स्वतंत्र व्यापार और सरक्षण
12.Free trade and protection(Customs,Quota,License)
🔰स्वतंत्र व्यापार और सरक्षण
(सिमा शुल्क,कोटा,लाइसेंस)
➖व्यापार की शर्तें उस दर की और संकेत करती है जिस दर पर एक देश की वस्तुएं का दूसरे देश की वस्तुवों से विनिमय होता है
यह दर आयतों के रूप में उस देश के निर्यातो की क्रय शक्ति की माप है और उस देश की निर्यात कीमतें और आयात कीमतों के बीच सम्बन्ध के रूप में व्यक्त की जाती है
सूत्र के रूप में
व्यापार की शर्तें =
आयात का कुल मूल्य/निर्यात का कुल मूल्य
जे एस मिल वह अर्थशास्त्री थे जिन्होने अपने प्रतिपूरक मांग के सिद्धात में व्यापार की शर्तो का उल्लेख किया जाता है
एडम स्मिथ के अनुसार" एक ऐसी वाणिज्य नीति से है जो घरेलू और विदेसी वस्तुओं के मध्य किसी प्रकार का भेद भाव नही करता तथा जो न तो घरेलू वस्तु को किसी प्रकार की छूट देता है और ना विदेसी बस्तु पर कोई अतिरिक्त भार डालता है"
➖स्वतंत्र व्यापार उस नीति को कहा जाता है जिसके अंतर्गत विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं के आयात निर्यात पर कोई प्रतिबंध नही लगाया जाता है
➖स्वतंत्र व्यापार श्रम विभाजन का परिणाम है जब घरेलू श्रम विभाजन देश की सीमाओं से बाहर हो जाता है तो अंतरराष्ट्रीय व्यापार जन्म लेता है
सेम्युसन के अनुसार "स्वतंत्र व्यापार वह स्थिति है जब कोई वाह्य हस्तक्षेप व एकाधिकार ना हो "
प्रवर्तक एडम स्मिथ व समर्थक,रिकार्डो,जे एस मील बेर्टेबल आदि है
🔰स्वतंत्र व्यापार के पक्ष में तर्क
1.कुल उत्पादन को अधिकतम करना इसका उद्देश्य है
2.सस्ता आयात हो
3.एकाधिक्कारात्मक से मुक्ति प्रतियोगिता होती है
4.अंतरराष्ट्रीय स्वर्णमान के अनुकूल है
5.विश्व के संसाधनों का अनुकूलतम प्रयोग होता है
6.अविकसित देशों का आर्थिक विकास होता है ये व्यापार से नई पूजी,नई वस्तुओं का व तकनीकी का आयात कर सकते है
7.राष्ट्रीय आय में वर्द्धि होती है
8.बाजरो का विस्तार होता है
9.उत्पादन तकनीकी में सुधार होता है
10.राष्ट्रों के मध्य परस्पर सहयोग बनता है
11.व्यापार चक्रों के नियंत्रण में सहायक है
12.आयातित वस्तुओं के मूल्य में कमी आती है
13.औधोगिक विकास में प्रगति होती है
14.सरक्षण सम्बन्धी दोष होता है
15.आविष्काररो को प्रोत्साहन मिलता है
प्रो.जगदीश भगवती "स्वतंत्र व्यापार जिसमे किसी भी प्रकार के तटकर,व कोटा,निर्धारित नही किया गया हो, विनिमय प्रतिबंध ना हो ना ही उत्पादन पर प्रतिबंध हो ना आर्थिक सहायता पर प्रतिबंध हो
स्वतंत्र व्यापार के उदहारण
GATT व्यापार एवम प्रसुलक समझौता
WTO विश्व व्यापार संगठन
ECM यूरोपियन साझा बाजार
🔰सरक्षण
ऐसी नीति जिसके अंतर्गत विभिन्न तरीकों से आयात को नियंत्रित किया जाता है या घरेलू उत्पादकों को सहायता देकर उधोगो को प्रोत्साहन किया जाता है
सरक्षण कई रूप से हो सकता है प्रसुलक ,आयात अभ्यस,विनिमय नियंत्रण,कीमत विभेद,राज्य व्यापार आदि
सरक्षण एक ऐसी नीति है जिसके अंतर्गत विभिन्न तरीकों से आयतों को नियंत्रित कर सरक्षण प्रदान करना या उत्पादकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने को सरक्षण व्यापार कहा जाता है
उदेश्य -उधोगो की स्थापना चाए उपभोक्ता के हितों को अस्थाई रूप से परित्याग करना पड़े
🔖सरक्षण व्यापार का प्रारंभिक विश्लेषण 1789 में''अलेक्जेंडर हेमिल्टन" ने अमेरिका की संसद के सम्मुख रखा था
🔖घरेलू उद्योग धंधों को सरक्षण का प्रथम तर्क फ्रेडरिक लिस्ट ने 1841 में दिया था
प्रो.ए. मुराद "राष्ट्र हितों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर प्रतिबंध लगाने की नीति को सरक्षण कहा जाता है"
🔰सरक्षण के उपाय
1.प्रशुल्क प्रतिबंध(प्रशुल्क और तटकर)
2.गैर प्रशुल्क प्रतिबंध (कोटा या अभ्यंस, अनुदान,राशिपातन,प्रतिरोधक कर)
➖सरक्षण का सबसे बड़ा लाभ सरकार को राजस्व प्राप्ति से है इसके अतिरिक्त घरेलू उत्पादन व रोजगार में वर्द्धि करना है
➖ स्वदेस में अधिक कीमत वसूलना व विदेशों से कम कीमत वसूलना राशिपतन कहलाता है
चित्र सरक्षण का प्रभाव
🔰प्रशुल्क
यह एक प्रकार का कर होता है जो अंतरास्ट्रीय सिमा पार करने पर लगाया जाता है चाहे आयात हो या निर्यात यह सीमान्त आयतों पर लगता है
👉प्रकार
राजस्व प्रशुल्क
सरक्षण प्रशुल्क
🔖इष्टतम मुद्रा का विचार रॉबर्ट मुण्डेल ने दिया था
चित्र प्रशुल्क
➖A देश अगर प्रशुल्क लगाता है स्थिति A देश के पक्ष में हो जाएगी
➖A देश कपड़े पर प्रशुल्क लगाता है तो व्यापार शर्त रेखा TOT1 P1M राजस्व के रूप में A देश राजस्व वसूली करता है इसलिए शर्ते A देश के पक्ष में हो जाती है
➖यदि B देश प्रतिशोधात्मक नीति अपनाता है तो यथावत स्थिति बनी रहेगी
🔰कोटा
चित्र
⭕व्यापार की शर्तों को प्रभावित करने वाले तत्व
1.पारस्परिक मांग-जिस देश की पारस्परिक मांग तीव्र होगी व्यापर शर्ते उसके प्रतिकूल होगी
2.प्रशुल्क-जो देश प्रशुल्क लगाता है उसके पक्ष में व्यापार शर्ते होगी
3.कोटा -एकाधिकार के पक्ष में होता है
4.प्रोधोगिकी में परिवर्तन-परिवर्तन करने वाले के विरुद्ध होती है
5.साधन सम्पनता-जिसकी साधन सम्पनता बढ़ती है उसके विपक्ष में
6.मांग में परिवर्तन -जिसकी मांग परिवर्तन उसके विपक्ष में
7.रुचियों में परिवर्तन -जिसकी रुचि बढ़ी उसके विपक्ष में
8.आर्थिक वर्द्धि
9.भुगतान शेष
10.स्फीति व अवस्फीति
11.आयात स्थापन्न
12.अंतरराष्ट्रीय पूजी प्रवाह
13.अवमूल्यन जो करता है उसके विपक्ष में
14.स्थानापन्न वस्तु की उपलब्धता
संयुक्त राज्य अमेरिका का टैरिफ एक्ट ऑफ 1789 अर्थात् प्रशुल्क अधिनियम 1789, जिस पर विशेष रूप से 4 जुलाई को हस्ताक्षर किया गया था, को अख़बारों ने "सेकण्ड डिक्लेयरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस" अर्थात् 'स्वतंत्रता की दूसरी घोषणा' कहा क्योंकि इसका मकसद सार्वभौमिक और स्वतंत्र संयुक्त राज्य अमेरिका के राजनीतिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक आर्थिक साधन बनना था
व्यापार की शर्तें =आयतों का समस्त मूल्य/निर्यातों का समस्त मूल्य
🔰स्वतंत्र व्यापार और सरक्षण
(सिमा शुल्क,कोटा,लाइसेंस)
➖व्यापार की शर्तें उस दर की और संकेत करती है जिस दर पर एक देश की वस्तुएं का दूसरे देश की वस्तुवों से विनिमय होता है
यह दर आयतों के रूप में उस देश के निर्यातो की क्रय शक्ति की माप है और उस देश की निर्यात कीमतें और आयात कीमतों के बीच सम्बन्ध के रूप में व्यक्त की जाती है
सूत्र के रूप में
व्यापार की शर्तें =
आयात का कुल मूल्य/निर्यात का कुल मूल्य
जे एस मिल वह अर्थशास्त्री थे जिन्होने अपने प्रतिपूरक मांग के सिद्धात में व्यापार की शर्तो का उल्लेख किया जाता है
एडम स्मिथ के अनुसार" एक ऐसी वाणिज्य नीति से है जो घरेलू और विदेसी वस्तुओं के मध्य किसी प्रकार का भेद भाव नही करता तथा जो न तो घरेलू वस्तु को किसी प्रकार की छूट देता है और ना विदेसी बस्तु पर कोई अतिरिक्त भार डालता है"
➖स्वतंत्र व्यापार उस नीति को कहा जाता है जिसके अंतर्गत विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं के आयात निर्यात पर कोई प्रतिबंध नही लगाया जाता है
➖स्वतंत्र व्यापार श्रम विभाजन का परिणाम है जब घरेलू श्रम विभाजन देश की सीमाओं से बाहर हो जाता है तो अंतरराष्ट्रीय व्यापार जन्म लेता है
सेम्युसन के अनुसार "स्वतंत्र व्यापार वह स्थिति है जब कोई वाह्य हस्तक्षेप व एकाधिकार ना हो "
प्रवर्तक एडम स्मिथ व समर्थक,रिकार्डो,जे एस मील बेर्टेबल आदि है
🔰स्वतंत्र व्यापार के पक्ष में तर्क
1.कुल उत्पादन को अधिकतम करना इसका उद्देश्य है
2.सस्ता आयात हो
3.एकाधिक्कारात्मक से मुक्ति प्रतियोगिता होती है
4.अंतरराष्ट्रीय स्वर्णमान के अनुकूल है
5.विश्व के संसाधनों का अनुकूलतम प्रयोग होता है
6.अविकसित देशों का आर्थिक विकास होता है ये व्यापार से नई पूजी,नई वस्तुओं का व तकनीकी का आयात कर सकते है
7.राष्ट्रीय आय में वर्द्धि होती है
8.बाजरो का विस्तार होता है
9.उत्पादन तकनीकी में सुधार होता है
10.राष्ट्रों के मध्य परस्पर सहयोग बनता है
11.व्यापार चक्रों के नियंत्रण में सहायक है
12.आयातित वस्तुओं के मूल्य में कमी आती है
13.औधोगिक विकास में प्रगति होती है
14.सरक्षण सम्बन्धी दोष होता है
15.आविष्काररो को प्रोत्साहन मिलता है
प्रो.जगदीश भगवती "स्वतंत्र व्यापार जिसमे किसी भी प्रकार के तटकर,व कोटा,निर्धारित नही किया गया हो, विनिमय प्रतिबंध ना हो ना ही उत्पादन पर प्रतिबंध हो ना आर्थिक सहायता पर प्रतिबंध हो
स्वतंत्र व्यापार के उदहारण
GATT व्यापार एवम प्रसुलक समझौता
WTO विश्व व्यापार संगठन
ECM यूरोपियन साझा बाजार
🔰सरक्षण
ऐसी नीति जिसके अंतर्गत विभिन्न तरीकों से आयात को नियंत्रित किया जाता है या घरेलू उत्पादकों को सहायता देकर उधोगो को प्रोत्साहन किया जाता है
सरक्षण कई रूप से हो सकता है प्रसुलक ,आयात अभ्यस,विनिमय नियंत्रण,कीमत विभेद,राज्य व्यापार आदि
सरक्षण एक ऐसी नीति है जिसके अंतर्गत विभिन्न तरीकों से आयतों को नियंत्रित कर सरक्षण प्रदान करना या उत्पादकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने को सरक्षण व्यापार कहा जाता है
उदेश्य -उधोगो की स्थापना चाए उपभोक्ता के हितों को अस्थाई रूप से परित्याग करना पड़े
🔖सरक्षण व्यापार का प्रारंभिक विश्लेषण 1789 में''अलेक्जेंडर हेमिल्टन" ने अमेरिका की संसद के सम्मुख रखा था
🔖घरेलू उद्योग धंधों को सरक्षण का प्रथम तर्क फ्रेडरिक लिस्ट ने 1841 में दिया था
प्रो.ए. मुराद "राष्ट्र हितों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर प्रतिबंध लगाने की नीति को सरक्षण कहा जाता है"
🔰सरक्षण के उपाय
1.प्रशुल्क प्रतिबंध(प्रशुल्क और तटकर)
2.गैर प्रशुल्क प्रतिबंध (कोटा या अभ्यंस, अनुदान,राशिपातन,प्रतिरोधक कर)
➖सरक्षण का सबसे बड़ा लाभ सरकार को राजस्व प्राप्ति से है इसके अतिरिक्त घरेलू उत्पादन व रोजगार में वर्द्धि करना है
➖ स्वदेस में अधिक कीमत वसूलना व विदेशों से कम कीमत वसूलना राशिपतन कहलाता है
चित्र सरक्षण का प्रभाव
🔰प्रशुल्क
यह एक प्रकार का कर होता है जो अंतरास्ट्रीय सिमा पार करने पर लगाया जाता है चाहे आयात हो या निर्यात यह सीमान्त आयतों पर लगता है
👉प्रकार
राजस्व प्रशुल्क
सरक्षण प्रशुल्क
🔖इष्टतम मुद्रा का विचार रॉबर्ट मुण्डेल ने दिया था
चित्र प्रशुल्क
➖A देश अगर प्रशुल्क लगाता है स्थिति A देश के पक्ष में हो जाएगी
➖A देश कपड़े पर प्रशुल्क लगाता है तो व्यापार शर्त रेखा TOT1 P1M राजस्व के रूप में A देश राजस्व वसूली करता है इसलिए शर्ते A देश के पक्ष में हो जाती है
➖यदि B देश प्रतिशोधात्मक नीति अपनाता है तो यथावत स्थिति बनी रहेगी
🔰कोटा
चित्र
⭕व्यापार की शर्तों को प्रभावित करने वाले तत्व
1.पारस्परिक मांग-जिस देश की पारस्परिक मांग तीव्र होगी व्यापर शर्ते उसके प्रतिकूल होगी
2.प्रशुल्क-जो देश प्रशुल्क लगाता है उसके पक्ष में व्यापार शर्ते होगी
3.कोटा -एकाधिकार के पक्ष में होता है
4.प्रोधोगिकी में परिवर्तन-परिवर्तन करने वाले के विरुद्ध होती है
5.साधन सम्पनता-जिसकी साधन सम्पनता बढ़ती है उसके विपक्ष में
6.मांग में परिवर्तन -जिसकी मांग परिवर्तन उसके विपक्ष में
7.रुचियों में परिवर्तन -जिसकी रुचि बढ़ी उसके विपक्ष में
8.आर्थिक वर्द्धि
9.भुगतान शेष
10.स्फीति व अवस्फीति
11.आयात स्थापन्न
12.अंतरराष्ट्रीय पूजी प्रवाह
13.अवमूल्यन जो करता है उसके विपक्ष में
14.स्थानापन्न वस्तु की उपलब्धता
संयुक्त राज्य अमेरिका का टैरिफ एक्ट ऑफ 1789 अर्थात् प्रशुल्क अधिनियम 1789, जिस पर विशेष रूप से 4 जुलाई को हस्ताक्षर किया गया था, को अख़बारों ने "सेकण्ड डिक्लेयरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस" अर्थात् 'स्वतंत्रता की दूसरी घोषणा' कहा क्योंकि इसका मकसद सार्वभौमिक और स्वतंत्र संयुक्त राज्य अमेरिका के राजनीतिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक आर्थिक साधन बनना था
व्यापार की शर्तें =आयतों का समस्त मूल्य/निर्यातों का समस्त मूल्य
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