित है (SEZ, AEZ, EPIP, CYBER, एग्रो फ़ूड पार्क,स्पाइस पार्क है
🔰RIICO रीको 1980
राजस्थान राज्य ओधोगिक विकास व विनियोग ली.
▪28 मार्च 1969 को गठन हुवा
▪इसका कार्य दीर्घकालिन ऋण या वितीय सहायता प्राप्त करना व मध्यम व वरहद स्तर पर वितीय सहायता देना ओधोगिक प्रोत्साहन देना है
▪प्रारंम्भ में इसका नाम उधोग व खनिज विकास रखा 1979 में खनिज विभाग अलग होने पर 1980 में RIICO का नाम रखा गया
▪यह 340 उधोग इकाइयों के संचालन करता है
इसके अंतर्गत
SEZ (6)
EPIP (4)
ग्रीन पार्क
एग्रो फ़ूड पार्क (4)
AES (2)
इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क (5)
🔰EPIP निर्यात सवंर्धन ओधोगिक पार्क
1.EPIP सीतापुरा जयपुर (जेम्स एंड ज्वेलरी) भारत का पहला
2.EPIP सीतापुरा जयपुर 2nd
3.EPIP बोरानाड़ा जोधपुर 2005
4.EPIP नीमराना अलवर 2007
🔰विशिष्ट ओधोगिक पार्क (थीम पार्क)
▪इसकी स्थापना रीको द्वारा की गई थी
1.लेदर पार्क ..मानपुरा मोचडी (जयपुर में)
▪यह चमड़ा के लिए अधिकृत है
▪इसके अलावा सीतापुरा व भिवाड़ी में स्थीत है
2.एपैरल पार्क - महला जयपुर
▪वस्त्र निर्यात उधोग के लिए प्रसिद्व है
3.होजरी पार्क - चोपनकी भिवाड़ी अलवर
▪वस्त्र उधोग के लिए प्रसिद्ध है
4.सूचना प्रोधोगिकी पार्क - सीतापुरा जयपुर
▪कोटा,जोधपुर, उदयपुर, भिवाड़ी में भी स्थीत है
5.सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क - कनकपूरा जयपुर
▪कम्प्यूटर तकनीकी के लिए
6.सिरमेक पार्क -खारा बीकानेर
▪चीनी मिट्टी बर्तन के लिए
7.साइबर पार्क - जोधपुर
▪सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी IT के लिए
8.टेक्सटाइल पार्क - भीलवाड़ा
▪वस्त्र उधोग के लिए
9.पुष्प पार्क - खुशखेड़ा अलवर
10.स्टोन पार्क
मंडोर जोधपुर
बाड़ी बासेड़ा धौलपुर
मासलपुर करोली
▪पत्थर उद्योग विकास के लिए
🔝C - DOS सेन्टर फॉर डवलपमेंट आफ स्टोन (सीतापुरा) का विकास किया गया
11.इलेक्ट्रॉनिक पार्क
▪कूकस (जयपुर) स्वीडन के सहयोग से
▪चोपन्की (भिवाड़ी)
12.ऑटो सहायक पार्ट घंटल भिवाड़ी व पथरेडी
13.बायो टेक्नोलॉजी पार्क सीतापुरा बोरानाड़ा व चोपन्की भिवाड़ी में
14.ऑटो मोबाईल कॉम्प्लेक्स बाड़मेर
15.उन उधोग गोहन ब्यावर, बीकानेर
🔰 AEZ एग्रो एक्सपोर्ट जॉन (2)
▪कृषि उत्पादन निर्यात को बढ़ाने के लिए किया गया है
1.कोटा धनिया के लिए
2.जोधपुर जीरा के लिए
🔰अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
▪राजस्थान वित्त निगम RFC
स्थापना - जयपुर में 17 जनवरी 1955
लघु मध्यम उधोगो के लिए दीर्घकालिक सहायता देना
▪राजसिको 3 जून 1961
🔰राजस्थान में स्थित केन्द्रीय उपक्रम
1. हिन्दुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड(HMT) अजमेर
▪घड़ी बनाने का कारखाना
▪चैक गणराज्य की सहायता से स्थापित
2. हिन्दुस्तान काॅपर लिमिटेड, झुन्झुनू खेतड़ी
▪यू. एस. ए. के सहयोग से स्थापित
3. हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड
▪ देबारी, उदयपुर
▪ चन्दैरीया, चित्तौड़गढ़
4. हिन्दुस्तान साॅल्ट लिमिटेड, सांभर जयपुर
5. इन्स्टूमेंशन लिमिटेड - कोटा
सहायक इकाई - राजस्थान इलै. एण्ड इन्ट्रुमेंशन लिमिटेड
🔝नोट -
सर्वाधिक औद्योगिक इकाईयों वाले जिले - 1. जयपुर 2. अलवर
▪सबसे कम औद्योगिक इकाईयों वाला जिला - हनुमानगढ़
▪राजस्थान में मध्यम एवम् वृहत औद्योगिक इकाईयों की दृष्टि से बड़ा जिला - अलवर व भीलवाड़ा
▪भारत की औद्योगिक नगरी - कानपुर
▪राजस्थान में औद्योगिक नगरी - कोटा
▪राजस्थान मैनचेस्टर/टैक्सटाइल्स सीटी - भीलवाड़ा
▪भारत में मैनचेस्टर/टैक्सटाइल्स सीटी - अहमदाबाद, मुम्बई
राजस्थान instrumental ltd jprb sathapna 1964
ReplyDeleteHMT ajmer sathapna 1967