राजस्‍थान लोक सेवा आयोग (RPSC)

🔰राजस्‍थान लोक सेवा आयोग (RPSC)

गुरुकुल कोटपूतली महेश रहीसा

➖राजस्‍थान लोक सेवा आयोग का अभूतपूर्व इतिहास है। वर्ष 1923 में ली कमिशन ने भारत में एक संघ लोक सेवा आयोग की स्‍थापना की सिफारिश की थी किन्‍तु इस कमिशन ने प्रांतो में लोक सेवा आयोगों की स्‍थापना के बारें में कोई विचार नहीं किया।

➖प्रांतीय सरकारे अपनी आवश्‍यकतानुसार नियुक्तियां करने एवं राज्‍य सेवा नियम बनाने हेतु स्‍वतंत्र थी।

➖राजस्‍थान राज्‍य के गठन के समय कुल 22 प्रांतों में से मात्र 3 प्रांत-जयपुर, जोधपुर एवं बीकानेर में ही लोक सेवा आयोग कार्यरत थे ।

➖रियासतों के एकीकरण के बाद गठित राजस्‍थान राज्‍य के तत्‍कालीन प्रबंधन ने 16 अगस्‍त, 1949 को एक अध्‍यादेश के अधीन राजस्‍थान लोक सेवा आयोग की स्‍थापना जयपुर में की ।

➖ इस अध्‍यादेश का प्रकाशन राजस्‍थान के राजपत्र में 20 अगस्‍त 1949 को हुआ और इसी तिथी से अध्‍यादेश प्रभाव में आया ।

➖ इस अध्‍यादेश के द्वारा राज्‍य में कार्यरत अन्‍य लोक सेवा आयोग एवं लोक सेवा आयोग की तरह कार्यरत अन्‍य संस्‍थाऐं बंद कर दी गयी ।

➖अध्‍यादेश में आयोग के गठन, कर्मचारीगण एवं आयोग के कार्यो संबधित नियम भी तय किये गये ।

➖आंरभिक चरण में आयोग में एक अध्‍यक्ष एवं दो सदस्‍य थे । राजस्‍थान के तत्‍कालीन मुख्‍य न्‍यायाधीश सर एस.के. घोष को अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया गया ।

➖ तत्‍पश्‍चात श्री देवीशंकर तिवारी एवं श्री एन.आर. चन्‍दोरकर की नियुक्‍ती सदस्‍यों के रूप में एवं संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्‍य श्री एस.सी. त्रिपाठी, आई.ई.एस की नियुक्‍ती अध्‍यक्ष के रूप में की गयी ।

➖वर्ष 1951 में आयोग के कार्यो को नियमित करने के उद्देश्‍य से राज प्रमुख द्वारा भारत के संविधान के अनुसार निम्‍न नियम पारित किये गये-

1. राजस्‍थान लोक सेवा आयोग सेवा की शर्ते नियम, 1951 एवं
2. राजस्‍थान लोक सेवा आयोग कार्यो की सीमा नियम, 1951

➖लोक सेवा आयोगों के द्वारा सम्‍पादित किये जाने वाले महत्‍वपूर्ण कार्यो एवं उनकी निष्‍पक्ष कार्य प्रणाली के कारण भारतीय संविधान में इनका महत्‍वपूर्ण स्‍थान है

➖अनुच्‍छेद संख्‍या 16, 234, 315 से 323 तक विशेष रूप से लोक सेवा आयोगों के कार्य एवं अधिकार क्षेत्र के संबंध में है ।

➖राजस्‍थान लोक सेवा आयोग की कार्य प्रणाली राजस्‍थान लोक सेवा आयोग नियम एवं शर्ते, 1963 एवं राजस्‍थान लोक सेवा आयोग (शर्ते एवं प्रक्रिया का मान्‍यकरण अध्‍यादेश 1975 एवं नियम 1976) के द्वारा तय की जाती है ।

🔖 राज्य में  लोक सेवकों की भर्ती करने के लिए सविधान के 14वे भाग में अनुछेद 315 से 323 तक राज्य लोक सेवा आयोग का गठन कार्य,सक्ति,सदस्यों की नियुक्ति आदि का प्रावधान है

🔰आयोग अवलोकन

➖गठन - 20 अगस्त 1949
➖पूर्ववर्ती एजेंसियों -राज्य लोक सेवा आयोग/लोक सेवा आयोग
➖अधिकारक्षेत्र भारत गणराज्य
➖वर्तमान मुख्यालय घूँघरा घाटी अजमेर
➖आयोग कार्यपालक दीपक उप्रेती, अध्यक्ष

 👉राजस्थान लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष व सात अन्य सदस्य होते है जिन्हें राज्य का राजपाल नियुक्त करता है।

➖सविंधान में आयोग की सदस्य संख्या का उल्लेख नही किया गया है।यह राज्यपाल के विवेक पर छोड़ दिया गया है।

➖आयोग के अध्यक्ष व सदस्य पद ग्रहण करने की तारीख से 6वर्ष की अवधि तक या 62 वर्ष की आयु तक,इनमे जो भी पहले हो,तक अपना पद धारण कर सकते हैं।

➖ राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्य की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं लेकिन इन्हें केवल राष्ट्रपति ही हटा सकते हैं।

➖राजस्थान लोक सेवा आयोग सविधान के भाग 14 अनुच्छेद 315-323 तक प्रावधान है

➖1956 में सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर मुख्यालय जयपुर से स्थानान्तरण अजमेर किया गया

👉अनुच्छेद 315 (1) में प्रत्येक राज्य में एक लोक सेवा आयोग होगा
👉अनुच्छेद 315(2) में दो राज्यो का सयुक्त लोक सेवा आयोग होगा
👉अनुच्छेद 316 - अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति व कार्यकाल
👉अनुच्छेद 316(1)- नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर की जाती है
👉अनुच्छेद 316(3)- सदस्य अपने पदावली की समाप्ति पर उस पद पर पुनः नियुक्त नहीं किए जा सकेंगे

🔝 सदस्य अपना त्यागपत्र राज्यपाल को संबोधित करते हुए हस्ताक्षर सहित लेख बंध अपना त्याग कर सकेगा
👉अनुच्छेद 317 लोक सेवा आयोग के सदस्यों की बर्खास्तगी व निलंबन
👉अनुच्छेद 318 आयोग के कर्मचारियों व सदस्यों की सेवा शर्तों के नियमन की शक्ति
👉अनुच्छेद 319 आयोग के किसी सदस्य द्वारा सदस्य न रहने पर उस सदस्य पर प्रतिबंध
👉अनुच्छेद 320 लोक सेवा आयोग के कर्तव्य
👉अनुच्छेद 321 लोक सेवा आयोग के कर्तव्य वर्दी की शक्ति
👉अनुच्छेद 322 लोक सेवा आयोग का विस्तार
👉अनुच्छेद 323 लोक सेवा आयोग की रिपोर्ट


➖अपने कार्य का वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल को देना

⭕कुछ वर्गों के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध -

➖अनुच्छेद 330 के अनुसार लोकसभा में अनुसुचित जातियों और जन जातियों के लिए स्थानों का आरक्षण किया गया है।

➖लोकसभा में दो आंग्ल भारतीयों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है(अनुच्छेद 331)।

➖अनुच्छेद 332 और 333 में राज्य विधान सभाओं में अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति के आरक्षण की तथा एक आंग्ल भारतिय के प्रतिनिधित्व की व्यवस्था की गयी है।

➖राज्य लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक निकाय है
है

➖ किसी राज्य के राज्यपाल के अनुरोध पर तथा राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति से संघ लोक सेवा आयोग उस राज्य के लिए भी कार्य कर सकता है

➖राज्य लोक सेवा आयोग की अध्यक्ष व सदस्य को पद से राष्ट्रपति हटा सकता है

➖ राष्ट्रपति राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष सदस्यों को उनके कदाचार के कारण हटा सकता है
➖ कदाचार के मामले में राष्ट्रपति इसे उच्चतम न्यायालय को संदर्भित करता है

➖न्यायालय द्वारा की जा रही जांच के दौरान राज्यपाल अध्यक्ष व अन्य सदस्यों को निलंबित कर सकता है

➖राज्य लोक सेवा आयोग हर वर्ष अपने कार्यों की रिपोर्ट राज्यपाल को देता है


➖ राज्य लोक सेवा आयोग के द्वारा दिए गए सुझाव सलाहकारी प्रवृत्ति के होते हैं

➖राज्य लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष SK घोष है


Rpsc के अध्यक्षों की सूची

1 DR. एस. के घोष

(01मार्च 1949 से27 जुलाई 1950 तक)
एक साल सात महीने

2 श्री एस सी त्रिपाठी

(28 जुलाई 1950 से 07अगस्त 1951 तक)

3 श्री देवी संकर तिवारी

(8 अगस्त1951 से 20 जनवरी 1958 तक)

4 श्री एम एम वर्मा

(20जनवरी1958 से 03 दिसम्बर 1958)

5 श्री एल एल जोशी

(04 दिसम्बर 1958 से 31जुलाई1960)

6 श्री वी वी नार्लीकर

01-08-1960 31-07-1966

7 श्री आर सी चौधरी

8 बी डी माथुर

09-10-1971 23-06-1973

9 आर एस कपूर

24-06-1973 10-06-1975

10 मोहमद याकूब

27-06-1975 30-06-1979

11 SHRI H. D. GUPTA

10-09-1980 09-06-1983

12 SHRI R. S. CHOUHAN

30-06-1979 10-06-1980

13 SHRI S ADVIYAPPA

10-06-1983 26-03-1985

14 DR DEEN DAYAL

26-03-1985 07-11-1985

15 SHRI J. M. KHAN

08-11-1985 27-11-1989

16 SHRI S. C. SINGARIA (OFF.)

27-11-1989 05-09-1990

17 SHRI YATINDRA SINGH

05-09-1990 06-10-1995

18 SHRI HANUMAN PRASAD

06-10-1995 30-09-1997

19 SHRI P. S. YADAV

01-10-1997 06-11-1997

20 SHRI DEVENDRA SINGH

06-11-1997 30-12-2000

21 SHRI N. K. BERWA

31-12-2000 22-03-2004

22 SHRI G. S. TAK

15-07-2004 04-07-2006

23 SHRI H. N. MEENA (Officiating)

04-07-2006 19-09-2006

24 SHRI C. R. CHOUDHARY

23-02-2008 28-02-2010

25 SHRI M. L. KUMAWAT

28-02-2010 01-07-2011

26 PROF. B.M. SHARMA

01-07-2011 31-08-2012

27 Dr. HABBIB KHAN GAURAN

31-08-2012 (A/N) 22-09-2014

1968 में सदस्यों की संख्या 2 से बढ़कर तीन कर दी गई
-1973 में संख्या 4
-1981 में संख्या 5
-2011 में संख्या 7 कर दी गई

गुरुकुल एक कदम सफलता की औऱ

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