बंगाल की तरफ

⭕पार्वती नदी

★महेश रहीसा गुरुकुल कोटपूतली

➖पार्वती नदी मध्यप्रदेश की विंध्याचल पर्वतमाला के उत्तरी पार्श्व में स्थित सिहोर (म.प्र.) से निकलकर कडैयाहाट (बाँरा) के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है

➖यह 18 किलोमीटर तक राजस्थान व मध्य प्रदेश की सीमा बनाते हुए बाँरा जिले में राजस्थान में प्रवेश करती है तथा बाँरा व कोटा जिले में बहने के बाद पालीया गाँव (सवाईमाधोपुर) के निकट चम्बल नदी में मिल जाती हैँ

➖इसकी सहायक नदियोँ में ल्हासी, अंधेरी, विलास, बरनी, बैँथली आदि प्रमुख हैँ।

➖ मुहाना ==पार्वती नदी सीहोर जिले के आष्टा तहसील के पास बहे सिदिगंज गाव के पास से निकलती है नदी के उद्गम स्थल पर ही रामपुर नामक डेम बना हुआ है।

➖ पार्वती नदी मध्य प्रदेश व कोटा की सीमा का सीमांकन करती है

➖ पार्वती नदी पर धौलपुर जिले में आगाई बांध निर्मित कर धोलपुर जिले को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है

➖पार्वती नदी मध्य प्रदेश की नदी है, जिसे 'पारा' नाम से भी जाना जाता है। यह नदी विन्ध्याचल की पश्चिमी श्रेणियों से निकल कर ग्वालियर प्रदेश में बहती हुई सिन्ध (या काली सिन्ध) में मिल जाती है।

⭕खारी नदी

यह सिरोही के सेर गांव विजराल की पहाड़ियों से निकलती है।सिरोही व जालौर में बहती हुई जालौर के शाहीला में जवाई में मिल जाता है।यहीं से इसका नाम सुकडी-2 हो जाता है।

यह राजसमंद के बिजराल ग्राम की पहाड़ियों से निकलती है ता राजसमंद भीलवाड़ा अजमेर व टोंक में बहकर देवली के निकट बनास में मिल जाती है

➖ आसींद शहर 🔜 टोंक 🔜देवली में समापन

➖इसकी कुल लंबाई 145 किलोमीटर है

⭕गंभीरी नदी

➖मध्यप्रदेश के जावरा की पहाड़ियों (रतलाम) से निकलती है।चित्तौड़गढ़ में निम्बाहेडा में राजस्थान में प्रवेश करती है। चितौड़गढ़ दुर्ग के पास यह बेडच में मिल जाती है।

➖ इस नदी पर निंबाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) में गंभीरी बांध का निर्माण किया गया है यह मिट्टी से निर्मित बांध है

➖ इसका समापन चित्तोड़ के चटीयावली नामक स्थान पर बेड़च नदी में हुआ है

➖इस नदी के किनारे खानवा का मैदान है

⭕मानसी नदी

➖यह भीलवाडा जिले के मांडलगढ़ के करनगढ के पास से निकलकर अजमेर जिले की सीमा पर खारी नदी में मिल जाती है।

➖ यह आसींद व हुरड़ा तहसीलों के कुछ भागों से गुजरती हुई शाहपुरा तहसील के फुलिया की ढाणी भाटा जो एक पवित्र स्नान माना जाता है और जहां शिवजी का मंदिर है खारी नदी में मिल जाती है

⭕कुराल नदी

➖ऊपर माल के पठार से निकलकर बूंदी के पूर्व में बहती हुई चंबल में गिर जाती है

⭕आहू नदी

➖यह नदी मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले से निकलती है तथा झालावाड़ के नंदपुर से राजस्थान में प्रवेश करती है। उसके पश्चात झालावाड़ में बहती हुई गागरोन के पास काली सिंध में मिलती है। यही पर गागरोन का प्रसिद्ध किला भी है।

➖रेवा, पीपलाज तथा क्यासरी इसकी सहायक नदियां है।

➖ गागरोन का किला आहु व कालीसिंध नदियों के संगम पर है

⭕बामनी (ब्राह्मणी) नदी-

यह चम्बल की सहायक नदी है यह नदी चित्तौड़गढ़ के हरिपुरा गांव की पहाड़ियों से निकलती है ओर लगभग 25 किलोमीटर तक बहती है तथा अंत मे भैंसरोडगढ़ के पास चंबल नदी में मिलती है जहां राजस्थान का सबसे बड़ा 18 मीटर ऊंचा चूलिया जलप्रपात है।

➖ यह नदी चित्तौड़गढ़ जिले में बेगू संगोली बराबू व शेरगढ़ गांव से होकर गुजरती है

⭕मेज नदी

➖यह नदी भीलवाड़ा के बिजौलिया से निकलकर कोटा  बूंदी जिले की सीमा में बहती है तथा अंत में सीनपुर के निकट चंबल नदी में मिल जाती है।

➖इसकी सहायक नदी कुराल ऊपर माल के पठार से निकलकर बूंदी में इसमें मिलती है।

➖ इसकी सहायक नदियां बाजन कुराल मांगली ईसकी सहायक नदियां है घोड़ा पछाड़ नदी मांगली की सहायक नदी है जो बिजोलिया की झील से निकलकर मांगली नदी में मिल जाती है मांगली नदी पर प्रसिद्ध भीमलत प्रपात है

➖बजट 2013 14 मई घोषणा की गई कि इस नदी से 2 साल में लिफ्ट कैनाल के जरिए जयपुर के रामगढ़ बांध तक पानी लाया जाएगा

⭕परवन नदी

➖मध्य प्रदेश से निकलकर यह नदी झालावाड़ के मनोहर थाना में प्रवेश करती है तथा कोटा बारा में बहकर प्लायत बारा जिले में काली सिंध नदी में मिल जाती है। निवाज नदी इसकी सहायक नदी है।

➖ बारा जिले में शेरगढ़ अभ्यारण किस नदी के पास है

➖यह अजनार/घोड़ा पछाड की संयुक्त धारा है।यह मध्यप्रदेश के विध्याचल से निकलती है। झालावाड में मनोहर थाना में राजस्थान में प्रवेश करती है।झालावाड़ व बांरा में बहती हुई बांरा में पलायता (नक्से के अनुसार अटा गांव) गांव में काली सिंध में मिल जाती है।

⭕मोरेल नदी

➖यह जयपुर के चैनपुरा(बस्सी) गांव से निकलती है।जयपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर में बहती हुई करौली के हडोती गांव में बनास में मिल जाती है। सवाईमाधोपुर के पिलुखेडा गांव में इस पर मोरेल बांध बना है।

⭕ढुंण्ढ/डुंण्ड

यह जयपुर के अजरोल/अचरोल से निकलती है।जयपुर,दौसा में बहती हुई दौसा लालसोट में यह मोरेल में मिल जाती है। इस नदी के कारण जयपुर के आस-पास का क्षेत्र ढुंढाड कहलाता है।

⭕ नेवज नीमाज

➖मध्य प्रदेश के विंध्य पर्वत के उत्तरी भाग से निकलकर राजगढ़ (मध्य प्रदेश) जिले से होती हुई राजस्थान में झालावाड़ जिले में कोलू खेड़ी के निकट प्रवेश करती है और बारा तथा झालावाड़ की सीमा पर मावासा (अकलेरा) के निकट परवन नदी में मिल जाती है

⭕ काकुड नदी

➖यह एक छोटी नदी है जो बयाना तहसील की दक्षिण पश्चिम सीमा से भरतपुर जिले में प्रवेश करती है

➖इस नदी का जल बारैठा बांध में एकत्रित किया जाता है इस जल का उपयोग बयाना और रूपवास तहसील में सिंचाई के लिए किया जाता है

➖ यह नदी मुख्य पहाड़ी क्षेत्र में प्रवाहित होती है और अनेक जलप्रपातओं का निर्माण करती है

➖दिर नामक जलप्रपात इस का एक प्रसिद्ध जलप्रपात है इसका पानी कभी समाप्त नहीं होता इस नदी के किनारे चैनपुरा और बारैठा नामक गांव स्थित है

⭕ चूहड़सिद्ध नदी

➖ यह नदी अलवर तहसील के चूहडसिद्ध पहाड़ी से निकलती है और पश्चिम से पूर्व की ओर पीपरोली तक प्रवाहित होती है

➖ प्रारंभ में यह नदी उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित होती है फिर शेखपुर के निकट पूर्व की ओर मुड़ती हुई दिल्ली अलवर रोड को पार कर जाती है और अंततः शेखर पुरी के निकट हरियाणा के गुड़गांव जिले में प्रवेश कर जाती है

➖ होलानी ,जीलोली, इस्माइलपुर और बिलासपुर आदी इसकी सहायक नदियां है

⭕ मेंनाली नदी

➖यह छोटी नदी है जो भीलवाड़ा मांडलगढ़ की पहाड़ी से निकलती है और बीगोद के पास बेड़च नदी के साथ बनास नदी में मिल जाती है स्थानीय लोगों को यह स्थान त्रिवेणी कहलाता है इसे बहुत पवित्र माना जाता है

⭕नाकड़ी नदी

➖ यह भी छोटी नदी है और खारी नदी की एक सहायक नदी में से है यह आसींद के पश्चिम में बहुत थोड़े से क्षेत्र में बहती है

⭕ मेज नदी

➖यह नदी भीलवाड़ा जिले से निकलती है और उत्तर में 13 किलोमीटर प्रवाहित होने के पश्चात बूंदी जिले में नेगढ के निकट प्रवेश करती है

➖ फिर उत्तर पूर्वी दिशा में डबलाना तक प्रवाहित होती है इसके पश्चात यह पूर्व दिशा में मुड़ कर लगभग 16 किलोमीटर जाती है ओर दक्षिण की तरफ मुड़ जाती है

➖ अंत मे यह बूंदी जिले के उत्तर पूर्व में सिनपुर के निकट चंबल में मिल जाती है

➖इस प्रकार यह नदी जिले के क्षेत्रों में जल प्रवाह को अपने साथ बहाकर ले जाती है

बाजन और कुराल या मागली इसकी सहायक नदियां है गुड़ा में मेज नदी पर एक बाँध बनाया गया है इस बांध के जल का उपयोग के लिए किया जाता है

⭕ मांगली नदी

➖यह बूंदी जिले के तालेरा तहसील की एक महत्वपूर्ण नदी है और यह मेज नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है यह नदी बांइनस खेड़ा के निकट मेज नदी में मिल जाती है

⭕ इज नदी

 यह नदी चित्तौड़ जिले के भसोरगढ़ तहसील से निकलती है

⭕ घोड़ा पछाड़ नदी

➖यह नदी बिजोलिया झील के निकट है और उत्तर-पूर्व में तालेरा तहसील से प्रभावित होती है अंत में यह सागवाड़ा के निकट मांगली नदी में मिल जाती है यहां इस नदी पर गाददाधा नामक स्थान पर छोटा सा बांध बनाया गया है

⭕गुंजाली नदी

➖यह एक सहायक नदी है जो चंबल में मिल जाती है इसका उद्गम मध्य प्रदेश के जाट गांव के पास से है

➖ दौलतपुरा गांव के निकट यह चित्तौड़गढ़ जिले में प्रवेश करती है और पूर्व में बहती है

➖ चित्तौड़गढ़ जिले में मोरेन अमर गंज कुआं खेड़ा गांव में होकर निकलती है अंततः अरनिया गांव के पास से चंबल नदी में मिल जाती है

⭕ शाहदरा नदी

➖यह एक महत्वपूर्ण नदी है जो टोल्ड इन सागर बांध को भरती है

➖यह नदी अजमेर जिले के दक्षिण में 13 किलोमीटर की दूरी पर अराय गांव से निकलती है

➖दूधिया गांव टोंक जिला के निकट यह मानसी में मिल जाती है तत्पश्चात गलौद गांव पर मानसी के साथ संयुक्त रूप से बनास नदी मिलती है जिले के अंतर्गत बहाव लगभग 75 किलोमीटर क्षेत्र है

⭕ पिपलाज नदी

➖ यह नदी पंचपहाड़ तहसील के मध्य से पूर्व की ओर प्रवाहित होती है यह इस तहसील में कोटला गांव के निकट प्रवेश करती है वह चोकरी के निकट आंहु में मिल जाती है पंच पहाड़ कस्बा इस नदी के किनारे पर स्थित है

⭕ नेवाज नदी

 यह नदी मध्य प्रदेश से निकलती है और दक्षिण दिशा से झालावाड़ जिले में प्रवेश करती है

➖ यह परवन नदी के समांतर प्रवाहित होती है और अंत में अकलेरा तहसील में परवन नदी में मिल जाती है

⭕ रेवा नदी

➖यह नदी मध्य प्रदेश राज्य के भानपुरा तहसील की पहाड़ियों से निकलती और पश्चिम में प्रवाहित होती हुई बुद्ध नगर के निकट झालावाड़ जिले के पंच पहाड़ी तहसील में प्रवेश करती है अंत में नदी भीलवाड़ा गांव के निकट आंखों में मिल जाती है चंद्रभागा नदी यह छोटी नदी है जो सिम ले ली नामक गांव के निकट से निकलती है इसके पश्चात या झालरापाटन तहसील में केवल 7 किलोमीटर प्रवाहित होती है और खारिया गांव के निकट कालीसिंध में मिल जाती है कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर झालरापाटन कस्बे के निकट इंद्रावती नदी नामक स्थान पर स्नान के लिए हजारों व्यक्ति एकत्रित होते हैं नदी की है इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण नदी है वास्तव में अनार और घोड़ा पछाड़ नदी की धारा है मध्य प्रदेश से निकलती है और वाइट होने के पश्चात मनोहर थाना के निकट गई है यदि कालिका नदी मिल जाती है मनोहर थाना नदी बहती है उसके पश्चात पश्चिम दिशा में तहसील की सीमा में बहती हुई उत्तर दिशा में मुड़ जाती है कानपुर की सीमा पर बहती हुई जाती है जाती है नदी के पास है

गुरुकुल ......एक कदम सफलता की और

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