मनोविज्ञान
🔰 मनोविज्ञान का अर्थ ,परिभाषा एवम विशेषता
▪मनोविज्ञान (Psychology) शब्द ग्रीक शब्द “Psyche”(साइके ) और “Logos”(लोगोस) के मिलकर बना है
▪Psyche शब्द का अर्थ “आत्मा” और Logos (लोगोस) शब्द का अर्थ होता है “अध्ययन”इस प्रकार Psychology का शाब्दिक अर्थ है – “आत्मा का अध्ययन”।
▪मनोविज्ञान में मानव मस्तिष्क एवं व्यवहार का अध्ययन वातावरण के परिपेक्ष्य में किया जाता है और इसके अनुप्रयोगों को हमारे दैनिक जीवन को सरल, सहज एवं सार्थक बनाने में उपयोग किया जाता है
🔝मनोविज्ञान की उतपत्ति दर्शनशास्त्र से हुई है इसे मनोविज्ञान की जननी कहा जाता है
▪मनोविज्ञान का जनक "अरस्तू "को कहा जाता है
▪जिस शास्त्र में आत्मा परमात्मा व ब्रह्म का ज्ञान होता है उसे दर्शनशास्त्र कहते है
▪शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान वह साखा है जिसका सम्बन्ध पढ़ाने या सिखाने से है
🔸शिक्षा का अर्थ विधा प्राप्त करने से है
▪मनोविज्ञान सब्द का सर्वप्रथम प्रयोग "रुडोल्फ गोइकिल" ने 1590 में अपनी पुस्तक 'साइकोलोजीया ' में किया था
▪शिक्षा मनोविज्ञान का विकास 1900 ई में हुवा तथा इसका निश्चित स्वरूप धारण 1920 में किया गया
▪1940 में अमेरिका में अमेरिकन साइक्लोजीकल एसोसिएशन की स्थापना हुई
▪1947 में "नेशनल सिकरेटरी आफ कालेज टीचर आफ एजुकेशन " से क्रमगत विकास को आगे बढ़ाया
▪मनोविज्ञान विषय का आरम्भ इसलिए हुवा की हमे मानव को समझना है
▪अरस्तू के अनुसार :-
हमारी इंद्रिय आँख, नाक, कान ,जीभ व त्वचा ये इंद्रिय अपना ज्ञान आत्मा को ले जाकर देती है हमारे सरीर का प्रमुख केंद्र आत्मा है
🔝आत्मा के विज्ञान से पूर्व मनोविज्ञान को अंतःकरण का विज्ञान कहा जाता था
🔸केलर ने अपनी पुस्तक साइक्लोजी में लिखा है मनोविज्ञान की जननी दर्शनशास्त्र है तथा जनक अरस्तू है
🔘मनोविज्ञान का क्रमागत ऐतिहासिक विकास
1.आत्मा का विज्ञान
2.मन का विज्ञान
3.चेतना का विज्ञान
4.व्यवहार एवम अनुभूति का विज्ञान
☯ 1.आत्मा का विज्ञान
▪इसके समर्थक अरस्तू, प्लूटो, डेकार्ट ,रुडोल्फ गोइक व रूसो थे
▪प्रारम्भ में मनोविज्ञान को आत्मा का अध्ययन माना गया था
🔝गेरिट के अनुसार Psychologe (साइक्लोजी) सब्द ग्रीक भाषा के दो सब्द
➖साइकी + लोगस
➖Psychae + Logos से हुवा है इसका शाब्दिक अर्थ आत्मा का विज्ञान है (विज्ञान किसी वस्तु का व्यवस्थित अध्ययन है
Note :- यहा Psychologe सब्द अंग्रेजी का है जबकि विभाजित सब्द ग्रीक या यूनानी सब्द है
♨आलोचना - आत्मा का कोई स्वरूप नही है ना इसका कोई रंग है ना कोई स्पष्ट परिभाषा है इसलिए यह परिभाषा 16 वी शताब्दी तक मान्य रही
▪प्लूटो ने सर्वप्रथम रिपब्लिक में मनोविज्ञान को आत्मा का अध्ययन माना था
☯ 2.मन / मस्तिष्क का विज्ञान
▪इसका प्रयोग पोम्पॉनजी (इटली) थे तथा इसका समर्थक जोनलॉक, थॉमस रीड ,रिचेरी व लिवजीग थे
▪इनके अनुसार मनोविज्ञान मन या मस्तिष्क का अध्ययन है
♨आलोचना
मन का रंग , स्वाद ,रूप ,प्रकार नही है इसलिए मन का स्वरूप अनिश्चित है इसलिए इसे अस्वीकार कर दिया गया
▪मन चंचल है पांच इंद्रियों का संचालन मन कहलाता है "मेकडुगल
☯3.चेतना का विज्ञान
▪इसका विकास 19 वी शताब्दी में मनोविज्ञान को मनुष्य की चेतन क्रियाओं का अध्ययन माना है
▪इसका प्रयोग विलियम वुंट(जर्मनी) ,विलियम जेम्स (अमेरिका),जेम्स सली वाईट्स ने किया
▪मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला लिपजिग में 1879 ई में विलियम जेम्स वुंट ने किया प्रयोगशाला में आत्मनिरीक्षण विधि का प्रयोग चेतना के रूप में किया गया है
🔝इस प्रयोग के कारण विलियम वुंट को प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का जनक कहा जाता है
⚠भारत मे सर्वप्रथम प्रयोग कलकत्ता वी वि में N.N सेन ने किया
▪मस्तिष्क का आंतरिक रूप चेतना कहलाती है
▪चेतना मूर्त होती है इस पर प्रयोग किये जा सकते है
▪फ्राइड के अनुसार चेतना के तीन प्रकार होते है
⚠ चेतन मन (मस्तिष्क का 1 / 10 भाग)
⚠अचेतन मन (मस्तिष्क का 9/10 भाग)
⚠अर्द्ध चेतन
🔝"चेतना एक बुरा सब्द है इस रूप में मनोविज्ञान की परिभाषित करना मनोविज्ञान का दुर्भाग्य है "
मैकडुगल ने अपनी पुस्तक "आउट लाइन साइक्लोजी" में पृष्ठ 16 में चेतना सब्द की भृकष निदा की है
🔝मनोविज्ञान 1879 में दर्शनशास्त्र से अलग होकर एक स्वतंत्र विषय बना
♦वर्तमान में लिपजिग विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तन करके कालमार्क्स विश्विद्यालय रखा गया है
▪विलियम वुंट ने मनोविज्ञान को दर्शन शास्त्र से लाकर भौतिक शास्त्र तक पहुचा दिया भौतिक शास्त्र में अधिक प्रयोग होते है
🔝मनोविज्ञान का आधुनिक जनक विलियम वुंट है
▪मस्तिष्क का वाह्य रूप है व्यवहार व आंतरिक रूप है चेतना इस कारण इस सिद्धात की आलोचना यह कहकर की गई आंतरिक सरचना का अध्यन कठिन है
📍विलियम वुंट ने चेतना पर प्रयोग किया और अंतदर्शन विधि का प्रयोग किया
☯4 .व्यवहार का विज्ञान
20 वी शताब्दी में व्यवहार के विज्ञान के रूप में परिभाषित किया गया
▪इसके प्रतिपादक वाटसन थे साथ ही वुडवर्थ ,स्किनर ,थार्नडाइक,विलियम मैकडुगल, ई जी बोरिंग,पिल्सबरी थे
🔝व्यावहारवाद का जनक J B वाटसन को कहा जाता है
▪व्यवहार मानसिक स्थिति का बाह्य रूप होता है
▪सारेरिक क्रिया व मानसिक क्रिया व चेतना को सयुक्त रूप से व्यवहार कहते है
▪🔝व्यवहार सब्द की सर्वप्रथम 1905 में विलियम मेकयुडुगल ने दिया जबकि व्यवहार का विज्ञान 1912-13 में वाटसन लेकर आया था
▪1890 - 1905 तक कोई कार्य मनोविज्ञान में नही हुवा इसलिए इसे बंजर काल कहा जाता है
▪व्यवहारवाद की नींव 1913 में पड़ी
♨मनोविज्ञान के विकास क्रम के सम्बन्ध में वुडवर्थ ने कहा " मनोविज्ञान ने सर्वप्रथम आत्मा का त्याग किया ; फिर मन का त्याग किया ; फिर चेतना का त्याग किया ; आज मनोविज्ञान व्यवहार विधि को स्वीकार करता है "
🔺वर्तमान समय मे व्यवहार का बाहरी अध्ययन कर सकता है बल्कि अंदर का अध्यनन नही कर सकता इसलिए वर्तमान में मनोविज्ञान में अनुभूति व व्यवहार का अध्ययन आवश्यक है"
▪वाटसन की परिभाषा
1."मनोविज्ञान व्यवहार का सुद्ध विज्ञान है"
2."तुम मुझे कोई भी बालक दो में उसे वैसा बना दुगा जैसा तुम बनाना चाहते हो "
▪क्रो एंड क्रो के अनुसार " 20 वी शताब्दी बालक की शताब्दी है"
अर्थात "बाल केंद्रित शिक्षा"
▪मन के अनुसार "आधुनिक मनोविज्ञान का सम्बंध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज है"
🔝पुलिस वहा जाती है जहाँ क्राइम होता है मनोविज्ञान वहा जाता है जहाँ व्यवहार पाया जाता है (मानव ,पशू पक्षी के पास व्यवहार है)
▪व्यावहवादी तथ्यात्मक व वस्तुनिष्ठ विधियों के अध्ययन पर बल देता है"
🔰 मनोविज्ञान की परिभाषा
▪वाटसन के अनुसार "मनोविज्ञान व्यवहार का सुद्ध (धनात्मक/निश्चित) विज्ञान है"
▪मैकडुगल के अनुसार "मनोविज्ञान आचरण व व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है "
ट्रिक युगल बनने पर आय प्राप्त होती है युगल = मैकडुगल
आ = आचरण
य = यथार्थ
▪स्किनर के अनुसार
"मनोविज्ञान व्यवहार और अनुभव का आधरभूत विज्ञान है"
ट्रिक :-नर के पास व्यवहार व अनुभव होता है
▪क्रो एंड क्रो के अनुसार " मनोविज्ञान मानव व्यवहार व मानव सम्बन्धो का अध्ययन है "
ट्रिक :-क्रो एंड क्रो में दो सब्द है परिभाषा में दो सब्द है (मानव व्यवहार व मानव सम्बन्ध)
▪सिगमण्ड फ्राइड के अनुसार " मनोविज्ञान अचेतन मन का अध्ययन करने वाला विज्ञान है"
ट्रिक :-अचेतन मन का जिक्र में सिगमण्ड फ्राइड आएगा
▪वुडवर्थ के अनुसार '' मनोविज्ञान जीवन मे आभास व प्रभाव देने वाली प्रत्येक क्रिया व्यवहार है "
▪जिमबोर्डों के अनुसार"मनोविज्ञान जीवधारियों का व्यवहार का विज्ञान है"
▪मॉर्गन के अनुसार "मनोविज्ञान मानव और पशु के व्यवहार का अध्धयन करती है "
ट्रिक :- मोर क्या है पक्षी पशु का व्यवहार
▪पिल्सबरी के अनुसार "मनोविज्ञान अधिक सन्तोषजनक रूप से मानव व्यवहार का अध्ययन है "
🔰 मनोविज्ञान की प्रकृति
▪मनोविज्ञान नियामक व विधायक विज्ञान है (यह नियामक विषय वस्तु कैसी है व विधायक विज्ञान ज्यो का त्यों अध्यन करना है)
▪मनोविज्ञान मानव पशु पक्षी के व्यवहार का अध्ययन है
🔰मनोविज्ञान इतिहास का सारतत्व
1.मनोविज्ञान दर्शनशास्त्र की साखा माना जाता था
2.मनोविज्ञान सब्द का प्रथम प्रयोग रुडोल्फ गोईकल ने 1590 ई .में किया था
3.साइक्लोजी का प्रथम प्रयोग 1912 में किया गया है
4. व्यवहारवादी मनोविज्ञान का जनक वाटसन को कहा जाता है
5. प्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला का जनक जर्मनी में 1879 विलियम वुंट द्वारा स्थापित की गई
6.प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का जनक विलियम वुंट कहा जाता है
7.आउटलाइन साइकोलॉजी विलियम मैकडुगल की पुस्तक है जिसमें पृष्ठ संख्या 16 पर चेतना शब्द की भरकस निंदा की गई है
8.शिक्षा मनोविज्ञान प्रकृति वैज्ञानिक है
▪मनोविज्ञान (Psychology) शब्द ग्रीक शब्द “Psyche”(साइके ) और “Logos”(लोगोस) के मिलकर बना है
▪Psyche शब्द का अर्थ “आत्मा” और Logos (लोगोस) शब्द का अर्थ होता है “अध्ययन”इस प्रकार Psychology का शाब्दिक अर्थ है – “आत्मा का अध्ययन”।
▪मनोविज्ञान में मानव मस्तिष्क एवं व्यवहार का अध्ययन वातावरण के परिपेक्ष्य में किया जाता है और इसके अनुप्रयोगों को हमारे दैनिक जीवन को सरल, सहज एवं सार्थक बनाने में उपयोग किया जाता है
🔝मनोविज्ञान की उतपत्ति दर्शनशास्त्र से हुई है इसे मनोविज्ञान की जननी कहा जाता है
▪मनोविज्ञान का जनक "अरस्तू "को कहा जाता है
▪जिस शास्त्र में आत्मा परमात्मा व ब्रह्म का ज्ञान होता है उसे दर्शनशास्त्र कहते है
▪शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान वह साखा है जिसका सम्बन्ध पढ़ाने या सिखाने से है
🔸शिक्षा का अर्थ विधा प्राप्त करने से है
▪मनोविज्ञान सब्द का सर्वप्रथम प्रयोग "रुडोल्फ गोइकिल" ने 1590 में अपनी पुस्तक 'साइकोलोजीया ' में किया था
▪शिक्षा मनोविज्ञान का विकास 1900 ई में हुवा तथा इसका निश्चित स्वरूप धारण 1920 में किया गया
▪1940 में अमेरिका में अमेरिकन साइक्लोजीकल एसोसिएशन की स्थापना हुई
▪1947 में "नेशनल सिकरेटरी आफ कालेज टीचर आफ एजुकेशन " से क्रमगत विकास को आगे बढ़ाया
▪मनोविज्ञान विषय का आरम्भ इसलिए हुवा की हमे मानव को समझना है
▪अरस्तू के अनुसार :-
हमारी इंद्रिय आँख, नाक, कान ,जीभ व त्वचा ये इंद्रिय अपना ज्ञान आत्मा को ले जाकर देती है हमारे सरीर का प्रमुख केंद्र आत्मा है
🔝आत्मा के विज्ञान से पूर्व मनोविज्ञान को अंतःकरण का विज्ञान कहा जाता था
🔸केलर ने अपनी पुस्तक साइक्लोजी में लिखा है मनोविज्ञान की जननी दर्शनशास्त्र है तथा जनक अरस्तू है
🔘मनोविज्ञान का क्रमागत ऐतिहासिक विकास
1.आत्मा का विज्ञान
2.मन का विज्ञान
3.चेतना का विज्ञान
4.व्यवहार एवम अनुभूति का विज्ञान
☯ 1.आत्मा का विज्ञान
▪इसके समर्थक अरस्तू, प्लूटो, डेकार्ट ,रुडोल्फ गोइक व रूसो थे
▪प्रारम्भ में मनोविज्ञान को आत्मा का अध्ययन माना गया था
🔝गेरिट के अनुसार Psychologe (साइक्लोजी) सब्द ग्रीक भाषा के दो सब्द
➖साइकी + लोगस
➖Psychae + Logos से हुवा है इसका शाब्दिक अर्थ आत्मा का विज्ञान है (विज्ञान किसी वस्तु का व्यवस्थित अध्ययन है
Note :- यहा Psychologe सब्द अंग्रेजी का है जबकि विभाजित सब्द ग्रीक या यूनानी सब्द है
♨आलोचना - आत्मा का कोई स्वरूप नही है ना इसका कोई रंग है ना कोई स्पष्ट परिभाषा है इसलिए यह परिभाषा 16 वी शताब्दी तक मान्य रही
▪प्लूटो ने सर्वप्रथम रिपब्लिक में मनोविज्ञान को आत्मा का अध्ययन माना था
☯ 2.मन / मस्तिष्क का विज्ञान
▪इसका प्रयोग पोम्पॉनजी (इटली) थे तथा इसका समर्थक जोनलॉक, थॉमस रीड ,रिचेरी व लिवजीग थे
▪इनके अनुसार मनोविज्ञान मन या मस्तिष्क का अध्ययन है
♨आलोचना
मन का रंग , स्वाद ,रूप ,प्रकार नही है इसलिए मन का स्वरूप अनिश्चित है इसलिए इसे अस्वीकार कर दिया गया
▪मन चंचल है पांच इंद्रियों का संचालन मन कहलाता है "मेकडुगल
☯3.चेतना का विज्ञान
▪इसका विकास 19 वी शताब्दी में मनोविज्ञान को मनुष्य की चेतन क्रियाओं का अध्ययन माना है
▪इसका प्रयोग विलियम वुंट(जर्मनी) ,विलियम जेम्स (अमेरिका),जेम्स सली वाईट्स ने किया
▪मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला लिपजिग में 1879 ई में विलियम जेम्स वुंट ने किया प्रयोगशाला में आत्मनिरीक्षण विधि का प्रयोग चेतना के रूप में किया गया है
🔝इस प्रयोग के कारण विलियम वुंट को प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का जनक कहा जाता है
⚠भारत मे सर्वप्रथम प्रयोग कलकत्ता वी वि में N.N सेन ने किया
▪मस्तिष्क का आंतरिक रूप चेतना कहलाती है
▪चेतना मूर्त होती है इस पर प्रयोग किये जा सकते है
▪फ्राइड के अनुसार चेतना के तीन प्रकार होते है
⚠ चेतन मन (मस्तिष्क का 1 / 10 भाग)
⚠अचेतन मन (मस्तिष्क का 9/10 भाग)
⚠अर्द्ध चेतन
🔝"चेतना एक बुरा सब्द है इस रूप में मनोविज्ञान की परिभाषित करना मनोविज्ञान का दुर्भाग्य है "
मैकडुगल ने अपनी पुस्तक "आउट लाइन साइक्लोजी" में पृष्ठ 16 में चेतना सब्द की भृकष निदा की है
🔝मनोविज्ञान 1879 में दर्शनशास्त्र से अलग होकर एक स्वतंत्र विषय बना
♦वर्तमान में लिपजिग विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तन करके कालमार्क्स विश्विद्यालय रखा गया है
▪विलियम वुंट ने मनोविज्ञान को दर्शन शास्त्र से लाकर भौतिक शास्त्र तक पहुचा दिया भौतिक शास्त्र में अधिक प्रयोग होते है
🔝मनोविज्ञान का आधुनिक जनक विलियम वुंट है
▪मस्तिष्क का वाह्य रूप है व्यवहार व आंतरिक रूप है चेतना इस कारण इस सिद्धात की आलोचना यह कहकर की गई आंतरिक सरचना का अध्यन कठिन है
📍विलियम वुंट ने चेतना पर प्रयोग किया और अंतदर्शन विधि का प्रयोग किया
☯4 .व्यवहार का विज्ञान
20 वी शताब्दी में व्यवहार के विज्ञान के रूप में परिभाषित किया गया
▪इसके प्रतिपादक वाटसन थे साथ ही वुडवर्थ ,स्किनर ,थार्नडाइक,विलियम मैकडुगल, ई जी बोरिंग,पिल्सबरी थे
🔝व्यावहारवाद का जनक J B वाटसन को कहा जाता है
▪व्यवहार मानसिक स्थिति का बाह्य रूप होता है
▪सारेरिक क्रिया व मानसिक क्रिया व चेतना को सयुक्त रूप से व्यवहार कहते है
▪🔝व्यवहार सब्द की सर्वप्रथम 1905 में विलियम मेकयुडुगल ने दिया जबकि व्यवहार का विज्ञान 1912-13 में वाटसन लेकर आया था
▪1890 - 1905 तक कोई कार्य मनोविज्ञान में नही हुवा इसलिए इसे बंजर काल कहा जाता है
▪व्यवहारवाद की नींव 1913 में पड़ी
♨मनोविज्ञान के विकास क्रम के सम्बन्ध में वुडवर्थ ने कहा " मनोविज्ञान ने सर्वप्रथम आत्मा का त्याग किया ; फिर मन का त्याग किया ; फिर चेतना का त्याग किया ; आज मनोविज्ञान व्यवहार विधि को स्वीकार करता है "
🔺वर्तमान समय मे व्यवहार का बाहरी अध्ययन कर सकता है बल्कि अंदर का अध्यनन नही कर सकता इसलिए वर्तमान में मनोविज्ञान में अनुभूति व व्यवहार का अध्ययन आवश्यक है"
▪वाटसन की परिभाषा
1."मनोविज्ञान व्यवहार का सुद्ध विज्ञान है"
2."तुम मुझे कोई भी बालक दो में उसे वैसा बना दुगा जैसा तुम बनाना चाहते हो "
▪क्रो एंड क्रो के अनुसार " 20 वी शताब्दी बालक की शताब्दी है"
अर्थात "बाल केंद्रित शिक्षा"
▪मन के अनुसार "आधुनिक मनोविज्ञान का सम्बंध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज है"
🔝पुलिस वहा जाती है जहाँ क्राइम होता है मनोविज्ञान वहा जाता है जहाँ व्यवहार पाया जाता है (मानव ,पशू पक्षी के पास व्यवहार है)
▪व्यावहवादी तथ्यात्मक व वस्तुनिष्ठ विधियों के अध्ययन पर बल देता है"
🔰 मनोविज्ञान की परिभाषा
▪वाटसन के अनुसार "मनोविज्ञान व्यवहार का सुद्ध (धनात्मक/निश्चित) विज्ञान है"
▪मैकडुगल के अनुसार "मनोविज्ञान आचरण व व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है "
ट्रिक युगल बनने पर आय प्राप्त होती है युगल = मैकडुगल
आ = आचरण
य = यथार्थ
▪स्किनर के अनुसार
"मनोविज्ञान व्यवहार और अनुभव का आधरभूत विज्ञान है"
ट्रिक :-नर के पास व्यवहार व अनुभव होता है
▪क्रो एंड क्रो के अनुसार " मनोविज्ञान मानव व्यवहार व मानव सम्बन्धो का अध्ययन है "
ट्रिक :-क्रो एंड क्रो में दो सब्द है परिभाषा में दो सब्द है (मानव व्यवहार व मानव सम्बन्ध)
▪सिगमण्ड फ्राइड के अनुसार " मनोविज्ञान अचेतन मन का अध्ययन करने वाला विज्ञान है"
ट्रिक :-अचेतन मन का जिक्र में सिगमण्ड फ्राइड आएगा
▪वुडवर्थ के अनुसार '' मनोविज्ञान जीवन मे आभास व प्रभाव देने वाली प्रत्येक क्रिया व्यवहार है "
▪जिमबोर्डों के अनुसार"मनोविज्ञान जीवधारियों का व्यवहार का विज्ञान है"
▪मॉर्गन के अनुसार "मनोविज्ञान मानव और पशु के व्यवहार का अध्धयन करती है "
ट्रिक :- मोर क्या है पक्षी पशु का व्यवहार
▪पिल्सबरी के अनुसार "मनोविज्ञान अधिक सन्तोषजनक रूप से मानव व्यवहार का अध्ययन है "
🔰 मनोविज्ञान की प्रकृति
▪मनोविज्ञान नियामक व विधायक विज्ञान है (यह नियामक विषय वस्तु कैसी है व विधायक विज्ञान ज्यो का त्यों अध्यन करना है)
▪मनोविज्ञान मानव पशु पक्षी के व्यवहार का अध्ययन है
🔰मनोविज्ञान इतिहास का सारतत्व
1.मनोविज्ञान दर्शनशास्त्र की साखा माना जाता था
2.मनोविज्ञान सब्द का प्रथम प्रयोग रुडोल्फ गोईकल ने 1590 ई .में किया था
3.साइक्लोजी का प्रथम प्रयोग 1912 में किया गया है
4. व्यवहारवादी मनोविज्ञान का जनक वाटसन को कहा जाता है
5. प्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला का जनक जर्मनी में 1879 विलियम वुंट द्वारा स्थापित की गई
6.प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का जनक विलियम वुंट कहा जाता है
7.आउटलाइन साइकोलॉजी विलियम मैकडुगल की पुस्तक है जिसमें पृष्ठ संख्या 16 पर चेतना शब्द की भरकस निंदा की गई है
8.शिक्षा मनोविज्ञान प्रकृति वैज्ञानिक है
बहुत अच्छा लेख
ReplyDeleteशिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ और परिभाषा
मनोविज्ञान का अर्थ और परिभाषा