मुगलकालीन शिक्षा

☯ मुगलकाल में शिक्षा ,भाषा ,साहित्य,कला और स्थापत्य कला का विकास

-:-  मुगलकाल में शिक्षा
-:-  मुगलकाल में भाषा
-:-  मुगलकाल में कला
-:-  मुगलकाल में स्थापत्य कला का विकास

◆ मुगलकाल में शिक्षा (Development of Education)

▪ मुगलकाल में शिक्षा हिन्दू और मुस्लिम दोनो प्रकार की पद्धतियों द्वारा दी जाती थी

▪ मुगलकाल में प्राथमिक शिक्षा :- मकतबों में दी जाती थी
▪ मुगलकाल में उच्य शिक्षा :- मदरसों में दी जाती थी

▪ मुगलकाल में  शिक्षा का माध्यम फारशी होता था (अकबर ने फ़ारसी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा दिया था)

▪शिक्षा की उपाधियां :-
१.तर्क व दर्शन के लिए :- फ़ाजिल उपाधी
२.धार्मिक शिक्षा के लिए :- आमिल उपाधी
३.साहित्य शिक्षा के लिए :- काबिल उपाधि से नवाजा जाता था

 ▪ मुगलकाल में शिक्षा के केंद्र :- मुल्तान,  दिल्ली, आगरा, जौनपुर, लाहौर आदि मुस्लिम शिक्षा के केंद्र थे

◆ बाबर :-

▪ " सूरते आम विभाग " शिक्षा की देखरेख के लिए बनवाई थी

◆ हुमायु :-

▪ " मदरसा ए बेगम " (हुमायु ने महाम अनगा के सहयोग से दिल्ली में मदरसा बनवाया था )

▪ शेरमण्डल (पुस्तकाल) जो अपने साथ लेकर चलता था

◆ अकबर :-

▪ " खैर-उल-मनाजील " (दिल्ली में महाम अनगा के सहयोग से)
▪ " अबूल फजल मदरसा " :- फतेहपुर सीकरी (UP)
▪ " शाह उल्ला स्कूल " दिल्ली (परम्परागत मान्यता शिक्षा के लिए)
▪ " फरहंगी महल मदरसा "लखनऊ में  न्याय शिक्षा के लिए प्रसिद्ध था
▪ " स्यालकोट मदरसा - व्याकरण के लिए प्रसिद्ध था
▪ अकबर ने फारशी भाषा को राजभाषा व संस्कृत का भी विकास किया

◆ जहाँगीर :-

▪ जहाँगीर के काल मे फ़ारसी के साथ उर्दू भाषा का समुचित विकास हुवा (इसे रेख्ता हिन्दवी कहा जाता है )
▪ जहाँगीर ने दिल्ली में मदरसा बनवाया व " दारुल बुर्का "मदरसे की मरमत करवाई
▪ किसी सम्प्पन व्यक्ति की मृत्यु पर राज्य उसकी संपत्ति को लेकर मदरसों में लगयेगा

◆ साहजहां  :-

▪ साहजहां ने " दारा उल बुर्क़ा " की मरम्मत करवाई
▪ साहजहां के समय " मुल्ला फरीद मनाजम " ने नक्षत्र विज्ञान की जानकारी दी और " जिज ए सहजहानी " तालिका का निर्माण करवाया था

◆ औरंगजेब :-

▪ औरगजेब ने फ़ारसी को प्रोत्साहन दिया
▪ " मदरसा ए रहमिया "
▪ " बैतूल -उल -उलूम " पुत्री जेबुन्निसा ने बनवाया था ताकि अभिजात व मध्यम वर्ग भी शिक्षा प्राप्त कर सके

▪ हिन्दू पाठशाला बन्द करवाई थी

◆ मुगलकाल में हिन्दू शिक्षा प्रणाली

▪हिन्दू शिक्षा संस्कृत में गुरुकुल ,मंदिरों व स्वतंत्र संस्थाओं द्वारा दी जाती थी

▪ बनारस हिंदू शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र था पाठ्यक्रम में काव्य,व्याकरण,न्याय का अध्ययन अनिवार्य था

▪मुकुन्दराम के काव्य " कवि कंकड़ चंडी " में पढ़ाये जाने वाले विषयो का विवरण है

▪ मथुरा, प्रयाग , अयोध्या, नदिया ,मिथिला, कश्मीर प्रमुख शिक्षा के केंद्र थे
☯ मुगलकालीन साहित्य

▪ मुगलकाल में राजभाषा फ़ारसी थी इसलिए अधिकतर ग्रन्थों की रचना फारशी में हुई थी

◆ बाबर

▪बाबर विद्या का प्रेमी था
▪तुजके बाबरी (आत्मकथा) चगताई तुर्की भाषा मे लिखी
▪ तुजके बाबरी का चार बार फारशी में व तीन बार अग्रेजी में अनुवाद किया गया
▪ तुजके बाबरी का प्रथम दो अनुवाद हुमायु के समय " जैना खा " तथा पाइंदा खा ने किया
▪ तीसरा अनुवाद अकबर के समय " अब्दुल रहीम खानेखाना "
▪ चौथा अनुवाद साजहाँन के समय " मीर अबू तलिब तुरबाती " द्वारा किया गया
▪ श्रीमती ए.एस. बेबरीज ने 1905 में मूल तुर्की भाषा के अनुवाद से अग्रेजी में अनुवाद किया गया था
 ▪ लिडन व एरिक्सन ने फ़ारसी से अग्रेजी में 1826 में अनुवाद किया
▪ डॉ मथुरादास शर्मा ने बाबरनामा का हिंदी में अनुवाद किया

▪ बाबर ने नई काव्य सैली " मुंबइयान " को प्रारम्भ किया गया
▪ दीवान कविताओं का संग्रहन है
▪खोदि मीर (गयासुद्दीन) के ग्रन्थ

↪ खुलासत उल अखबार - मुस्लिम जगत का इतिहास है
↪ दस्तूर उल वजुरा
↪ हबीब ए सियार
↪ कानून ए हुमायूनी

◆ हुमायू

▪ हुमायूं विधा प्रेमी था वह अपने साथ हमेशा पुस्तकालय लेकर चलता था
↪ हुमायूंनामा ( गुलबदन बेगम) हरम की जानकारी है
↪ तारीख-ए-रशीदी (मिर्जा हैदर दोलगत खा)
↪ ताजिकिरात-ए- हुमायू (बायजीद बयाद)
↪ वाकयात ए मुस्ताकी (रिजकुल्हा मुस्ताकी)
↪ तजकीरात उल वाक़ियात (जौहर आफ़ताबचीं)

◆ अकबर

▪अकबर स्वम पढा लिखा नही था यह संस्कृतिक पुनरुत्थान का युग था
▪अबूल फजल ने अकबर के दरबार मे 59 श्रेष्ठ कवियों का उल्लेख किया है
▪अकबर के समय से दरबारी इतिहास लेखन की परंपरा की सुरुवात की

↪ नफाइस -उल- मासिर (मीर अलाऊ दोला) प्रथम ऐतिहासिक पुस्तक
↪ अकबरनामा (अबुलफजल) तीन जिल्दों में बटी है आखरी जिल्द में आईने अकबरी है
↪ इंसा- ए - अबुलफजल (अबुलफजल) अकबर के पत्रों का संग्रहन
↪ तकमियत - ए- अकबरनामा (इनायत अल्लाह)
↪ तारीख ए हकी (अबूल हक देहलवी)  धार्मिक नीति की कड़ी आलोचना
↪ जुबाउत - उल -तवारीख़ (नूर उल हक)
↪ मुन्तख़ब- उल -तवारीख़ (बदायुनी) इस्लाम विरोधी नीतियों की एक लंबी लिस्ट बनाई
↪दाबिस्तान-ए-मजाहिब (मीर अल्लाउदोला कजविनी)

▪अकबर ने फैजी की देखरेख में एक अनुवाद विभाग की स्थापना की

◆ जहाँगीर

↪ तुजके जहांगीरी (आत्मकथा) प्रथम 12 वर्षो का इतिहास अपने हाथों से लिखा था बाद में 19 वे वर्ष तक मोतमिद खा ने लिखा मुहम्मद हादी ने पूर्ण किया

◆ औरंगजेब
↪ फतवा ए आलमगीरी (शेख निज़ाम सहित 6) क़ानून व्यवस्था हेतु
↪ आलमगीरीनामा (मिर्जा मुहम्मद काजिम)

◆ साहजहां
↪ पादशाहनामा (मुहम्मद अमीनी कजविनी)





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