राजस्थान की नदियां

⭕सोम नदी

★गुरुकुल कोटपूतली महेश रहीसा

➖यह नदी उदयपुर में ऋषभदेव के पास बाबलवाड़ा के जगलो में  बिछामेडा पहाडीयों से निकलती है।

➖यह उदयपुर व डुंगरपुर में बहती हुई उदयपुर डूंगरपुर की सीमा बनाती है डुंगरपुर के बेणेश्वर में माही में मिलती है।जाखम, गोमती, सारनी, टिंण्डी सहायक नदियां है।

➖उदयपुर में इस पर सोम-कागदर और डुंगरपुर में इस पर सोम-कमला- अम्बा परियोजना बनी है।

⭕जाखम नदी

➖यह प्रतापगढ़ जिले के छोटी सादडी तहसिल में स्थित भंवरमाता की पहाडीयों से निकलती है।प्रतापगढ, उदयपुर, डुगरपुर में बहती हुई डुंगरपुर के लोरवल और बिलूर गांव के निकट यह सोम मे मिल जाती है।करमाइ, सुकली सहायक नदियां है।

➖छोटी सादड़ी में इस पर जाखम बांध बना हुआ है।

➖इस नदी पर प्रतापगढ़ में जाखम बांध बनाया गया हैं। इस बांध का निर्माण जनजाति उपयोजना के अंतर्गत किया गया है, जिसका उद्देश्य प्रतापगढ़, बांसवाड़ा के आदिवासी क्षेत्र का विकास करना हैं।

➖तथ्य
बेणेश्वर धाम-डुंगरपुर नवाटापरा गांव में स्थित है।यहां सोम , माही , जाखम का त्रिवेणी संगम है।

➖इस संगम पर माघ पुर्णिमा को आदिवासीयों का मेला लगता है। इसे आदिवासीयों/भीलों का कुंभ कहते है।

➖ बेणेश्वर धाम की स्थापन संत मावजी ने की थी। पूरे भारत में यही एक मात्र ऐसी जगह है जहां खंण्डित शिवलिंग की पूजा की जाती है।

⭕साबरमती नदी

➖साबरमती नदी का उद्गम उदयपुर जिलें के कोटडा तहसील में स्थित अरावली की पहाडीयों से होता है। 45 कि.मी. राजस्थान में बहने के पश्चात् संभात की खाडी में जाकर समाप्त हो जाती है इसका अधिकतर परवाह गुजरात मे है

➖इस नदी की कुल लम्बाई 416 कि.मी है। गुजरात में इसकी लम्बाई 371 कि.मी. है। राजस्थान में इसका प्रवाह 1% है यह गुजरात की प्रमुख नदी है

➖इसकी बाकल, हथमती, बेतरक, माजम, मेशवा सेई इसकी सहायक नदीयां है।

➖उदयपुर जिले में झीलों को जलापूर्ति के लिए साबरमती नदी में उदयपुर के देवास नामक स्थान पर 11.5 किमी. लम्बी सुरंग निकाली गई है जो राज्य की सबसे लम्बी सुरंग है।

➖गुजरात की राजधानी गांधीनगर साबरमती के तट पर स्थित है। 1915 में गांधी जी ने अहम्दाबाद में साबरमती के तट पर साबरमती आश्रम की स्थापना की

➖यह नदी गुजरात मे साबरकांठा में प्रवेश करती है ओर खम्बात की खाड़ी में गिर जाती है

➖ मानसी वाकल और देवास बांध का पानी कोटडा तालाब में डालकर नंदेश्वर चैनल के जरिए उदयपुर की पिछोला झील में आ रहा है

⭕पश्चिमी बनास

➖अरावली के पश्चिमी ढाल सिरोही के नया सानवारा गांव से निकलती है। और गुजरात के बनास कांठा जिले में प्रवेश करती है। गुजरात मेे बहती हुई अन्त में कच्छ की खाड़ी में विलीन हो जाती है।

➖ सुकडी, गोहलन, धारवेल इसकी सहायक नदियां है।

➖गुजरात का प्रसिद्ध शहर दीसा या डीसा नदी के किनारे स्थित है।

➖सीपू नदी पश्चिम बनास की सबसे महत्वपूर्ण सहायक नदी है

➖इसका उद्गम ब्यावर की पहाड़ियों से होता है और पाली शहर के पश्चिम में जैतारण तहसील के सुमेल ओर रास नामक गाँव मे प्रवाहित होती है यह निम्बोलक नामक गाँव मे इसका समापन लूनी नदी में  हो जाता है

➖ इसी नाम की एक दूसरी नदी अरावली पर्वत श्रेणी से निकलती है और गोरिया और बोयल नामक गांव में प्रवाहित होती हुई लगभग 45 किलोमीटर दूरी तय करती है

⭕जवाई नदी

➖यह लुनी की मुख्य सहायक नदी है।यह नदी पाली जिले के बाली तहसील के गोरीया गांव से निकलती है।पाली व जालौर में बहती हुई बाडमेर के गुढा में लुनी में मिल जाती है।

➖सुमेरपुर पाली के निकट इस पर जवाई बांध बना हुवा है

⭕अनास नदी

इसका उद्गम  मध्यप्रदेश में अम्बेर गाँव में होता है राजस्थान में प्रवेश मेलड़ीखेड़ा (बांसवाड़ा) में प्रवेश करती है इसका समापन गुजरात-डूंगरपुर सीमा पर गलियाकोट (डूंगरपुर में) माहि में मिल जाती है

➖हेरन इसकी सहायक नदी है

⭕ ऐराव नदी

➖यह नदी प्रतापगढ़ नामक स्थान से निकलती है और बांसवाड़ा जिले के सेमलिया नाम के स्थान पर प्रवेश करती है तथा दक्षिण पश्चिम की ओर प्रवाहित हुई माही नदी में मिल जाती है

⭕जोजडी नदी

➖यह नागौर के पंडलु या पौडलु गांव की पहाड़ियों से निकलती है। जोधपुर में बहती हुई जोधपुर के ददिया गांव में लूनी में मिल जाती है।

यह लुनी की एकमात्र ऐसी नदी है। जो अरावली से नहीं निकलती और लुनी में दांयी दिशा से आकर मिलती है।

🔜यह नदी अरावली श्रेणी से नहीं निकलती है तथा लूणी में पश्चिम दिशा में मिलने वाली एकमात्र नदी है यह लूणी नदी की एकमात्र सहायक नदी है जो उसकी दाईं ओर से मिलती है ज्ञातव्य है कि लूणी की अन्य सभी सहायक नदियां का उदगम अरावली पहाड़ियों से होता है

➖ जोधपुर शहर के पास गुजरने वाली जोजड़ी नदी पर करीब 30 किलोमीटर लंबाई में फ्रांस की राजधानी पेरिस की तर्ज पर वॉटरफ्रंट पर्यटन स्थल विकसित करने के महत्वकांशी योजना बनाई गई है सालावास से बोरानाडा गांव के मध्य वाटर प्लांट पर्यटन स्थल विकसित किया जाएगा

⭕सुकडी-1
यह पाली के देसुरी से निकलती है।पाली व जालौर में बहती हुई बाडमेर के समदडी गांव में लुनी में मिल जाती है।

➖यह माजल बरवा के निकट बाड़मेर जिले में प्रवेश करती है फिर 15 किलोमीटर बहकर समदड़ी के निकट लुणी नदी में मिल जाती है

➖इसकी कुल लम्बाई 100 मिल है यह बरसाती नदी है इसके किनारे माजल और जलिया गांव स्थित है

तथ्य
जालौर के बांकली गांव में बांकली बांध बना है।

⭕मित्री नदी

➖एक छोटी नदी है जो जालौर की अरावली पहाड़ी से निकलती है

➖जालौर जिले के आहोर तहसील में मैदान में लुप्त हो जाती है डुडिया गांव से पुनः निकल आती है

➖बाड़मेर में रजिया गांव में प्रवेश करती है मोतीसरा सेवना तहसील में राखी गांव में प्रवाहित होती है

⭕सुकड़ी न 2
प्रारम्भ में यह नदी बाड़मेर जिले के धावन गांव में प्रवेश करती है फिर 20 किलोमीटर प्रवाहित होने के पश्चात गोलियां गांव के निकट लुणी में मिल जाती है

गुहिया पाली
सुकेल जालौर
मोरेन डूगरपुर
मीठड़ी पाली
सागी जालौर
वाकल गोगुन्दा
सूकली सिरोही
जोझरी जोधपुर

गुरुकुल एक कदम सफलता की और

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