अर्थशास्त्र में कार्यात्मक सम्बन्ध ग्राफ का उपयोग


17.Functional relationship in Economics and use of graphs, measures of dispersion,
correlation and Index Number

🔰अर्थशास्त्र में कार्यात्मक सम्बन्ध
ग्राफ का उपयोग
अपिकरन की मापे
सहसम्बन्ध
निर्देशाक

🔰ग्राफ

सांख्यकी आकड़ो का ग्राफ पेपर पर प्रदर्शन ग्राफ कहलाता है इसमे श्रम व समय की बचत होती है

ग्राफ समको को प्रदर्शित करने को सरल,बोधगम्य व तुलनात्मक बनाता है

आर्थिक समस्या के विश्लेषण हेतु आकड़ो का संग्रहन आवश्यक है

♻प्राथमिक आंकड़े

संग्रहनकर्ता द्वारा पहली बार आरम्भ से अंत तक नए आकड़ो को नए सिरे से एकत्र करना संग्रहन में व्यक्ति जांच पड़ताल करके, पूछताछ करके,प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होकर जानकारी प्राप्त करता है

♻द्वितीय आंकड़े -

वे आंकड़े जो पहले अन्य संस्था द्वारा या व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत किये जा चुके है अनुसंधान कर्ता इनका उपयोग करता है

विभिन्न व्यक्तियों द्वारा डाटा एकत्र सूचना सर्वेक्षण है

⚜प्राथमिक समको का संग्रहन

1.प्रत्यक्ष व्यक्तिगत साक्षात्कार

इसमे व्यक्ति स्वम जाकर आंकड़े संग्रहन करता है
ली प्ले ने मजदूरी आय व्यय का संग्रहन किया
आर्थर यंग ने कृषि उत्पादन आकड़ो का संग्रहन किया

🔖गुण -
ये आंकड़े सुद्ध होते है
इनसे विस्तृत सूचना प्राप्त होती है
इनमे सजातीयता पाई जाती है
इसमे रचनाशीलता पाई जाती है

🔖दोष

सीमित क्षेत्र होता है
पक्षपात पाया जाता है
अत्यधिक अपव्यय होता है
भ्रामक निष्कर्ष निकलते है

2.अप्रत्यक्ष मौखिक अनुसंधान

इसमे सूचना तृतीय पक्ष से प्राप्त की जाती है उदाहरण मजदूरों के रहन सहन की व्याख्या मजदूर सँघ द्वारा की जाती है

🔖गुण
मितव्ययिता पाई जाती है
विशेषज्ञों की रॉय ली जाती है
इसका क्षेत्र विस्तृत होता है

🔖दोष
इससे अप्रत्यक्ष सूचना मिलती है
इसमे साक्षियों में दोष पाया जा सकता है

3.स्थानीय स्रोत व सवदाता से सूचना प्राप्त करना

4.सूचकों द्वारा अनुसूची भरवा कर सूचना प्राप्त करना

5.प्रगणकों द्वारा सूची भरकर सूचना प्राप्त करना

➖अनुसूची तथा प्रश्नावली प्रगणकों की सहायता से भरवाना

इसमे प्रश्नों की संख्या कम होती हैं, प्रश्न सरल व स्पष्ट होते है,संशिप्त होते है,विकल्प हा या ना में होता है

🔰द्वितीय समको का संग्रहन

1.प्रकासित स्रोत
अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन
सरकारी प्रकाशन
अर्द्ध सरकारी प्रकाशन
समिति आयोग रिपोर्ट
व्यापारी संस्था प्रकाशन
पत्र पत्रिका प्रकाशन

ब.अप्रकाशित स्रोत

➖प्राथमिक समको की उपयुक्त रीति
अनुसंधान की प्रकृति,उद्देश्य व क्षेत्र ,उपलब्ध समय साधनों पर निर्भर करता है

➖प्रश्नावली में प्रश्न
परीमितोतर (सरचित)
मुक्तोतर(असरचित)

♻समको का चित्रमय प्रदर्शन

समक प्रदर्शन विधि
चित्रमय विधि प्रदर्शन
बिंदुरेखिये प्रदर्शन

🔖एक विमा चित्र एक विस्तार वाले चित्र एक ऊँचाई विस्तार का प्रयोग किया जाता है

 रेखाचित्र



ख. सरल दण्ड चित्र

पदमूल्यो के अनुपात में लम्बाई व चौड़ाई समान होती है इनमे बराबर अंतर पाया जाता हर

चित्र


ग.बहुदंडी चित्र

दो या दो से अधिक अंक समूह आधर पर तुलना इसे युगल व त्रिदण्ड चित्र भी कहते है



घ अंतर विभक्त दण्ड आरेख

समको का जोड़ा विभिन विभागों को प्रदर्शित करता है

ड़ प्रतिशत अंतर विभक्त आंकड़े

पहले जोड़कर % प्रतिशत बनाया जाता है  फिर प्रतिशत निकालकर प्रदर्शित किया जाता है

➖दी दिशा चित्र  परस्पर विरोधी स्वरूम को प्रदर्शित आधार रेखा के ऊपर नीचे करना है

♻सहसम्बन्ध

➖सहसम्बन्ध दो राशियों में साथ साथ परिवर्तन होने की प्रवृत्ति का माप करता है

➖सहसंबंध आर्थिक व्यवहार के अध्ययन एवं विश्लेषण में सहायक है

➖ सहसम्बन्ध चरो में किसी प्रकार का और कितना संबंध है इसका अध्ययन से सहसम्बन्ध विश्लेषण कहा जाता है

➖दो चरो का एक ही दिशा में परिवर्तन धनात्मक /प्रत्यक्ष सहसंबंध कहलाता है

➖ दो चरो में विपरीत दिशा में एक दूसरे से अलग तो ऋणआत्मक सहसम्बन्ध कहलाता है

➖सहसम्बन्ध की विधियां
1.बिंदु रेखीय विधि
2.विच्छेप बिंदु विधि
3.संबंध सारणी विधि
4.कार्ल पियर्सन का सहसंबंध गुणांक
5.सहगामी विचलन गुणांक
6. स्पीयर मैन कोटि सहसंबंध गुणांक

चित्र .



 प्रत्यक्ष रीति

🔰सूचकांक Index Number

आर्थिक व व्यापारिक क्षेत्रो में होने वाले परिवर्तन का मापन एवम विश्लेषण में सहायक है इसे आर्थिक बैरोमीटर कहते है

सर्वप्रथम सूचकांक का निर्माण कार्ली इटली ने 1764 में किया था

आर्थिक दाब मापक यंत्र बैरोमीटर सूचकांक है

➖सूचकांक का विश्लेषण अध्ययन कर भविष्य नीति का निर्धारण करता है

➖सूचकांक किसी देश की आर्थिक गतिविधियों का घोतक है

➖सूचकांक बनाने से पूर्व उद्देश्य निर्धारित किये जाते है

➖प्रतिशत का माध्य ही सांख्यकी सूचकांक है

➖उपयोग
जटिल तथ्यों को सरल बनाना
तुलनात्मक अध्ययन करना
भावी प्रकृति का संकेतक
नीति निर्धारण में सहायक
अवस्फीति में उपयोगी
थोक मूल्य सूचकांक में उपयोगी
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में उपयोगी
व्यवसायिक क्रिया में उपयोगी

 चित्र सूत्र




🔖आधार वर्ष
 दी गई अंक कीसी अवधि की एक निश्चित अनुपात को दर्शाता है निश्चित अवधि आधार वर्ष है

🔖उपभोक्ता कीमत सूचकांक उपभोक्ता द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तु सेवा केंद्रों के आधार पर होने वाले परिवर्तनों को मापते है रहन-सहन स्तर पर

🔖थोक मूल्य सूचकांक थोक बाजार में विक्रय की जाने वाली वस्तुओं को थोक कीमत के आधार पर कीमतों में परिवर्तन को थोक मूल्य सूचकांक आ जाता है

लेस्पीयर सूचकांक चित्र




➖परिमाणात्मक सूचकांक उत्पादन की भौतिक मात्रा निर्माण रोजगार में परिवर्तन को मापता है

भारत मे 3 कीमत सूचकांक
औधोगिक श्रमिक हेतु
सहरी गैर सहरी कर्मचारी
कृषि श्रमिको के के लिए

➖उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की गणना पारिवारिक बजट रीति व सामूहिक विधि द्वारा किया जाता है

➖सूचकांक बनाते समय ध्यान रखा जाता है
सूचकांक के उद्देश्य क्या है
आधार  वर्ष का चुनाव
वस्तुओं का चुनाव
कीमतों का चुनाव
भार देने का ढंग
माध्य का चुनाव पर ध्यान दिया जाता है

सिरोबन्ध सूचकांक  को बंद कर दिया जाता है उस बंद सूचकांक आधार मानकर नया सूचना में तैयार किया जाता है ऐसी स्थिति में तुलना हेतु आवश्यकता होती है कि नहीं सूचकांक माला पुरानी श्रेणी से संबंधित कर दिया जाए इसे सिरोंबंद कहते हैं

सूचकांक स्थिर मूल्य का निर्वाहन में परिवर्तन के अनुकूल आए मजदूरों को संशोधन की प्रक्रिया है

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