विश्व व्यापार संगठन(WTO)

14.Foreign Direct Investment, WTO, World Bank and IMF
-Demographic Dividend in India
🔰 विदेशी प्रत्यक्ष निवेश,
-विश्व व्यापार संगठन(WTO)
-विश्व बैंक।  (world Bank)
-अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)

🔰प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

➖यह विनियोग एक देश की निजी विदेशी संस्थाओं द्वारा दूसरे देश की निजी या सार्वजनिक संस्थाओं में किया जाता है

➖ इस विनियोग का दूसरा नाम विदेशी उद्यमी विनियोग भी है

➖प्रत्यक्ष निजी विदेशी विनियोग दो प्रकार का होता है
1.प्रत्यक्ष विदेशी विनियोग
2.पोर्टफोलियो विनियोग

प्रत्यक्ष विदेशी विनियोग में विदेशी पूंजी पतियों का कंपनी पर स्वामित्व के साथ साथ प्रबंधकिये नियंत्रण भी रहता है

 इसके विपरीत पोर्टफोलियो स्वामित्व में प्रभुत्व एवं नियंत्रण विदेशी पूंजी पतियों का नहीं रहता बल्कि प्रभुत्व नियंत्रण उसके देश पर ही छोड़ देते हैं जिस देश में कंपनी स्थापित है इस प्रकार विनियोग पर केवल ब्याज या निश्चित लाभांश की गारंटी होती है इस प्रकार से विनियोग में विनियोग करता अपने ऊपर जोखिम नहीं लेता और न प्रबंध पर नियंत्रण करता है

➖किसी एक देश की कंपनी का दूसरे देश में किया गया निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कहलाता है।

➖ ऐसे निवेश से निवेशकों को दूसरे देश की उस कंपनी के प्रबंधन में कुछ हिस्सा हासिल हो जाता है जिसमें उसका पैसा लगता है। आमतौर पर माना यह जाता है कि किसी निवेश को एफडीआई का दर्जा दिलाने के लिए कम-से-कम कंपनी में विदेशी निवेशक को 10 फीसदी शेयर खरीदना पड़ता है। इसके साथ उसे निवेश वाली कंपनी में मताधिकार भी हासिल करना पड़ता है।

 (१) ग्रीन फील्ड निवेश - इसके तहत दूसरे देश में एक नई कम्पनी स्थापित की जाती है
(२) पोर्टफोलियो निवेश - इसके तहत किसी विदेशी कंपनी के शेयर खरीद लिए जाते हैं या उसके स्वामित्व वाले विदेशी कंपनी का अधिग्रहण कर लिया जाता है।

🔰 विश्व व्यापार संगठन (WTO)


➖विश्व व्यापार संगठन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विश्व व्यापार के लिए नियम बनाता है

➖इसकी स्थापना 1 जनवरी 1995 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनाए गए गैट(GATT) के स्थान पर लाने के लिए की गई थी

➖वर्तमान समय में इसके 164 सदस्य हैं

➖अध्यक्ष वर्तमान-रॉबर्ट अज्बेड़ा

➖WTO का मुख्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैंड)में है

➖इसके प्रारम्भिक सदस्य 77 थे (वर्ष 1995 में)

➖बैठक द्विवर्षीय होती है

➖1944 में ब्रिटेन वुड्स सम्मेलन के परिणाम स्वरूप अंतराष्ट्रीय व्यापार की योजना बनाई गई ,1946 में सयुक्त राष्ट्र संघ ने चार्टर बनाने का कार्य किया जिस पर 23 राष्ट्रों ने (हवाना क्यूबा) में हस्ताक्षर किए

🔖विश्व व्यापार संगठन का इतिहास 15 अप्रैल, 1994 से प्रारम्भ होता है जब मोरक्को के एक शहर “मराकेश” में चार दिवसीय वार्ता प्रारम्भ हुई थी. इस सम्मेलन की अध्यक्षता “प्रशुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौता”, जिसे “गैट/GATT” कहते हैं, के प्रथम महानिदेशक पीटर सदरलैंड ने की थी. वस्तुतः इसी सम्मलेन में “गैट” को नया नाम “विश्व व्यापार संगठन/Word Trade Organization/WTO” दिया गया

🔖 यह संगठन 1 जनवरी, 1995 से अस्तित्व में आया. इसके प्रथम स्थायी अध्यक्ष इटली के एक प्रमुख व्यवसायी रेनटो रुगियरो (Renato Ruggiero) बनाए गये

🔖विश्व व्यापार संगठन का मूल “प्रशुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौता”/”GATT” (General Agreement on Tariffs and Trade) में निहित है. GATT की स्थापना 1948 में मूलतः 23 संस्थापक देशों द्वारा की गई थी जिनमें भारत भी एक था.

🔖GATT के तत्त्वावधान में हुई आठवें दौर की वार्ता (1986-1994) के फलस्वरूप 1 जनवरी, 1995 को “विश्व व्यापार संगठन” (World Trade Organisation) जा जन्म हुआ, जिसे “उरग्वे दौर” के नाम से जाना जाता है

🔖 पीटर सदरलैंड ने अपने एक भाषण में कहा था कि विश्व व्यापार संगठन का उद्देश्य विश्व के देशों को व्यापार एवं तकनीकी क्षेत्रों में एक नई राह पर लाना है. World trade organization का मुख्य उद्देश्य विश्व में मुक्त, अधिक पारदर्शी तथा अधिक अनुमन्य व्यापार व्यवस्था को स्थापित करना है.

 🔖विश्व व्यापार संगठन की स्थापना के बाद से मंत्रिस्तर के 11 सम्मलेन हो चुके हैं. हाल ही में दिसम्बर, 2017 में WTO का 11वाँ मंत्रिस्तरीय सम्मलेन अर्जेंटीना की राजधानी Buenos Aires शहर में आयोजित हुआ. विदित हो कि WTO का पहला सम्मलेन सिंगापुर में दिसम्बर 1996 में हुआ था.

➖WTO की अगली मंत्रिस्तरीय बैठक 2020 में होने जा रही है. यह बैठक कजाखिस्तान के अस्ताना में आयोजित होगी. मध्य एशिया में इस प्रकार की बैठक पहली बार हो रही है.

♻WTO के सचिव और महानिदेशक जेनेवा में निवास करते हैं।

♻ सचिवालय जिसमें अब केवल 550 लोग काम करते हैं और संगठन के सभी पहलुओं के संचालन का प्रशासनिक कार्य संभालते हैं।

♻सचिवालय के पास कानूनी निर्णय लेने की कोई शक्ति नहीं है लेकिन ऐसा करने वालों को यह महत्वपूर्ण सेवाएं और परामर्श प्रदान करता है।

⚜WTO की संरचना



WTO की मूल संरचना में निम्नलिखित निकाय हैं–

1.मंत्रिस्तरीय सम्मेलन

यह  WTO का शासी निकाय है यह संगठन की रणनीतिक दिशा तय करने और अपने अधिकार क्षेत्र के तहत समझौतों पर सभी अंतिम निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें सभी सदस्य देशों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री होते हैं।

2.सामान्य काउंसिल :
व्यवहार में, ज्यादातर मामलों के लिए यह WTO का फैसला करने वाला मुख्य अंग है। इसमें सभी सदस्य देशों के वरिष्ठ प्रतिनिधि (सामान्यतः  राजदूत स्तर के) होते हैं।

यह WTO के प्रतिदिन के कारोबार और प्रबंधन की देखरेख के लिए जिम्मेदार होता है।

नीचे वर्णित निकायों में से कई सीधे सामान्य काउंसिल को रिपोर्ट करते हैं।

3.व्यापार नीति समीक्षा निकाय : यह उरुग्वे राउंड के बाद बने व्यापार नीति समीक्षा तंत्र की देखरख करता है। यह सभी सदस्य देशों की व्यापार नीतियों की आवधिक समीक्षा करता है। इसमें भी डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य होते हैं।

4.विवाद निपटान निकाय
जिन देशों के बीच व्यापार सम्बन्धी कोई विवाद होता है तो वे इसी निकाय के सामने अपील कर न्याय मांगते हैं I यह सभी WTO समझौतों के लिए विवाद समाधान प्रक्रिया के कार्यान्वयन और प्रभावशीलता एवं WTO विवादों पर दिए गए फैसलों के कार्यान्वयन की देखरेख करता है। इसमें भी डब्ल्यूडीओ के सभी सदस्य होते हैं।

5.वस्तुओं एवं सेवाओं में व्यापार पर परिषद
 : यह वस्तुओं ( कपड़ा और कृषि जैसे) और सेवाओं में व्यापार पर हुए आम एवं विशेष समझौतों के विवरणों की समीक्षा के लिए तंत्र प्रदान करते हैं। यह जनरल काउंसिल के जनादेश के तहत काम करती है। इसमें सभी सदस्य देश शामिल रहते हैं।

🔰 WTO के कार्य

व्यापार वार्ता करना
कानूनों का कार्यान्वयन और निगरानी
व्यापार विवादों का निपटारा
व्यापार क्षमता का निर्माण

WTO के लाभ

➖लागत में कटोती और जीवन स्तर में सुधार
➖विवादो को निपटाने और व्यापार तनाव में कमी
➖आर्थिक विकास और रोजगार को प्रोत्साहित
➖अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार कर की लागत में कटौती
➖प्रोत्साहित सुशासन
➖मदद के देशों का विकास
➖कमजोर को एक मजबूत आवाज देना
➖पर्यावरण और स्वास्थ्य का समर्थन
➖शांति और स्थिरता के लिए योगदान
➖सुर्खियों से टकराने के बिना प्रभावी हो।



➖WTO की अगली मंत्रिस्तरीय बैठक 2020 में होने जा रही है. यह बैठक कजाखिस्तान के अस्ताना में आयोजित होगी. मध्य एशिया में इस प्रकार की बैठक पहली बार हो रही है.

🔰WTO के नए सदस्य

159 वा सदस्य -तजाकिस्तान 2013
160 वा सदस्य -यमन (26 जून 2014)
161 वा सदस्य - सेल्सश (26 अप्रेल 2015
162 वा सदस्य -नाइजीरिया 2015
163 वा सदस्य - लाइबेरिया 10 दिसम्बर 2015
164 वा सदस्य - अफगानिस्तान 19 दिसम्बर 2015



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