व्यापारिक बैंक अर्थ औऱ कार्य

🔰 व्यापारिक बैंक अर्थ औऱ कार्य

   #गुरुकुल कोटपूतली महेश रहीसा

🔀बैंक सब्द की उत्तपति इटेलियन भाषा के बंको (BANCO) सब्द से हुई

🔀इटली के लोग बेंचो पर बैठकर मुद्रा परिवर्तन का कार्य करते थे कालांतर में जो फ्रांसीसी भाषा के "बैंके"BANK बदलता हुवा अग्रेजी भाषा के 'बैंक' कहा जाने लगा

🔀एक अन्य धारणा के अनुसार बैंक सब्द की व्युत्पत्ति  जर्मन भाषा के 'BANCK'सब्द से हुई जिसका अर्थ 'सम्मिलित स्कंध कोष (Joint Stock Fund) है
🔀आधुनिक बैंकिंग का विकास यूरोप में हुवा बाद में पूरे विश्व में फैल गया

🔰बैंक को परिभाषा

फिण्डले सिराज के अनुसार
 "बैंकर वह व्यक्ति फर्म या कम्पनी है जिसके पास व्यवसाय के लिए ऐसा स्थान हो  जहा मुद्रा अर्थात करेंसी की जमा द्वारा साख का कार्य किया जाता है ओर जिसकी जमा का ड्राफ्ट, चैक या आर्डर द्वारा भुगतना किया जाता है

क्राउथर के अनुसार
"बैंक का कार्य अन्य लोगो से ऋण  लेकर बदले में अपना ऋण प्रदान करके मुद्रा का निर्माण करना है"

भारतीय बैंकिंग कम्पनीज़ एक्ट (1949)
"बैंकिंग से तातपर्य ऋण देने अथवा विनियोजन के लिए जनता का धन जमा करना है जो मांग करने पर लौटाया जा सकता है तथा चैक, ड्राफ्ट व अन्य प्रकार की आज्ञा द्वारा निकाला जा सकता है"

उपरोक्त परिभाषा से स्पष्ट होता है कि "बैंक एक ऐसी संस्था है जो अपने ग्राहक को धन सम्बंधित समस्त लेनदेन सुविधाएं प्रदान करता है"

🔀वह वितीय संस्था जो लोगों के रुपयों को  अपने पास जमा स्वीकारता है उसको उपभोग व निवेश हेतु उधार देता है वाणिज्य बैंक कहलाता है

🔀इसका कार्य जमाओ को स्वीकार करना है,ऋण देना है,बैंक के एजेंट के रूप में कार्य करता है,आंतरिक व विदेशी वित्त प्रबंधन करता है

🔰व्यापारीक बैंक के कार्य

ग्राहकों को सुविधाएं उपलब्ध करवाना,बीमा ,लॉकर,निवेश आदि के अवसर प्रदान करना है

1.जमाएं स्वीकार करना
2.ऋण प्रदान करना
3.साख निर्माण करना
4.एजेन्सी सेवाएं
5.अन्य सेवाएं

🔀व्यापारिक बैंक
ग्राहकों की जमा स्वीकारता है तथा चालू या बचत खातों की छोटी छोटी बचत जमा करता है व बचतों को एकत्रित कर ग्राहकों को ब्याज देता है

🔀बचत खाता
इस प्रकार के खाते छोटे बचत कर्ता अथवा नोकरी पेशा लोग बैंको में खुलवाते है इन जमाओं पर बैंक एक निश्चित दर से ब्याज की अदा करता है इसमे ब्याज दर कम होती है

🔀चालू खाता
इस प्रकार के खाते व्यापारी अथवा उद्योगपति  बैंको में खुलवाते है जिनका दैनिक नकद लेनदेन अधिक होता है इन जमाओ पर बैंक एक न्यूतम दर से ब्याज अदा करता है

🔀अवधि जमाएं
बैंक द्वारा एक निश्चित अवधि के लिए जो जमाएं स्वीकार की जाती हैं उसे अवधि जमा(Fixed Deposit) कहते है इस पर ब्याज दर ऊची होती है

🔀मांग जमाएं
मांग जमाए वे जमाएं होती है जो ग्राहक के द्वारा किसी भी समय मांगे जाने पर बैंको को अदा करनी पड़ती है ऐसी जमाओ पर ब्याज दर कम होती है

🔀व्यापारिक बैंक का दूसरा महत्वपूर्ण कार्य ऋण देना है ये बैंक मुख्यतया गृह, शिक्षा,विवाह,वाहनों को ऋण प्रदान करना है

🔰अधिविकर्ष
अल्प समय मे ग्राहक उस सिमा तक जमा धनराशि अधिक धन राशि निकाल सकते हैं यह सुविधा प्रतिष्ठित साख वाले ग्राहकों के लिए है

3.साख निर्माण
व्यापारीक बैंको का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य साख का सृजन करना है इसका उद्देश्य लाभ कामना है ग्राहकों को ऋण देता है व व्याज वसूलता है

4.एजेंसी सेवाएं
बैंक चैक,विनिमय बिल ड्राफ्ट इत्यादि को स्वीकार करता है
➖वाहक चैक (Bearer Cheque)-इस प्रकार का चैक का नगद भुगतान बैंक चैक प्रस्तुत करने वाले वाहक को कर सकता है
➖रेखांकित चैक(Cross Cheque) इस प्रकार के चैक का भुगतान बैंक चैक बैंक के अंतिम नाम वाले व्यक्ति के खाते में करवाता है

🔀अन्य सेवाएं

➖इंटरनेट बैंकिंग
बैंक 24 घण्टे नेट बैंकिंग की सुविधा अपने ग्राहकों को देता है जिसका ग्राहक कभी भी अपने खाते से भुगतान कर सकता है इसके लिए लॉगिन id व पासवर्ड बैंक अपने ग्राहकों को प्रदान करता है जो गोपनीय होता है
➖ATM सुविधा -व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों को घण्टे 24 आहरण की सुविधा उपलब्ध कराता है
-ATM का पूरा नाम Automated Teller Machine है
➖मोबाइल बैंकिंग
➖लॉकर सुविधा
➖क्रेडिट कार्ड सुविधा

🔰व्यापारिक बैंको द्वारा साख सृजन

आधुनिक बैंकिंग में साख सृजन महत्वपूर्ण है एक तरफ जनता की साख जमा करता है दूसरी तरफ ऋण प्रदान करता है

➖बैंक साख सृजन 2 प्रकार से करते है
1.कागजी मुद्रा के निर्गम द्वारा
2.प्रारम्भिक जमा और व्युत्पन्न जमा द्वारा

🔀कागजी मुद्रा का निर्गमन केंद्रीय बैंक को ही प्राप्त होता है भारत मे यह कार्य रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करता है नोट निर्गमन के लिए न्यूतम कोष प्रणाली का उपयोग करता है

🔀ऋण जमाओ को उत्पन्न करते है और जमाएं ऋणों को जन्म देती है

🔀जमाएं 2 प्रकार की होती हैं

1.प्रारम्भिक जमाएं -वे जमाये जो जमाकर्ता द्वारा वास्तविक मुद्रा के रूप में बैंक में जमा की जाती है
2.व्युत्पन्न जमाए -वे जमाए जो बैंक प्रारभिक जमाओ से प्राप्त राशि से ऋण खाता खोलकर ऋण राशि जमा कराता है

🔀कुल व्युत्पन्न जमाएं=कुल जमाएं -कुल कोषानुपात

🔰साख सृजन की सीमाएं

बैंक असीमित साख सृजन नही करता अनेक आर्थिक दशाएं का इसपर सीधा प्रभाव पड़ता है

1.बैंकिंग विकास का स्तर -जिन देशों में बैंकिंग सेवायें का विकास कम हुवा है वहां साख सृजन क्षमता कम होती है
2.आम लोगो की बैंकिंग की आदत-
3.जिन देशों का व्यवसायिक व ओधोगिक विकास हो चुका है वह साख सृजन अधिक होगा
4.सरल केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति साख सृजन को बढ़ाती है

🔰व्यापारिक बैंकों के प्रकार

➖अनुसूचित बैंक -RBI act. द्वारा दूसरी अनुसूची में शामिल बैंक
➖गैर अनुसूचित बैंक  -वे बैंक जो दूसरी अनुसूची में शामिल नही है
➖14 वाणिज्य बैंको का राष्ट्रीयकरण 19 जुलाई 1969 को हुवा
➖6 वाणिज्य बैंको का राष्ट्रीयकरण 15 अप्रेल 1980 को हुवा
➖14 सितम्बर1993 न्यू बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में विलय हो गया
➖राष्ट्रीयकृत बैंकों की संख्या 19 है

🔀14 बड़े बैंक  राष्ट्रीयकरन के समय बड़े बैंक थे जिनकी जमा पूंजी ₹50 करोड़ से अधिक थी

१.सेण्ट्रल बैंक आफ इंडिया
२.बैंक आफ इंडिया
३.पंजाब नेशनल बैंक
४.यूनाइटेड कॉमर्शियल बैंक
५.सिंडिकेट बैंक
६.बैंक ऑफ बड़ौदा
७. यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया
८.यूनियन बैंक आफ इंडिया
९.देना बैंक
१०.केनरा बैंक
११.इलाहाबाद बैंक
१२.इंडियन बैंक
१३.इंडियन ओवरसीज़ बैंक
१४.बैंक ऑफ महाराष्ट्र

🔀व्यापारिक बैंक 4 प्रकार की जमा स्वीकार करता है

➖सावधि जमा -एक निश्चित लम्बे समय के लिए जमा स्वीकार किया जाता हैं जिसकी ब्याज दर ऊची होती है
➖चालू खाता की जमा
➖बचत बैंक जमा

लेखक डॉ महेश रहीसा गुरुकुल
गुरुकुल ...एक कदम सफलता की और

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