⭕बनास नदी



🔰बंगाल की खाड़ी की तरफ जाने वाली नदियां

★महेश रहीसा गुरुकुल कोटपूतली★



➖बनास नदी एक मात्र ऐसी नदी है जो संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है।

➖ बन + आस अर्थात बनास अर्थात (वन की आशा) के रूप में जानी जाने वाली यह नदी राजसमंद जिले के अरावली पर्वत श्रेणियों में कुंभलगढ़ के पास 'वीरों का मठ' से निकलती है

➖यह नाथद्वारा, कंकरोली, राजसमंद और भीलवाड़ा जिले में बहती हुई अजमेर ,टौंक, सवाई माधोपुर के पश्चात रामेश्वरम (त्रिवेणी) के नजदीक सवाई माधोपुर की खण्डार तहसील में चंबल में गिर जाती है।

➖ इसकी लंबाई लगभग 512 किलोमीटर है। इसकी सहायक नदियों में बेडच, कोठरी, मांसी, खारी, मुरेल व धुन्ध है।

➖बेडच नदी 190 किलोमीटर लंबी है तथा गोगु्न्दा पहाड़ियों (उदयपुर) से निकलती है। कोठारी नदी उत्तरी राजसमंद जिले के दिवेर पहाड़ियों से निकलती है।

➖ यह 145 किलोमीटर लंबी है तथा यह उदयपुर, भीलवाड़ा में बहती हुई बनास में मिल जाती है।

➖ बनास नदी टोंक जिले में सर्पाकार  हो जाती है

➖इसकी लंबाई लगभग 480 किलोमीटर है। इसकी सहायक नदियों में बेडच, कोठरी, मांसी, खारी, मुरेल व धुन्ध हैं।

👉बनास नदी द्वारा निर्मित तीन त्रिवेणी संगम –

🔖बीगोद स्थान(भीलवाड़ा) – बनास, बेड़च, मेनाल नदियों का संगम है इस स्थान को त्रिवेणी संगम कहते है

🔖राजमहल (देवली, टोंक)- बनास,  डाई,  खारी !

🔖रामेश्वर घाट ( सवाई माधोपुर ) – बनास, चम्बल, सीप!

➖बनास नदी को वर्णाशा, वन की आशा,वशिष्ठी उपनाम से जाना जाता है

➖ राजस्थान के कुल 6 जिलों में इसका प्रवाह  है जिसमें अजमेर में आंशिक प्रवाह होता है

➖बनास नदी राजस्थान में बहने वाली सबसे लंबी नदी है इस नदी का फैलाव का कांकरोली और नाथद्वारा के मध्य है

➖टोंक जिले में बीसलपुर बांध की नदी पर निर्मित है

➖ टोंक जिले में देवली नामक स्थान पर बनास नदी में खारी नदी मिलती है

➖ मेनाल नदी भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ पहाड़ियों से निकलती है

➖ मासी नदी का उद्गम स्थल अजमेर जिले के किशनगढ़ के दक्षिण में स्थित सिलोरा पहाड़ी से हुआ है जयपुर टोंक जिले में बहती हुई बिसलपुर के पास बनास नदी में मिल जाती है

➖ मोरेल नदी का उद्गम चाकसू जयपुर से होता है जयपुर में सवाई माधोपुर की सीमा पर बहती हुए खंडार के पास बनास नदी में मिल जाती है

➖ ढूंढ नदी मोरेल नदी की सहायक नदी है जयपुर के अचरोल से निकलकर दौसा जिले के लालसोट के पास मोरेल नदी में मिल जाती है

➖ बिसलपुर बांध बनास नदी पर टोंक जिले के टोडारायसिंह तहसील के बिसलपुर गांव में बिसलपुर बांध का निर्माण विग्रह राज चतुर्थ ने करवाया था बिसलपुर बांध में अजमेर जिले के किशनगढ़, केकड़ी, नसीराबाद, ब्यावर, टोंक जिले के उनियारा, देवली, टोंक तथा जयपुर के दूदू और जयपुर शहर की पेयजल उपलब्ध करवाया जाता है पेयजल की दृष्टि से बीसलपुर बांध राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है

➖इस नदी पर दो बांध बनाए गए हैः-

(अ) बीसलपुर बांध (टोडारायसिंह कस्बा टोंक)
(ब) ईसरदा बांध (सवाई माधोपुर)

➖बनास नदी का उद्गम भोराठ पठार पर हुवा था

ट्रिक -बना डाई खा
बना _बनास नदी
डाई _डाई नदी
खा  _ खारी नदी राजमहल देवली टोंक में त्रिवेणी संगम की ट्रिक

➖चम्बल की सबसे बड़ी सहायक नही शिप्रा है जो मध्यप्रदेश में है लेकिन राजस्थान में सबसे बड़ी सहायक नही बनास है

➖बनास नदी उपनाम: वन की आशा, वर्णानाशा
उद्गम राजसमंद में कुम्भलगढ़ के निकट खमनौर की पहाडियां राजसमंद, चितौडगढ़, भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक में बहकर सं. माधोपुर की खंडार तहसील में रामेश्वर धाम व पदरा गांव के निकट चंबल नदी में मिल जाती है।

➖ बनास नदी को राजस्थान की यमुना नदी भी कहते हैं

 गुरुकुल एक कदम सफलता की ओर

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