IS-LM मॉडल

3.IS-LM Model – Relative effectiveness of Monetary and Fiscal Policy

🔰IS-LM मॉडल - मौद्रिक व वितीय नीति के सापेक्ष प्रभावशीलता

➖आय एवं ब्याज दर का निर्धारण हिक्स हेनसन समन्वय सिद्धांत अर्थव्यवस्था में सामान्य संतुलन विश्लेषण की धारणा को प्रस्तुत करता है

➖यह इस बात पर ध्यान देता है कि  वस्तु बाजार सन्तुलन(I=S) होने के साथ साथ मुद्रा बाजार में संतुलन (L =M )होना चाइए

➖दोनों।मॉडलों का समन्वय IS-LM वक्र कहलाता है

➖हिक्स हेनसन के इस समन्यवय सिद्धात को IS-LM मॉडल के रूप में जाना जाता है

➖इस वक्र में क्लासिक मॉडल के दो घटक निवेश(I) तथा बचत (S) तथा

➖तरलता अधिमान के दो घटक मुद्रा की मांग(L) मुद्रा की पूर्ति (M) को समन्यवित करके वक्र बनाया गया है





♻IS वक्र वास्तविक प्रवाह चरो के संतुलन (बचत=निवेश)को व्यक्त करता है

♻LM वक्र मौद्रिक क्षेत्र स्टॉक चरो के संतुलन (मुद्रा की पूर्ति =तरलता अधिमान)को व्यक्तं करता है

⭕IS वक्र बचत अनुसूचियों तथा निवेश अनुसूचीयो के परस्पर सम्बन्ध की व्याख्या करता है

IS वक्र आय स्तरों तथा ब्याज दरों के विभिन सहयोग पर बचत तथा निवेश की समानता को प्रदर्शित करता है

⭕LM वक्र मौद्रिक क्षेत्र के संतुलन को व्यक्तं करता है

LM वक्र के प्रत्येक बिंदु पर मुद्रा की मांग एवम मुद्रा की पूर्ति में संतुलन होता है

➖IS =LM मॉडल ब्याज व आय निर्धारण का एक श्रेष्ठ मॉडल है तथा यह मॉडल मौद्रिक एवम वितीय नीतियों को समझाने में सफल रहा है

♻वित्तिय व राजकोषीय नीति की सापेक्ष क्रियासिलता

IS -LM मॉडल स्पष्ट करता है कि घोर मंदी में जब तरलता पॉस की अवस्था उत्पन्न होती है तब ऐसी अवस्था मे मौद्रिक नीति सफल नही होती

➖IS -LM मॉडल मौद्रिक व वितीय नीतियों के सापेक्ष क्रियासिलता को समझाने में समर्थ है

🔰 IS वक्र

1.
IS वक्र आय व ब्याज के उन विभिन्न सयोगो को बताता है जहां पर बचत व विनियोग बराबर होते है
 [विनियोग(I)=बचत (S)]

2.
IS वक्र का "ढाल ऋणात्मक" होता है

3.विनियोग व बचत के विभिन्न साम्य को प्रदर्शित करता है

4.IS वक्र का ढाल II वक्र के ढाल पर निर्भर होता है यदि सरकार अपने खर्चो में वर्द्धि या करो में कमी करती है तो IS वक्र दाई तरफ विवर्तित हो जाता है

5.यदि इसके विपरीत करो में वर्द्धि व व्यय में कमी करते है तो IS वक्र बाई तरफ विवर्तित हो जाता है

6.यदि II वक्र लोचदार है तो IS भी लोचदार होगा यदि II वक्र बेलोचदर है तो Is वक्र बेलोचदार होगा

7. IS वक्र अगर बाई तरफ होगा तो विनियोग बचत से ज्यादा होगा

8.IS वक्र अगर दाई तरफ होगा तो बचत विनियोग से ज्यादा होगा

➖किन्स रेंज में केवल राजकोषीय नीति पर कार्य करती है

➖किन्स रेंज में यदि आय बढ़ती है तो सरकार अपने व्ययों को बढ़ाती है तथा करो में छूट देती है

➖IS वक्र वास्तविक क्षेत्र को बताता है

➖आय स्तरों तथा ब्याज दर के विभिन्न सहयोग पर बचत व निवेश की समानता को प्रदर्शित करता है

🔅LM वक्र

1. आय व ब्याज के उन सयोगो को बताता है जहां पर मुद्रा की मांग पर मुद्रा की पूर्ति बराबर होती है

2.LM वक्र का ढाल धनात्मक होता है

3. LM वक्र का ढाल मुद्रा की तरलता पसंदगी पर निर्भर करता है

4.मुद्रा की पूर्ति में वृद्धि होती है तब वक्र  दाईं तरफ होता है तथा मुद्रा की पूर्ति में कमी तो बाई तरफ परिवर्तित हो जाता है

 जब  LM वक्र का ढाल उदग्र सीधा पूर्णता बेलोचदार होता है तो केवल मौद्रिक नीति कारगर होती है और  राजकोषीय नीति असफल हो जाती है

➖ LM वक्र क्षतीज तो केवल राजकोषीय नीति कार्य करती है मौद्रिक नीति कार्य नहीं करती है

➖LM वक्र का विभाजन तीन भागों में किया जाता है
किन्स रेंज
मध्यवर्ती रेंज
क्लासिक रेंज

यह LM वक्र मौद्रिक क्षेत्र को बताते हैं

चित्र




👉r1 व sp1 सट्टे के लिए मुद्रा की पूर्ति है
👉मुद्रा की पूर्ति स्थिर दी हुई है
👉osp1 सट्टा मांग है
👉s1n सौदा है
👉ot1 सौदा के लिए है

🔰हिक्स हेनसन सिद्धान्त

यह व्याज का आधुनिक सिद्धात है

IS वक्र के कटान बिंदु (E) पर मुद्रा की मांग व मुद्रा की पूर्ति बराबर होती है बचत व विनियोग बराबर होता है

S =I =Md =Ms

E बिंदुपर



मौद्रिक व वास्तविक क्षेत्र दोनों में साम्य होता है

A बिंदु पर मुद्रा की पूर्ति ज्यादा होती है

चित्र


♻मौद्रिक नीति के प्रभाव

मुद्रा की पूर्ति बढ़ेगी तो r घटेगा,I बढ़ेगा आय रोजगार उत्पादन

LM वक्र पूर्णतया बेलोचदार तो राजकोषीय नीति अप्रभावी मौद्रिक नीति प्रभाव
LM वक्र क्षेतिज राजकोषीय नीति द्वारा आय में वर्द्धि
LM वक्र उदग्र केवल ब्याज में परिवर्तन
IS वक्र उदग्र मुद्रा की पूर्ति में वर्द्धि

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