मंत्री परिषद
🔰मंत्रिपरिषद
1.मंत्रिपरिषद का गठन प्रधानमंत्री की सलाह से राष्ट्रपति कार्यो के संचालन हेतु करता है ( अनुच्छेद 74 )
2.अनुच्छेद 74(1) यह उपबंधित करता है कि राष्ट्रपति को उसके कृत्यों के संचालन एवं शक्तियों के प्रयोग में सहायता और मंत्रणा देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी। मंत्रिपरिषद प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कार्य करती है।
3.संघ मंत्रिमण्डल में ही कार्यपालिका की वास्तविक शक्ति निहित है तथा राष्ट्रपति संघ मंत्रिमण्डल की सलाह के अनुसार अपनी शक्तियों का प्रयोग करता है।
4.अनुच्छेद 75 (1) प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति स्वीवेक से करता है जो बहुमत दल का नेता हो तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर करता है
5.अनुछेद 75 (क) मंत्रिपरिषद कुल लोकसभा सदस्यों का 15 % होता है (91 वा संसोधन 2003 की धारा 2 अनुसार )
6.अनुछेद 75(2) मंत्रिपरिषद का कार्यकाल राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त होता है (मंत्रिपरिषद व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी राष्ट्रपति के प्रति होगा)
7.अनुछेद 75(3) मंत्रिपरिषद सामुहिक रूप से लोकसभा के प्रति जिमेदार होगा
🔝केवल मंत्रिपरिषद संसद के प्रति उत्तरदायी होगा
8.अनुछेद 75(4) सपथ का उल्लेख जो राष्ट्रपति दिलाता है
9.अनुच्छेद 75 (5) में अगर कोई मंत्री सदन का सदस्य नही है तो 6 माह में सदस्यता लेनी पड़ेगी
10.अनुच्छेद 75(6)वेतन भत्ते संसद द्वारा निर्धारित होते है
11.मंत्रिपरिषद के भाग
👉केबिनेट मंत्री (वरिष्ठ मंत्री जिनको मिलाकर मंत्रिमंडल बनाया जाता है)
👉राज्यमंत्री (सहायता हेतु बनाये जाते है) जब तक बुलाया ना जाये तब तक भाग नही ले सकते)
👉उपमंत्री केबिनेट व राज्यमंत्री की सहायता हेतु नियुक्त
12.15 अगस्त 1947 को 18 मन्त्रालय थे वर्तमान में 55 मंत्रालय है
13.मंत्रिपरिषद का सविधान में वर्णन नही मंत्रिमंडल का अनुच्छेद 352 में प्रयोग किया गया है जो 44 वे संसोधन द्वारा जोड़ा गया है )
14.अनुछेद 88 मंत्री जिस सदन का सदस्य नही उस सदन में मत का अधिकार नही होगा
15.मंत्रिमंडल सब्द ब्रिटेन के सविधान से लिया गया है चक्र के भीतर चक्र मंत्रिमंडल में आते है
16.कार्य
राष्ट्रीय नीतियों का निर्माण करना
प्रसासनिक कार्य करना
वैधानिक कार्य करना
वितीय कार्य
नियुक्तियों
समन्यवय
आपातकाल में राष्ट्रपति की सक्तियो का प्रयोग करना
जाच पड़ताल करना
🔰भारत का प्रधानमंत्री व उसकी शक्तियां (अनुच्छेद 74-78 तक)
1.प्रधानमंत्री सासन की धुरी है जो विधायिका तथा कार्यपालिका दोनों का वास्तविक प्रधान है तथा रास्ट्रपति व मंत्रिपरिषद के बीच सवांद की कड़ी है
2. प्रमुख अनुच्छेद
➖अनु.74 राष्ट्रपति के कार्यो की सलाह हेतु मंत्रिपरिषद होगा उसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा
➖अनु.75 लोकसभा में बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्ति करेगा व उसकी सिफारिश पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करेगा
➖75(1) प्रधानमंत्री की नियुक्ति रास्ट्रपति द्वारा एवम मंत्रिपरिषद की इनकी सलाह पर नियुक्त करेगा
➖75(2)मंत्री व्यक्तिगत रूप से रास्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होगा
➖75(3) सामुहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होगा
➖75(4)सपथ तीसरी अनुसूची अनुसार
➖76(5) सदस्य नही होने पर 6 माह में सदस्यता प्राप्त करनी होगी
➖अनु.78 प्रधान मंत्री का कर्त्तव्य है कि समय समय पर गतिविधियों की को राष्ट्रपति को अवगत करवाएगा
3.प्रधानमंत्री नीति आयोग, राष्ट्रीय विकास परिषद, व मंत्रिमंडल का मुखिया होगा
4. राज्यसभा -सांसद जो प्रधानमंत्री बने उनमें 1966 में इंदिरा गांधी, देवगौड़ा(1996) और हाल ही में मनमोहन सिंह(2004, 2009), राज्यसभा-सांसद थे
1.मंत्रिपरिषद का गठन प्रधानमंत्री की सलाह से राष्ट्रपति कार्यो के संचालन हेतु करता है ( अनुच्छेद 74 )
2.अनुच्छेद 74(1) यह उपबंधित करता है कि राष्ट्रपति को उसके कृत्यों के संचालन एवं शक्तियों के प्रयोग में सहायता और मंत्रणा देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी। मंत्रिपरिषद प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कार्य करती है।
3.संघ मंत्रिमण्डल में ही कार्यपालिका की वास्तविक शक्ति निहित है तथा राष्ट्रपति संघ मंत्रिमण्डल की सलाह के अनुसार अपनी शक्तियों का प्रयोग करता है।
4.अनुच्छेद 75 (1) प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति स्वीवेक से करता है जो बहुमत दल का नेता हो तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर करता है
5.अनुछेद 75 (क) मंत्रिपरिषद कुल लोकसभा सदस्यों का 15 % होता है (91 वा संसोधन 2003 की धारा 2 अनुसार )
6.अनुछेद 75(2) मंत्रिपरिषद का कार्यकाल राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त होता है (मंत्रिपरिषद व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी राष्ट्रपति के प्रति होगा)
7.अनुछेद 75(3) मंत्रिपरिषद सामुहिक रूप से लोकसभा के प्रति जिमेदार होगा
🔝केवल मंत्रिपरिषद संसद के प्रति उत्तरदायी होगा
8.अनुछेद 75(4) सपथ का उल्लेख जो राष्ट्रपति दिलाता है
9.अनुच्छेद 75 (5) में अगर कोई मंत्री सदन का सदस्य नही है तो 6 माह में सदस्यता लेनी पड़ेगी
10.अनुच्छेद 75(6)वेतन भत्ते संसद द्वारा निर्धारित होते है
11.मंत्रिपरिषद के भाग
👉केबिनेट मंत्री (वरिष्ठ मंत्री जिनको मिलाकर मंत्रिमंडल बनाया जाता है)
👉राज्यमंत्री (सहायता हेतु बनाये जाते है) जब तक बुलाया ना जाये तब तक भाग नही ले सकते)
👉उपमंत्री केबिनेट व राज्यमंत्री की सहायता हेतु नियुक्त
12.15 अगस्त 1947 को 18 मन्त्रालय थे वर्तमान में 55 मंत्रालय है
13.मंत्रिपरिषद का सविधान में वर्णन नही मंत्रिमंडल का अनुच्छेद 352 में प्रयोग किया गया है जो 44 वे संसोधन द्वारा जोड़ा गया है )
14.अनुछेद 88 मंत्री जिस सदन का सदस्य नही उस सदन में मत का अधिकार नही होगा
15.मंत्रिमंडल सब्द ब्रिटेन के सविधान से लिया गया है चक्र के भीतर चक्र मंत्रिमंडल में आते है
16.कार्य
राष्ट्रीय नीतियों का निर्माण करना
प्रसासनिक कार्य करना
वैधानिक कार्य करना
वितीय कार्य
नियुक्तियों
समन्यवय
आपातकाल में राष्ट्रपति की सक्तियो का प्रयोग करना
जाच पड़ताल करना
🔰भारत का प्रधानमंत्री व उसकी शक्तियां (अनुच्छेद 74-78 तक)
1.प्रधानमंत्री सासन की धुरी है जो विधायिका तथा कार्यपालिका दोनों का वास्तविक प्रधान है तथा रास्ट्रपति व मंत्रिपरिषद के बीच सवांद की कड़ी है
2. प्रमुख अनुच्छेद
➖अनु.74 राष्ट्रपति के कार्यो की सलाह हेतु मंत्रिपरिषद होगा उसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा
➖अनु.75 लोकसभा में बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्ति करेगा व उसकी सिफारिश पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करेगा
➖75(1) प्रधानमंत्री की नियुक्ति रास्ट्रपति द्वारा एवम मंत्रिपरिषद की इनकी सलाह पर नियुक्त करेगा
➖75(2)मंत्री व्यक्तिगत रूप से रास्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होगा
➖75(3) सामुहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होगा
➖75(4)सपथ तीसरी अनुसूची अनुसार
➖76(5) सदस्य नही होने पर 6 माह में सदस्यता प्राप्त करनी होगी
➖अनु.78 प्रधान मंत्री का कर्त्तव्य है कि समय समय पर गतिविधियों की को राष्ट्रपति को अवगत करवाएगा
3.प्रधानमंत्री नीति आयोग, राष्ट्रीय विकास परिषद, व मंत्रिमंडल का मुखिया होगा
4. राज्यसभा -सांसद जो प्रधानमंत्री बने उनमें 1966 में इंदिरा गांधी, देवगौड़ा(1996) और हाल ही में मनमोहन सिंह(2004, 2009), राज्यसभा-सांसद थे
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