वन संसाधन

18.Main features of economy of Rajasthan-Forest,water, mineral and Livestock resources;
Drought and Famine; tourism development

राजस्थान की अर्थव्यवस्था की विशेषता
➖वन संसाधन
➖जल संसाधन
➖खनिज संसाधन
➖पशु संसाधन
➖सूखा और अकाल
➖पर्यटन विकास

🔰राजस्थान में वन का क्षेत्र

2014-15 के अनुसार कुल भौगोलिक क्षेत्र 3,42,67,469 हेक्टर है जिसमे से 2,739819 हैक्टर वन क्षेत्र है जो इसका 8.0 % है


वनों का वर्गीकरण -
इसे चार भागों में बाटा गया है

♻सुष्क सागवान वन

दक्षिण राजस्थान के बाँसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में पाया जाता है

उदयपुर,चितौड, तथा कोटा के कुछ भाग सामील है

वर्षा 75 से110 सेमी. तक होती है

यह वनों के लगभग 7%भाग में फैले है

 ♻मिश्रित पतझड़ वन

राजस्थान में पतझड़ मौसम मार्च -अप्रेल के महीने में गर्मियों में सुरु होने से पहले होता है

धोक,ढाक, खैर,साल,बॉस व्रक्ष मिलते है

ये वन 27% भाग पर विस्तृत है

♻सुष्क वन

इन वनों में पेड़ आकर में बहुत छोटे होते है

राजस्थान के उत्तर पश्चिम भाग में पाए जाते है

खेजड़ी,रोहिड़ा,बेर,केर, थोर, आदि झाड़ियां उगते है

बेर से बने पत्तों से बना पाला भी पसुओ को खिलाते है

ये वन क्षेत्र 2/3 भाग पर (लगभग 65%) में पाए जाते है

♻अर्द्ध उष्ण सदाबहार वन

आबू पर्वत क्षेत्र में पाई जाती है

कुल वन क्षेत्र का 0.4 %भाग पाया जाता है

➖2016-17 में प्रचलित किमतों पर वानिकी से लगभग 22115 करोड़ रुपय की आमदनी सकल मूल्य वर्धन से हुई जो राज्य के GSVA का 3.1%थी

देश मे कुल व्यर्थ भूमि का लगभग 1/5 भाग अकेले राजस्थान में पाया जाता है

♻वनों के विकास के लिए सरकारी कार्यक्रम संचालन
1.वन विभाग
2.भुसरक्षण विभाग
3.कमाण्ड क्षेत्र विकास विभाग
4.मरुस्थल विकास प्रोग्राम के अंतर्गत
5.सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम के अंतर्गत
6.पूर्व में जवाहर रोजगार योजना
7.आकाशीय बीजारोपण कार्यक्रम

➖जल सरक्षण एवं वरक्षरोपन के लिए Project for Development of Water Catchment through Greening of Rajsthan की घोषणा 2018-19 के बजट में की गई थी



➖राज्य के 17 जिलों में 151 करोड़ की लागत से 22700 हेक्टर भूमि जलसरक्षण व वन विकास के कार्यो के कार्य करवाया जायेगे

राजस्थान के 10 जिलों अलवर, जयपुर, सीकर,झुंझुनूं, नागौर,पाली,उदयपुर, चितौड़गढ़, बाँसवाड़ा,व सिरोही में जापान सरकार के सहयोग से 1992-93 में अरावली में वरक्षरोपन कार्यक्रम किया गया था

इसका कार्यकाल 31 मार्च 2000 को समाप्त हो गया था

♻इंद्रा गांधी परियोजना

जापान के सहयोग से 1991/92 में।प्रारम्भ की गई इसका कार्यकाल 5 फरवरी 200 को समाप्त हो गया

♻राजस्थान वानिकी व जैव विविधता परियोजना 2003 -04

जापान के सहयोग से 35 करोड़ की योजना है

♻गैर अरावली व गैर वानिकी विकास परियोजना 1995-2002

राजस्थान के 15 जिलों में 145 करोड़ की लागत से प्रारंभ

♻बनास भू जल सरक्षण स्कीम

1999-2000 में राजस्थान के 4 जिलों टोंक ,जयपुर,सवाई माधोपुर, व दौसा में 10 करोड़ के व्यय पर चालू की गई

♻राजस्थान वानिकी व जैव विविधता प्रोजेक्ट -द्वितीय

जापान अंतरराष्ट्रीय सहकारी एजेंसी JICA की  सहायता से 8 वर्षो तक संचालित किया

इसका संचालन 15 जिलों के लिए होगा बीकानेर, जेशलमेर,जोधपुर, पाली,सीकर,झुंझुनूं, नागौर,चूरू,बाड़मेर,जालौर, सिरोही,भीलवाड़ा,बाँसवाड़ा,डूंगरपुर व जयपुर

इसके अंतर्गत 83,650 हेक्टेयर का विकाश होगा

🔖भारत अनुपात की दृष्टि से अधिकतम अनुपात करौली व न्यूतम अनुपात जोधपुर में आका गया है




🔰राजस्थान में वन ISFR-2017

●केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा ने 12 फरवरी, 2018 को जारी की गई ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2017′ के तहत राजस्थान में 466 वर्ग किमी. हरित क्षेत्र बढ़ गया है

➖जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर जैसे रेगिस्तानी जिलों में बढ़ी सबसे अधिक हरियाली – भारतीय वन सर्वे 2017 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में दो साल में 466 वर्ग किलोमीटर बढ़ गया वन

★राज्य में 466 वर्ग किलोमीटर हरियाली बढ़ गई है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधीन आने वाले देहरादून स्थित भारतीय वन सर्वे 2017 की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।

★ रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 21 जिलों में 673 वर्गकिलोमीटर वन क्षेत्र का इजाफा हुआ है,
जबकि प्रदेश के 12 जिलों के लिए चिंता की बात है कि वहां पर 207 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र घट गया है।

★ वन क्षेत्र बढ़ाने के मामले में राजस्थान देश का सातवां राज्य है। पहली बार भारतीय वन सर्वे ने राज्य के 33 जिलों में वन क्षेत्र का आंकलन किया गया है। – इससे पहले केवल 29 जिलों में ही वन क्षेत्र का आंकलन किया जाता रहा है।

★ आंकलन के अनुसार 2015 के 85 वर्गकिलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ने मुकाबले 2017 में में 466 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ गया है।
जो इससे पहले 2013 के मुकाबले 2015 में 85 वर्गकिलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ गया था।

★2015 की रिपोर्ट में अलवर, भीलवाड़ा, बुंदी, चूरू,धौलपुर, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, टोंक और उदयपुर ऐसे जिले थे, जहां वन क्षेत्र न तो घटा था और न ही बढ़ा था। ताजा रिपोर्ट में वन क्षेत्र में बदलाव हुआ है। – खास यह है कि जैसलमेर, बाड़मेर, बूंदी, जालोर जैसे जिलों में सबसे अधिक वन क्षेत्र बढ़ा हैं।

●-जबकि प्रतापगढ़, बारा, चित्तौरगढ़ और कोटा जैसे जिलों में वन क्षेत्र तेजी से कम हुआ है।

● रिपोर्ट के अनुसार अब राज्य में 16572 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है।

★इन 21जिलों में बढ़ा वन क्षेत्र
1●जैसलमेर में 88वर्ग किलोमीटर
2●बाड़मेर में 86वर्ग किलोमीटर
3●बूंदी में 82 वर्ग किलोमीटर
4●जालोर में 77 वर्ग किलोमीटर
5●जयपुर में 49 वर्ग किलोमीटर
6●डूंगरपुर में 41वर्ग किलोमीटर
7●झालावाड़ में 34 वर्ग किलोमीटर
8●श्रीगंगानगर 33 वर्ग किलोमीटर
9●राजसमंद में 30 वर्ग किलोमीटर
10●सवाई माधोपुर में 30 वर्ग किलोमीटर
11●बीकानेर में 28वर्ग किलोमीटर
12●उदयपुर में 26 वर्ग किलोमीटर
13●नागौर में 22 वर्ग किलोमीटर
14●अजमेर 13वर्ग किलोमीटर
15●भरतपुर 13 वर्ग किलोमीटर
16●जोधपुर में 10 वर्ग किलोमीटर
17●सिरोही में 03 वर्ग किलोमीटर
18●झुझूनू में 03 वर्ग किलोमीटर
19●दौसा में 02 वर्ग किलोमीटर
20●बांसवाड़ा में 02वर्ग किलोमीटर
21●सीकर में 01वर्ग किलोमीटर
वन क्षेत्र बढ़ा

★ इन 12 जिलों में घट गया वन क्षेत्र
1●प्रतापगढ़ में 48 वर्ग किलोमीटर
2●बारा में 44,वर्ग किलोमीटर
3●चित्तौडगढ में 40, वर्ग किलोमीटर
4●कोटा 29, वर्ग किलोमीटर
5●हनुमानगढ़ में 12, वर्ग किलोमीटर
6●पाली 09,वर्ग किलोमीटर
7●धौलपुर में 07, वर्ग किलोमीटर
8●करौली में 07, वर्ग किलोमीटर
9●चुरू में 04,वर्ग किलोमीटर
10●टोंक में 04वर्ग किलोमीटर
11●अलवर में 02वर्ग किलोमीटर
12●भीलवाड़ा में 01,वर्ग किलोमीटर

★देश में वन बढ़ाने में सातवें नंबर पर राजस्थान
राज्य- वन क्षेत्र बढ़ा
1●आंध्र प्रदेश- 2141 वर्ग किलोमीटर
2●कर्नाटक- 1101 वर्ग किलोमीटर
3●केरला- 1043 वर्ग किलोमीटर
4●उड़ीसा- 885 वर्ग किलोमीटर
5●असम- 567 वर्ग किलोमीटर
6●तेलंगाना- 565 वर्ग किलोमीटर
7●राजस्थान- 466 वर्ग किलोमीटर

★देश में वन क्षेत्र की दृष्टि से राजस्थान का स्थान
कुल राज्य व केंद्रशासित प्रदेश में 36 में से 9वाँ स्थान है

★मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्लांटेशन किया गया। इसका असर अब राज्य में हरियाली बढ़ने के तौर पर सामने आ रहा है। आने वाले समय में राज्य में हरियाली और भी बढ़ेगी

●आईएसएफआर 2017 के मुताबिक राजस्थान में कुल 16,572 वर्ग किमी. वन क्षेत्र है।जो राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का4.84 प्रतिशत है।

●राज्य में अत्यंत सघन वन क्षेत्र 78,
सामान्य सघन वन 4,340 और खुले वन 12,154 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैले है।

●भारत वन स्थिति रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में अभिलेखित वन 32,737 वर्ग किमी. है, जो कि इसके कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 9.57% है।

★प्रदेश के अभिलेखित वन 32,737 वर्ग किमी.
1●संरक्षितवन 18217 किमी (55.64%)
2●आरक्षित वन 12475 किमी (38.11%)
3●अवर्गीकृत 2045 (6.25% )

●राज्य में कुल वनावरण : 16,572 वर्ग किमी.

●राज्य में कुल वृक्षावरण : 8,266 वर्ग किमी.

●राज्य में कुल वनावरण एवं वृक्षावरण : 24,838 वर्ग किमी.

●राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का : 7.26%

●भारत के वन एवं वृक्षावरण का : 3.10%

●प्रति व्यक्ति वन एवं वृक्षावरण : 0.04 हैक्टेयर

★राज्य के कुल वन क्षेत्र में सर्वाधिक वन क्षेत्र वाले जिले क्रमश :
1●उदयपुर 2,764 वर्ग किमी.
2●अलवर 1,197 वर्ग किमी.
3●प्रतापगढ़ 1,044 वर्ग किमी.
4●बारा 1,013 वर्ग किमी.

★राज्य के कुल वन क्षेत्र में न्यूनतम वन क्षेत्र वाले जिले क्रमशः
1●चूरू – 82 वर्ग किमी.
2●हनुमानगढ़ 90 वर्ग किमी.
3●जोधपुर 105 वर्ग किमी.
4●गंगानगर 113 वर्ग किमी.

★सर्वाधिक प्रतिशत ( जिले के भौगोलिक क्षेत्रफल का ) वन क्षेत्र वाले जिले क्रमशः
1●उदयपुर 58%
2●प्रतापगढ़ 47%
3●सिरोही 80%
4●करौली 75%

★न्यूनतम प्रतिशत ( जिले के भौगोलिक क्षेत्रफल का ) वन क्षेत्र वाले जिले क्रमशः
1●जोधपुर 46%
2●चूरू 59%
3●नागौर 81%
4●जैसलमेर 82%

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