राजस्थान शार्ट

■ Rajasthan Physical features

■अरावली की 10 सर्वोच्च चोटियां

[ फिट में बदलने के लिए 3.28 से गुना करना है]

▪ट्रिक - गुरू से दिल लगा कर जगा आंचल रखता है, भैरुबाबा

गुरू - गुरूशिखर(सिरोही-1722मी.)
से - सेर(सिरोही-1597मी.)
दिल - दिलवाड़ा (1442)                 
जगा - जरगा(1431मी.)
आंचल - अचलगढ़(सिरोही1380)
र - रघुनाथगढ(सीकर 1055)
ख - खोह(जयपुर 920)
ता - तारगढ़(अजमेर 870)
भैरु - भैराच(अलवर 792)
बा - बाबाई(झुंझुनूं 780)
बा - बैराठ(जयपुर 704)

1. उतरी अरावली –
▪[सीकर,झुंझुनू, अलवर, जयपुर, दोसा,करोली सवसी माधोपुर]
▪औसत ऊचांई = 450 मीटर है
▪सर्वाधिक ऊँची चोटी = रघुनाथ गढ़ ( सीकर ) 1055 मीटर
▪ खो 920 - बैराठ 792 - बरवाड़ा 786 - बाबई 780 - बिलाली 775 - मनोहरपुर 747 - सिरवास 651- भानगढ़ 649 - जयगढ़ 648 - नाहरगढ़ 599 - अलवर किला 597

2.मध्य अरावली –अजमेर

▪औसत ऊंचाई = 700 मीटर
▪सर्वाधिक ऊँची चोटी मोरामजी ( 933 मीटर )
▪तारागढ़ ( अजमेर ) – 873 मीटर
▪ नाग 795
[दर्रे बार पखेरिया शिवपुरी सुराघाट देबारी]

3. दक्षिणी अरावली –

▪[राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, डूंगपुर ]
▪इस भाग की औसत ऊंचाई = 1000 मीटर है |
▪सबसे ऊँची चोटी – गुरुशिखर (सिरोही)
▪अचलगढ़ 1380
▪देलवाड़ा 1422
▪कुम्भलगढ़ 1224
▪जरगा 1431

▪दक्षिणी अरावली में तस्तरी नुमा प्रदेश के मध्य 1559 ई. में उदयसिंह ने उदयपुर शहर की स्थापना की

▪उदयपुर में जरगा व रागा पहाड़ियों के मध्य के प्रदेश को देशहरो कहा जाता है |

■ पश्चिमी मरूस्थली प्रदेशः-

 विस्तार बाड़मेर, जैसलमेर, बिकानेर, जोधपुर, पाली, जालोर, नागौर,सीकर, चुरू झूझूनु, हनुमानगढ़ व गंगानगर 12 जिलों में है।


1 शुष्क रेतीला अथवा मरूस्थलीय प्रदेश:-
 [जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर एवं जोधपुर और चुरू जिलों के पश्चिमी भाग ]

 2 लुनी – जवाई बेसीनः-
▪ विस्तार : [पाली, जालौर, जौधपुर व नागौर जिले के दक्षिणी भाग ]

3 शेखावाटी प्रदेशः-
 बांगर प्रदेश [ झुझुनू, सीकर, चुरू तथा नागौर जिले के उतरी भाग] 

▪नमकीन पानी के गर्त(रन) हैं जिसमें डीडवाना, डेगाना, सुजानगढ़, तालछापर, परीहारा, कुचामन

4 घग्घर का मैदानः-
गंगानगर हनुमानगढ़ जिलों का मैदानी

▪मरूस्थलीय क्षेत्र में पवनों की दिशा के समान्तर बनने वाले बालूका स्तुपों को अनुर्देघय बालूका, समकोण बनाने वाले बालूका स्तुपों को अनुप्रस्थ बालुका कहतें है

(क) इर्ग:- सम्पूर्ण रेतीला मरूस्थल (जैसलमेर)
(ख) हम्माद:- सम्पूर्ण पथरीला मरूस्थल (जोधपुर)
(ग)  रैंग:- रेतीला और पथरीला (मिश्रित मरूस्थल)

▪रेगिस्तानी क्षेत्र में बालूका स्तूपों के निम्न प्रकार पाये जाते है।
1 अनुप्रस्थ :- पवन/वायु की दिशा में बनने वाले बालुका स्तूप सीधे
2 अनुदैध्र्य :- आडे -तीरछे बनने वाले बालुका स्तूप
3 बरखान  :- रेत के अर्द्धचन्द्राकार बालुका स्तूप

■ दक्षिण-पूर्व का पठारी भाग

▪क्षेत्रफल का 9.6 प्रतिशत व 11 प्रतिशत जनसंख्या
▪चार जिले कोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड़
▪प्रमुख नदी चम्बल नदी है  सहायक नदियां पार्वती, कालीसिद्ध, परवन, निवाज,
▪वर्षा का औसत 80 से 100 से.मी. वार्षिक
▪पठारी भाग अरावली और विध्यांचल पर्वत के बीच "सक्रान्ति प्रदेश

▪दक्षिणी-पूर्वी पठारी भाग को दो भागों में बांटा गया है।

1.हाडौती का पठार - कोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड़
2.विन्ध्यन कगार भूमि - धौलपुर. करौली, सवाईमाधोपुर

■ पूर्वी मैदानी भाग

 ▪क्षेत्रफल का 23.3 प्रतिशत 39 प्रतिशत जनसंख्या
 ▪क्षेत्र में - भरतपुर, अलवर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, जयुपर, दौसा, टोंक, भीलवाडा तथा दक्षिण कि ओर से डुंगरपुर, बांसवाडा ओर प्रतापगढ जिलों के मैदानी भाग

▪इस मैदानी प्रदेश के तीन उपक्षेत्र है
1 बनास- बांणगंगा बेसीन

▪बनास  [सहायक नदियों : बाणगंगा, बेड़च, डेन, मानसी, सोडरा, खारी, भोसी, मोरेल]
▪ढाल पूर्व की और

2 चम्बल बेसीन [कोटा, सवाईमाधोपुर, करौली धौलपुर]
3 मध्य माही बेसीन या छप्पन का मैदान
▪[उदयपुर के दक्षिण पुर्व से डुंगरपुर, बांसवाडा और प्रतापगढ़]
▪प्रतापगढ़ व बांसवाड़ा के मध्य भाग में छप्पन ग्राम समुह स्थित

 ■ राजस्थान की जलवायु

▪भारत की जलवायु :- उष्ण व सितोष्ण ( कर्क रेखा के कारण)
▪राजस्थान की जलवायु उष्ण व सितोष्ण है ( उपोष्ण जलवायु)
▪वर्षा के आधार पर राजस्थान को निम्न पाँच जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया जा सकता है-

1.शुष्क जलवायु प्रदेश ( 0-20)  BWhw
थार का पश्चिमी भाग ,जैसलमेर ,बाड़मेर ,बीकानेर, दक्षिण गंगानगर, हनुमानगढ़, फलौदी,

2.अर्द्ध-शुष्क जलवायु प्रदेश (20-40) (BShw)
बीकानेर, नागौर,चुरू,सीकर,झुंझुनूं, जोधपुर, पाली ,जालौर,टोंक जयपुर

3.उप-आर्द्र जलवायु प्रदेश (40-60) (Cwg)
जयपुर,अजमेर,पाली,जालौर, सिरोही, भीलवाड़ा दोसा, टोंक

4.आर्द्र जलवायु प्रदेश(60-80)
सवाई माधोपुर, करौली, कोटा ,चितौड़,बूंदी,राजसमंद, उदयपुर

5.अति आर्द्र जलवायु प्रदेश (80-120) (Aw)
झालावाड़,उदयपुर दक्षिण, आबू पर्वत, डूंगरपुर, बांसवाड़ा

■ तीन प्रकार की ऋतुएं पाई जाती हैः-

1.ग्रीष्म ऋतु: (मार्च से मध्य जून तक)
2 वर्षा ऋतु : (मध्य जून से सितम्बर तक)
3.शीत ऋतु : (नवम्बर से फरवरी तक)

■ ग्रीष्म ऋतु

▪राजस्थान में मार्च से मध्य जून तक ग्रीष्म ऋतु होती है।
▪21 जून को सूर्य की किरण भूमध्य रेखा पर

■ वर्षा ऋतु

▪राजस्थान में मध्य जून से सितम्बर तक वर्षा ऋतु होती है।

▪राजस्थान में 3 प्रकार के मानसूनों से वर्षा होती है।

1. बंगाल की खाड़ी का मानसून

▪यह मानसून राजस्थान में पूर्वी दिशा से प्रवेश करता है
▪पूर्वी दिशा से प्रवेश करने के कारण मानसूनी हवाओं को पूरवइयां के नाम से जाना जाता है यह मानसून राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा करवाता है
▪इस मानसून से राजस्थान के उत्तरी, उत्तरी-पूर्वी, दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्रों में वर्षा होती है।

2. अरब सागर का मानसून

▪यह मानसून राजस्थान के दक्षिणी-पश्चिमी दिशा से प्रवेश करता है
▪यह मानसून राजस्थान में अधिक वर्षा नहीं कर पाता क्योंकि यह अरावली पर्वतमाला के समान्तर निकल जाता है
▪राजस्थान में सर्वप्रथम अरबसागर का मानसून प्रवेश करता है

3. भूमध्यसागरीय मानसून

▪यह मानसून राजस्थान में पश्चिमी दिशा से प्रवेश करता है।

▪पश्चिमी दिशा से प्रवेश करने के कारण इस मानसून को पश्चिमी विक्षोभों कहा जाता है

 🔅राजस्थान जनगणना - 2011

✒ राजस्थान की कुल जनसंख्या - 6,85,48,437

✒ शहरी जनसंख्या -  24.9 प्रतिशत
✒ ग्रामीण जनसंख्या -  75.1 प्रतिशत

🔅 सर्वाधिक जनसंख्या वाले जिले

जयपुर   ::  जोधपुर  ::    अलवर   ::  नागौर    ::   उदयपुर 

🔅 न्यूनतम जनसंख्या वाले 5 जिले

जैसलमेर  ::   प्रतापगढ़  ::   सिरोही   :: बूंदी    ::   राजसमंद

✒ जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला -जयपुर(66,26,178)

✒ जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा जिला -जैसलमेर(6,69,919)

✒ सर्वाधिक शहरी जनसंख्या वाला जिला -जयपुर(34,71,847)

✒ न्युनतम शहरी जनसंख्या वाला जिला -प्रतापगढ़(71,807)

✒ सर्वाधिक ग्रामीण जनसंख्या वाला जिला -जयपुर (31,54,331)

✒ न्युनतम ग्रामीण जनसंख्या वाला जिला - जैसलमेर (5,80,894)

✒ वह जिला जिसकी कुल जनसंख्या का सर्वाधिक प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र में निवास करता है - डूगरपुर(93.6 प्रतिशत)

✒ वह जिला जिसकी कुल जनसंख्या का सर्वाधिक प्रतिशत शहरी क्षेत्र में निवास करता है - कोटा(60.3 प्रतिशत)

✒ दशक(2001-2011) में जनसंख्या वृद्धि

✒ निरपेक्ष वृद्धि - 12,041,249(21.3 प्रतिशत)

✒ पुरूष संख्या में वृद्धि - 6,130,986(20.8 प्रतिशत)

✒ महिला संख्या में वृद्धि - 5,910,263(21.8 प्रतिशत)

✒ ग्रामीण जनसंख्या में दशकीय वृद्धि दर -19 प्रतिशत

✒ शहरी जनसंख्या में दशकीय वृद्धि दर -29 प्रतिशत

✒ 2001-2011 के दौरान सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि वाला जिला - बाड़मेर(32.5 प्रतिशत)

✒ 2001-2011 के दौरान न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि वाला जिला - गंगानगर(10.00 प्रतिशत)

✒ 2001-2011 के दौरान सर्वाधिक ग्रामीण जनसंख्या वृद्धि वाला जिला - जैसलमेर (34.5 प्रतिशत)

✒ 2001-2011 के दौरान न्यूनतम ग्रामीण जनसंख्या वृद्धि वाला जिला - कोटा (6.1 प्रतिशत)

✒ 2001-2011 के दौरान सर्वाधिक शहरी जनसंख्या वृद्धि वाला जिला - अलवर(50.5 प्रतिशत)

✒ 2001-2011 के दौरान न्यूनतम शहरी जनसंख्या वृद्धि वाला जिला - डूंगरपुर(9.8 प्रतिशत)

✒ जनसंख्या घनत्व - 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.

✒ सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला -जयपुर (595 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.)

✒ सबसे कम जनसंख्या वाला घनत्व वाला जिला -जैसलमेर (17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.)

🔅लिंगानुपात(प्रति हजार पुरूषों पर महिलाओं की संख्या) -928
: शहरी लिंगानुपात - 914
: ग्रामीण लिंगानुपात - 933

✒सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला -डूंगरपुर (994 महिला/1000 पुरूष)

सबसे कम लिंगानुपात वाला जिला -धौलपुर(846 महिला/1000 पुरूष)

🔅 सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला(ग्रामिण क्षेत्र में) - पाली(1003 महिला/1000 पुरूष)

✒ सबसे कम लिंगानुपात वाला जिला( ग्रामिण क्षेत्र में) - धौलपुर(841 महिला/1000 परूष)

✒ सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला(शहरी क्षेत्र में) - टोंक(985 महिला/1000 पुरूष)

✒ सबसे कम लिंगानुपात वाला जिला( शहरी क्षेत्र में) - जैसलमेर(807 महिला/1000 परूष)

✒ 0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या - 10,649,504(कुल जनसंख्या 15.5 प्रतिशत)

✒ शहरी जनसंख्या - 2,234,621(13.1 प्रतिशत)

✒ ग्रामीण जनसंख्या - 8,414,883(कुलजनसंख्या 16.3 प्रतिशत)

✒ 0-6 आयु वर्ग में सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिला - जयपुर(9,29,926)

✒ 0-6 आयु वर्ग में सबसे कम जनसंख्या वाला जिला - जैसलमेर(1,30,463)

✒ 0-6 लिंगानुपात -888

✒शहरी लिंगानुपात -874

✒ ग्रामीण लिंगानुपात -892

✒ 0-6 आयु वर्ग में सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला -बांसवाड़ा(934 बालिका/1000 बालक)

✒ 0-6 आयु वर्ग में सबसे कम लिंगानुपात वाला जिला -झुंझुंनू(837 बालिका/1000 बालक)

🔅 0-6 आयु वर्ग में सर्वाधिक लिंगानुपात वाले 5 जिले

बांसवाड़ा   ::  934
प्रतापगढ़   ::  933
उदयपुर।   ::  924
भीलवाड़ा  ::  928
डूंगरपुर।    ::  922

🔅 0-6 आयु वर्ग में सबसे कम लिंगानुपात वाले 5 जिले
झुंझुंनू  ::  837
सीकर  :: 848
करौली :: 852
गंगानगर :: 854
धौलपुर। :: 857

🔅अनुसूचित जातियों की कुल जनसंख्या - 12,221,593(कुल जनसंख्या का 17.8 प्रतिशत)
: ग्रामीण - 9,536,963(18.5 प्रतिशत)
: शहरी - 2,684,630(15.7 प्रतिशत)

🔅 अनुसूचित जनजातियों की कुल जनसंख्या - 9,238,534(कुल जनसंख्या का 13.5 प्रतिशत)
ग्रामीण - 8,693,123(16.9 प्रतिशत)
शहरी - 545,411(3.2 प्रतिशत)

✒ वह जिला जहां अनुसूचित जाति की जनसंख्या सर्वाधिक निवास करती है -जयपुर(10,03,302)

✒ वह जिला जहां अनुसूचित जाति की जनसंख्या सबसे कम निवास करती है - डूंगरपुर(52,267)

✒ वह जिला जहां अनुसूचित जाति की जनसंख्या में दशकीय वृद्धि(2001-2011) सर्वाधिक रही - बाड़मेर(41.2 प्रतिशत)

✒ वह जिला जहां अनुसूचित जाति की जनसंख्या में दशकीय वृद्धि(2001-2011) न्यूनतम रही - डूंगरपूर(13.7 प्रतिशत)

✒ वह जिला जहां अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या सर्वाधिक निवास करती है - उदयपुर(15,25,289)

✒ वह जिला जहां अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या सबसे कम निवास करती है - बीकानेर(7,779)

✒ वह जिला जहां अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या में दशकीय वृद्धि(2001-2011) सर्वाधिक रही -नागौर(60.4 प्रतिशत)

✒ वह जिला जहां अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या में दशकीय वृद्धि(2001-2011) सबसे कम रही -गंगानगर(-8.6 प्रतिशत)

🔅 साक्षरता
: साक्षरता - 66.1 प्रतिशत(शहरी 79.7 व ग्रामीण 61.4 प्रतिशत)
: पुरूष साक्षरता -79.2 प्रतिशत(शहरी 87.9 व ग्रामीण 76.2 प्रतिशत)
: महिला साक्षरता -52.1 प्रतिशत(शहरी 70.7 व ग्रामीण 45.8 प्रतिशत)
: सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला - कोटा(76.6 प्रतिशत)
: न्यूनतम साक्षरता वाला जिला - जालौर(54.9 प्रतिशत)

✒ सर्वाधिक ग्रामीण साक्षरता वाला जिला झुंझुंनू(73.4 प्रतिशत)

✒ न्यूनतम ग्रामीण साक्षरता वाला जिला सिरोही(49.0 प्रतिशत)

✒ सर्वाधिक शहरी साक्षरता वाला जिला उदयपुर(87.5 प्रतिशत)

✒ न्यूनतम शहरी साक्षरता वाला जिला नागौर(70.6 प्रतिशत)

✒ सर्वाधिक पुरूष साक्षरता वाला जिला झुंझुंनू(86.9 प्रतिशत)

✒ न्यूनतम पुरूष साक्षरता वाला जिला प्रतापगढ़ व बांसवाड़ा(69.5 प्रतिशत)

🔅 सर्वाधिक पुरूष साक्षरता वाले 5 जिले

झुंझुंनूं।   ::  86.9
कोटा।    ::  86.3
जयपुर।  ::  86.1
सीकर।   ::  85.1
भरतपुर। ::  84.1

🔅 न्यूनतम पुरूष साक्षरता वाले 5 जिले
प्रतापगढ़      ::      69.5
बांसवाड़ा      ::      69.5
सिरोही।        ::      70.0
जालौर।        ::      70.7
बाड़मेर।        ::     70.9

✒ सर्वाधिक ग्रामीण पुरूष साक्षरता वाला जिला झुंझुंनू(86.8 प्रतिशत)

✒ न्यूनतम ग्रामीण पुरूष साक्षरता वाला जिला सिरोही(64.6 प्रतिशत)

✒ सर्वाधिक शहरी पुरूष साक्षरता वाल जिला उदयपुर(93.4 प्रतिशत)

✒ न्यूनतम शहरी पुरूष साक्षरता वाला जिला धौलपुर(81.3 प्रतिशत)

✒ सर्वाधिक महिला साक्षरता वाला जिला कोटा(65.9 प्रतिशत)

✒ न्यूनतम महिला साक्षरता वाला जिला जालौर(38.5 प्रतिशत)

🔅 सर्वाधिक महिला साक्षरता वाले 5 जिले

कोटा    ::   65.9
जयपुर  ::   64.0
झुंझुंनूं   ::   61.0
गंगानगर::  59.7
सीकर    ::   58.2

🔅 न्यूनतम महिला साक्षरता वाले 5 जिले
जालौर     ::     38.5
सिरोही।   ::     39.7
जैसलमेर  ::     39.7
बाड़मेर।   ::     40.6
प्रतापगढ़  ::     42.4

 ■ राजस्थान में कृषि

▪राजस्थान का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल वर्ष 2016-17 में 342.79 लाख हेक्टेयर है
# वानिकी -8.3%
# कृषि के अलावा भूमि - 5.74 %
# कृषि अयोग्य भूमि ( ऊसर) - 6.98 %
# बृक्ष का झुंड - 0.06 %
# बंजर भूमि - 11.18 %
# अन्य चालू पड़त -5.79%
# चालू पड़त भूमि - 4.35%

@ सुद्ध बोया गया भूमि का भाग - 53 %

▪भूमि जोत में 11.14 % वर्द्धि हुई है

▪कृषि उत्पादन (2018-19)
खददानों - 218.29 लाख टन  (1.36 कम)
दलहन - 18.67 लाख टन (0.16 कम)
गन्ना - 2.73 लाख टन ( 28.53 कम)
कपास का उत्पादन - 20.27 ( 7.08 कम)

▪राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा 2007-08 में प्रारम्भ 60:40
14 जिले गेंहू के लिए व 11 जिले मोटा अनाज के लिए चिन्हित

▪राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 - 24.44 लाख किसानों के लगभग 9513 करोड़ ऋण माफ

▪राजीव गांधी कृषक सारथी योजना - कृषक मजदूर हम्मालों की दुर्घटना पर मृत्यु पर 2 लाख राशी देना

▪किसान कलेवा योजना - अ व ब श्रेणियों की मंडियों के लिए बेचने वालो के लिए भोजन

▪महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना - मण्डी के व्यक्तियों के लिए प्रसूति सहायता,चिकित्सा, पितृत्व अवकाश योजना

▪राष्ट्रीय कृषि विकास योजना - केंद्र की योजना में वर्ष 2018-19 में 91.2 करोड़ की उद्यान की विकास की परियोजना
▪अनार उत्कृष्टता केंद्र -  बस्सी जयपुर
▪खट्टे फलों के लिए - नान्त कोटा

▪राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना - 2009-10  ओषधि पौधा रोपण

▪राजस्थान राज्य भंडारण निगम की स्थापना की गई – 30 दिसंबर, 1957 को

▪किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले उर्वरक समुचित व समयानुसार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इफ्को की स्थापना की गई –  3 नवंबर, 1967 को

▪कृषिगत वित्त निगम की स्थापना की गई –  अप्रैल, 1968 में

▪राज्य कृषि उद्योग निगम की स्थापना की गई – 1969 में

▪राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड की स्थापना की गई – 6 जून, 1976 को

 ▪प्रथम कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई – फतेहपुर (राजस्थान) में1976 में

▪राजस्थान राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था की स्थापना की गई – 30 दिसंबर, 1977 को

▪राजस्थान राज्य बीज निगम की स्थापना की गई – 28 मार्च, 1978 को

▪कृषि विपणन निदेशालय की स्थापना की गई –  1980 में

▪कृभको की स्थापना – 17 अप्रैल, 1980 को

▪राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना की गई –  12 जुलाई,1982 को

▪सरसो अनुसन्धान केंद्र सेवर भरतपुर - 20 अक्टूबर 1993 में

▪किसान सेवा केंद्र सादरी द्वारा जोधपुर में कब की गई –  1998 में

▪राजस्थान में 62% लोग कृषि पर आधारित है जिनका मुख्य कृषि व्यवसाय है

▪राजस्थान में 49.53 % लोग कृषि में सलंग्न है व 30 % कृषि भूमि सिंचित है

▪भारत का 11 % कृषि राजस्थान में विस्तार है

▪GVA में योगदान ( आधारवर्ष 2011-12)
:- स्थीर मूल्य पर (2016-17)  - 24.61 % (2.7 कम)
:- चालू मूल्यों पर - 24.76 % ( 7.2 वर्द्धि)

▪खाद पार्क (4) - जयपुर ,कोटा, अलवर ,जोधपुर

▪सतान्तरित खेती गरासिया करते है - [भील वालरा] - [चिमाता असम] - [पाई - आंध्रप्रदेश]

▪राजस्थान सर्वाधिक उत्पादन - सरसों, बाजरा,ग्वार,मोठ,मेथी,इसबगोल, जीरा धनिया,वूलन आदि

▪खदान में - अलवर /दलहन में - नागौर /तिलहन में - बीकानेर /हरी सब्जी - जयपुर / फल - गंगानगर /मसाला- झालावाड़

▪सर्वाधिक बुवाई - बाड़मेर में
▪कम बुवाई - जैसलमेर में
▪सर्वाधिक सिंचित छेत्र- गनागंगर
▪न्यूनतम सिंचित छेत्र - चुरू
▪जोत के हिसाब से 10 जॉन मण्डल है
▪गेंहू - UP 5वां गनागंगर
▪जो - UP दूसरा जयपुर
▪चना- MP तीसरा बीकानेर
▪मोठ- राजस्थान - बीकानेर
▪बाजरा - राजस्थान - अलवर / बोया बाड़मेर
▪ज्वार - महाराट्र - 5वा अजमेर अनुसन्धान बलभनगर उदयपुर
▪मक्का - कर्नाटक - 9 - भीलवाड़ा
▪मुगफली- गुजराज - बीकानेर
▪सोयाबीन- MP - बारा
▪अफीम - UP - चितोड़
▪तंबाखू - आंध्र - जालौर
▪सरसो राजस्थान- अलवर
▪गन्ना UP- गनागंगर

■ Rajasthan- mineral and Livestock resources

▪राजस्थान खनिज की दृष्टि से एक सम्पन्न राज्य है राजस्थान को "खनिजों का अजायबघर" कहा जाता है।

▪राजस्थान में लगभग 81 प्रकार के है व 57 प्रकार के खनिजों का खनन होता है।

▪खनिज भण्डारों की दृष्टि से  दुसरा स्थान है।

▪खनिज से प्राप्त आय की दृष्टि से  पांचवा स्थान है। (अलौह उत्पादन में प्रथम है व लौह में चौथा है)

▪देश के कुल खनिज उत्पादन में राजस्थान का योगदान 22 प्रतिशत है (15% धात्विक, 25%अधात्विक, 26% लघु श्रेणी)

▪खनिज उत्पादन की दुष्टि से झारखण्ड, मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान का तिसरा स्थान है।

▪देश की सर्वाधिक खाने राजस्थान में है।

▪खनिजों में राजस्थान का प्रथम लौह खनिजों में राजस्थान का भारत में चतुर्थ स्थान है।

▪राजस्थान में सर्वाधिक उपलब्ध खनिज राॅक फास्फेट है।

▪राजस्थान जास्पर,बुलस्टोनाइट व गार्नेट का समस्त उत्पादन का एक मात्र राज्य है। (100%)

▪सीसा जस्ता, जिप्सम,  चांदी, संगमरमर, एस्बेसटाॅस, राॅकफास्फेट, तामड़ा, पन्ना, जास्पर, फायरक्ले,कैडमियम में राजस्थान का एकाधिकार है।

▪चूना पत्थर, टंगस्टन, अभ्रक, तांबा, फेल्सपर, इमारती पत्थर में राजस्थान का भारत में महत्वपूर्ण स्थान

▪पेट्रोलियम ऊर्जा एवम खननं विश्वविद्यालय जोधपुर में है

राजस्थान का भारत में स्थान

▪अलौह खनिज का उत्पादन -प्रथम
▪लौह खनिज का उत्पादन -चतुर्थ
▪खनन में होने वाली आय -पाँचवा
▪खनिज उत्पादन का मूल्य -आठवाँ

■ राजस्थान के प्रमुख लौहा उत्पादक क्षेत्र
▪मोरीजा बेनाल (जयपुर)
▪निमला रायसेला (दौसा)
▪कुशलगढ़ (अलवर)
▪डाबला-सिंघाना (झुंझुनू)
▪नीमकाथाना (सीकर)
▪थुर, हुन्डेर व नाथरा की पाल (उदयपुर)

■राजस्थान के प्रमुख सीसा-जस्ता उत्पादक क्षेत्र
▪रामपुरा-आगूचा (भीलवाड़ा) विश्व की सबसे बड़ी सीसा-जस्ता की खान
▪जावर-देबारी (उदयपुर)
▪राजपुरा-दरीबा (राजसमंद)
▪चौथ का बरवाडा (सवाई माधोपुर)

▪1966 में जावर-देबारी में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड संयंत्र की स्थापना की गई परंतु वर्तमान में इस संयंत्र का कुछ भाग वेदांता समूह ने ग्रहण कर लिया है।

■राजस्थान के प्रमुख तांबा उत्पादक क्षेत्र
▪खेतड़ी (झुंझुनू)
▪खो-दरीबा (अलवर)
▪बीदासर व बरसिंगसर (बीकानेर)
▪पूर-दरीबा (भीलवाड़ा)

■राजस्थान के प्रमुख सोना उत्पादक क्षेत्र
▪जगतपूरा (बांसवाडा)
▪घाटोल, आनन्दपुर भूकिया (बांसवाडा)
▪पंचमऊडी, तिमरान माता (जयपुर)
▪अमलवा-डिगोच (डूंगरपूर)

राजस्थान खनिज नीति

राज्य की प्रथम खनिज नीति 1978 को घोषित की गयी।

राजस्थान खनिज नीति 2015 को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा 4 जून 2015 को जारी की गयी।

■ राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम

▪इसकी स्थापना 27 सितम्बर 1979 में हुई लेकिन 20 फरवरी 2003 को इसका विलय RSMML में हो गया। इसका मुख्यालय जयपुर में है।

■राजस्थान राज्य खान व खनिज लिमिटेड

▪इसकी स्थापना 1974 में एक सार्वजनिक कम्पनी के रूप में हुई। यह अधात्विक खनिज के उत्पादन तथा विपणन का कार्य करती है। इसका मुख्यालय जयपुर में है।

■ राजस्थान में पर्यटन

 राष्ट्रसंघ ने एक संस्था का विकास किया - विश्व पर्यटन संगठन (निजी क्षेत्र )1925 में

27 सितम्बर 1970 को UNO ने विश्व पर्यटन संगठन को कानूनी मान्यता प्रदान की जिसके उपलक्ष्य में 27 सितंम्बर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है

मुख्यालय :- मैड्रिक (स्पेन)

भारत मे पर्यटन विभाग की स्थापना 1966 में की गईं थी

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है

विदेशी पर्यटकों (भारत मे 5वा स्थान व सर्वाधिक पर्यटक जयपुर व उदयपुर में आते है मार्च में सर्वाधिक व जून में सबसे कम आते है)

-:- फ्रांस ,ब्रिटेन ,USA ,जर्मनी में सर्वाधिक आते है

घरेलू पर्यटन :- अजमेर के पुष्कर में सितंम्बर में सर्वाधिक आते है

सर्वाधिक राजस्व आय आमेर (जयपुर) से प्राप्त होती है

 ◆ संस्थागत प्रयास

पर्यटन निदेशालय की स्थापना 1955 व पर्यटन विभाग की स्थापना 1956 में कि गई थी

1965 में राजस्थान राज्य होटल विकास निगम की स्थापना जयपुर में की गई थी (इसका उद्देश्य पर्यटकों को भोजन व आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया गया

■.RTDC 1978 (राजस्थान पर्यटन विकास लिमिटेड)
↪ इसने 1 अप्रेल 1979 को कार्य प्रारम्भ किया था
↪ उदेश्य - पर्यटकों को भोजन आवास यातायात व्यवस्था प्रदान करना

■ Logo -:- पधारो म्हारे देश ( ललित के पवार ने दिया 1993 में दिया था )
↪ 1978 ढोला मारू (मोनोग्राम)
↪ 1993 पधारो म्हारे देश
↪ 2008 रंगीलो राजस्थान (कलरफुल राजस्थान)
↪ 15 जनवरी 2016 जाने क्या दिख जाए
↪ जनवरी 2019 पधारो म्हारे देश

▪प्रतीक सुभनकर -राजस्थान भारत का अतुल्य राज्य है

▪4 मार्च 1989 में पर्यटन को निर्धुम उधोग का दर्जा (मोहम्मद यूनुस समिति सिफारिश पर) राजस्थान प्रथम राज्य है उधोग का दर्जा देने वाला

▪RITTMAN (राजस्थान इस्टयूट टूरिज्म ट्रेवलर मैनेजमेंट) 29 अक्टूबर 1996 को स्थापना की गई जिसके उद्देश्य मानव संसाधनों का विकास करना व नवीन जानकारी करना यह शिर्ष संस्थान है

■ पर्यटन नीति

▪प्रथम पर्यटन नीति 24 सितंम्बर 2001 -:- जन उधोग के रूप में पर्यटन को स्थापित करना व आर्थिक व सामाजिक विकास करना

▪ 2004 -05 में पर्यटन को जन उधोग का दर्जा दिया गया (निर्धुम उधोग -:- धुवा रहित उधोग)पर्यावरण अनुकूल उधोग

▪नवीन पर्यटन नीति 4 जून 2015 को घोषित की गई

■ पर्यटन विकास

▪ पुरातात्विक पर्यटन संभाग 7 है जिसमे अजमेर नवीनतम संभाग है

▪पर्यटन संभाग 4 है (जोधपुर, उदयपुर, अजमेर,कोटा)

■ पर्यटन सर्किट 10 है

1. मरु सर्किट :- 4 जिले सामील है (पोकरण- रामदेवरा-कोलायत- देशनोक -बालोतरा -मेवानगर-किराडू -ओसिया -बिलाड़ा)

-:- पश्चिम राजस्थान में JBIC जापान के सहयोग से मरु प्राइड कार्यक्रम चलाया गया है बाड़मेर नया जिला सामील हुवा है

2. शेखावाटी सर्किट :- 3 जिले (सालासर,तालछापर,लक्ष्मणगढ़, रेवासा,खाटूश्याम,महनसर,नवलगढ़, सरकाए माता नरहड़ )

3. ढूंढाड़  2 जिले (आमेर,समोद,रामगढ़, दौसा का आलूदा,भाडारेज,मेंहदीपुर, आभानेर)

4. हाड़ौती :- 3 जिले (कैथून,सीताबाड़ी,शेरगढ़,लकडेश्वर,केशवरायपाटन, इंदरगढ़, गागरोन,कालवी,झालरापाटन)

5.मेरवाड़ा 2 जिले(नरौली, पुष्कर, किशनगढ़, मेड़ता सिटी)

6. मेवाड़ :- जगत उदयपुर एकलिंग जी, जयसमंद, गोगुन्दा, कुम्भलगढ़, नाथद्वारा, कांकरोली,डूंगरपुर, त्रिपुरसुंदरी कपासन

7.भरतपुर सर्किट :- डीग, घना पक्षी विहार, मचकुण्ड, करौली

8.अलवर सर्किट
9.रणथम्भौर सर्किट
10.माउंट आबू सर्किट

▪राष्ट्रीय राजधानी सर्किट -:- सरिस्का, सिलीसेढ़, डीग बेसरी (धौलपुर)

◆ धार्मिक सर्किट

1.मेवाड़ बागड़ धार्मिक सर्किट  (उदयपुर, बांसवाड़ा ,डूंगरपुर)

2.बुद्धा सर्किट
[बैराठ (जयपुर),झालवाड़] तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से आठवीं सताब्दी के मध्य ऐतिहासिक बौद्ध स्थलों को सवारने का काम किया जाएगा

3.कृष्णा सर्किट
[गोविन्द मंदिर जयपुर, श्रीनाथ मंदिर राजसमंद, खाटूश्यामजी मंदिर सीकर]

4.बृज भूमि रिलीजन सर्किट
[धौलपुर, भरतपुर] उत्तरप्रदेश व राजस्थान की सीमा पर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए

▪ कालबेलिया स्कूल ऑफ डांस [हाथी गांव आमेर]
▪ स्कूल ऑफ वास्तु -पुष्कर
▪ वॉर म्यूजियम - जैसलमेर
▪ W वाक थ्रू वॉर म्यूजियम
▪ राष्ट्रीय जनजाति संग्रहालय [मानगढ़ बांसवाड़ा]
▪ विभूति पार्क -उदयपुर (फतहसागर झील)
▪ धोरा बस एक्सप्रेस [मरुस्थल में परिवहन व्यवस्था]
▪ सिलियन वेक्स म्यूजियम [नाहरगढ़ जयपुर]
▪ सफारी पार्क [रणथम्भौर]

■ नीतिगत प्रयास

▪ प्रथम पर्यटन नीति [27 सितंम्बर 2001] पर्यटन को जन उधोग का दर्जा
▪ द्वितीय पर्यटन नीति 2007 [पर्यटन में निजी क्षेत्र को बढ़ावा]
▪ तृतीय पर्यटन नीति 2015

■ पनोरमा

◆ करोड़ो की लागत से बनेंगे 48 पैनोरमा

▪ मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि राज्य सरकार 150 करोड़ रुपए की लागत से 48 पैनोरमा बना रही है, जिसमें से 44 पैनोरमा का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 625 करोड़ रुपए की लागत से 125 मंदिरों का जीर्णोद्धार भी करवा रही है

▪ ब्रह्माजी के मंदिर भी शामिल है

▪ 7 आश्चर्य में सोनार का किला जैसलमेर को शामिल किया गया है

■राजस्थान में परिवहन 】

कुल NH 39 - कुल SH 115 - सबसे बड़ा 62 सबसे छोटा 919  पूर्णतयः बड़ा NH 25 व पूर्णतयः छोटा 448

■ राजस्थान का अपवाह तंत्र

▪भू जल बार्ड की स्थापना - 1955 में जोधपुर में

▪जल सरक्षण नीति - 18 फरवरी 2010

● आंतरिक प्रवाह की नदियां

सूत्र का-का-सा में रु-घ-रु गांव गया था

# का -  काकनेय - 17Km -उदगम कोठारी गांव जैसल. - बूझ झील निर्माण - मीठा खाड़ी में विलुप्त

# का - कांतली - 100Km -झुंझुनूं को दो भाग बाटना - उदगम खण्डेला सीकर - पूर्णतयः बहाव में लंबी है - चुरू सिमा विलुप्त

# सा - साबी - उदगम -सेवर पहाड़ी जयपुर - पटौदी रेवाड़ी विलप्त

# में - मेंथा - मनोहरपुर जयपुर -सांभर में विलुप्त - लूणवा तीर्थ

# रु - रूपारेल नाला - किशनगढ़ अजमेर - सांभर विलुप्त - निम्बार्क पीठ

# घ - घग्गर - सरस्वती प्रवाह - 465Km उतर दिशा से प्रवेश - सूरतगढ़ में विलुप्त - राजस्थान की सोक

रु - रूपारेल - थानागाजी अलवर - उदयनाथ पहाड़ी - कुसलपुर भरतपुर में विलुप्त - सीकरी बांध है

■ राजस्थान में उधोग

▪राजस्थान में सर्वाधिक
➖ औद्योगिक इकाईया -जयपुर में
➖ वृहद आद्यौगिक इकाईया अलवर में
➖ सर्वाधिक बहुराष्ट्रीय औद्योगिक इकाईया भिवाड़ी(अलवर )में है

▪राजस्थान में न्यूनतम
➖औद्योगिक इकाईया जैसलमेर में
➖न्यूनतम पंजीकृत फैक्ट्रियां￶ जैसलमेर व बारां में है

⚠सूती वस्त्र उधोग

▪ प्रथम सूती वस्त्र मील "दी कृष्णा मील लिमिटेड 1889 ब्यावर अजमेर" है जो निजी क्षेत्र में सेठ दामोदर दास राठी व कर्नल डिक्सन द्वारा स्थापित किया गया था

▪.सार्वजनिक क्षेत्र की मिले(3 है)

1.एडवर्ड कॉटन मिल ब्यावर अजमेर 1906- राज्य की दुसरीं बड़ी मिल है
2.महालक्ष्मी कॉटन मिल ब्यावर अजमेर 1925 राज्य की तीसरी बड़ी मिल है
3.विजय कॉटन मिल विजयनगर अजमेर 1932 में

🔝इनको निजी क्षेत्र से राष्ट्रीय वस्त्र निगम 1973-74 में इसका अधिग्रहण कर दिया गया था

▪.सहकारी क्षेत्र की मिल

1.राजस्थान राज्य सहकारी कताई मिल गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) 1965

2.श्री गंगानगर सहकारी कताई मिल -हनुमानगढ़ 1978

3.गंगानगर सहकारी कताई मिल -गंगापुर (भीलवाड़ा)

🔝1 अप्रेल 1993 में इन तीनो मिलो को व गुलाबपुरा की जिनिग में मिलाकर "राजस्थान राज्य सलाहकारी स्पनिग व जिनिग सँघ(SPINFED) बना दिया गया था

▪निजी क्षेत्र की मिले

1.दी कृष्णा मिल्स ली. ब्यावर अजमेर 1889
2.महाराजा उमेदसिंह मिल्स पाली 1961 (सबसे बड़ी व सर्वाधिक उत्पादन क्षमता)
3.उदयपुर कॉटन मिल 1961
4.आदित्य मिल किसनगढ़ अजमेर
5.सार्दुल टेक्सटाइल श्रीगंगानगर 1946
6.जोधपुर वूलन मिल जोधपुर
7.आधुनिक पोलिटेक्स आबूरोड सिरोही
8.मेवाड़ टेक्सटाइल मिल्स भीलवाड़ा 1938
9.राजस्थान स्पिनिंग व विगिस भीलवाड़ा 196प
10.मॉडर्न ग्रुप भीलवाड़ा
11.मणिक्यलाल वर्मा भीलवाड़ा
12.राजस्थान टेक्सटाइल मिल भवानी मंडी भीलवाड़ा 1968
13.श्री गोपाल इंडस्ट्री (कोटा)
14.मॉडर्न सिंनटेक मिल अलवर
15.जयपुर सिपनिग व विमिग (जयपुर)
16.पोदार स्पिनिग जयपुर
17.वेस्टर्न स्पिनिग नागौर व चूरू

▪.वस्त्र नगरी भीलवाड़ा (मैनचेस्टर ऑफ इंडिया) भीलवाड़ा को कहा जाता है इसे वाणिज्यिक एवम उधोग मंत्रालय ने "टाउन ऑफ एक्सपार्ट फार टेक्सटाइल" घोषित किया

2.चीनी उधोग
 
▪.राजस्थान में सर्वाधिक चीनी गंगानगर व चितौड़ में है

▪.राजस्थान की प्रमुख मिले

➖दी मेवाड़ सुगर मिल्स भोपाल सागर (चितोड़गढ़) राजस्थान की प्रथम 1932
➖दी गंगानगर सुगर मिल्स कमिनपुरा गांव (गंगानगर) में दुसरीं मिल 1937
➖केशोरायपाटन सुगर मिल्स (बूंदी)1965
➖उदयपुर सुगर मिल्स 1976

🔰सीमेंट उधोग

भारत मे सर्वप्रथम प्रयास 1904 में मद्रास समुद्री सीपियों से किया गया था

.राजस्थान में सर्वप्रथम लाखेरी (बूंदी) 1915 में क्लिक निक्सन कम्पनी द्वारा किया गया था

.भारत मे सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता है व राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन चितौड़गढ़ में होता है दूसरा स्थान नागौर का है

.राजस्थान की सबसे बड़ी सीमेंट फैक्ट्री श्री सीमेंट ब्यावर (अजमेर)

🔰प्रमुख सीमेंट कारखाने

1.श्री सीमेंट उधोग 1985 ब्यावर अजमेर (सर्वाधिक उत्पादन क्षमता/ड्राइप्रोसेस)
2.DLF बिनानी सीमेंट पाली 1966 (दयालपुरा व पाटन केसर गांव)
3.J.K लक्ष्मी सीमेंट पिंडवाड़ा (सिरोही)1982
4.बिनानी सीमेंट पिंडवाडा सिरोही 1997
5.गुजरात अम्बुजा सीमेंट (सिरोही)
6.JK सीमेंट डबोक उदयपुर 1970
7.हिंदुस्तान सुगर लिमिटेड उदयपुर
8.JK सीमेंट निम्बाहेड़ा (चितोड़गढ़)1974
9.चितौडगढ़ सीमेंट वर्क चितौड़गढ़ (चेतक छाप )
10.आदित्य सीमेंट चितौडगढ़ 1995
11.बिड़ला जुट कारखाना (चितौड़गढ़)1995
12.मंगलम सीमेंट मोड़क गांव कोटा 1982
13.श्रीराम सीमेंट (रामनगर)कोटा सबसे कम उत्पादन
14.एसोसिएट सीमेंट ACC लाखेरी गांव बुदी
15.जयपुर उधोग ली.सवाईमाधोपुर

⚠ सफेद सीमेंट कारखाना
1.JK वाइट सीमेंट गोटन नागौर
2.बिरला वाइट सीमेंट खारिया खगार (भोपालगढ़ जोधपुर)
3.JK वाइट सीमेंट मांगरोल चितौड़गढ़

 ■.नमक उधोग

▪.राजस्थान में नमक उत्पादन की दृष्टि से तीसरा स्थान  है जबकि झीलों से नमक उत्पादन में प्रथम स्थान है देश का 12.10 % भाग हिस्सा उत्पादन करता है

🔝11.राजस्थान के नावा (नागौर) में "मॉडल साल्ट फार्म "2002 को स्थापित किया गया जिसका उद्देश्य नमक उत्पादन वाली इकाइयों को तकनीकी सहायता प्रदान करना है

▪.प्रमुख नमक कारखाने

⚠सांभर साल्ट लिमिटेड फुलेरा जयपुर
➖मेंथा,रूपनगढ़, खारी, खंडेला नदिया यहा गिरती है
➖सर्वाधिक नमक उत्पादन होता है (8.7)%
➖पर्यटन हेतु "रामसर साइट" के नाम से पुकारा जाता है
➖हिंदुस्तान सांभर साल्ट की स्थापना 1964 में की गई थी
➖वायु प्रवाह है नमक उत्पादन करना "क्यारा नमक"कहलाता है
➖1817 में अग्रेजो ने लीज पर लिया था

⚠सोडियम सयंत्र व राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स ली. डीडवाना नागौर

➖निजी संस्था (देवल) द्वारा सर्वाधिक नमक उत्पादन किया जाता है इसमे सर्वाधिक फ्लोराइड होता है

⚠राजस्थान स्टेट साल्ट ली. पंचपदरा (बाड़मेर)

➖मोरली झाड़ी द्वारा स्फुटन से नमक उत्पादन होता है इसमे NaCL की मात्रा 98 % है सबसे खारे पानी की झील है

⚠पोकरण जैसलमेर
⚠फलौदी जोधपुर & लूणकरणसर (बीकानेर) & जाबदिनगर(नागौर)

▪.उच्य श्रेणी का नमक कावेद झील में व आयोडीन कारखाना डीडवाना व पंचपदरा में है

■ कांच उद्योग

▪.कांच उधोग में कच्चा माल हेतु सिलिका सैण्ड (कांच बालुक), सोडीयम सल्फेट ,शोरा प्रयोग में लिया जाता है शोरा सुष्क प्रदेश व खारे पानी की झीलों से प्राप्त होता है सिलिका बालू को 1600°ताप पर पिघलाते है इसलिए कोयले की आवश्यकता होती है

▪.राजस्थान में धौलपुर में सर्वाधिक उत्पादन होता है इसके साथ साथ भरतपुर, बीकानेर,जोधपुर, कोटा उदयपुर आदि मे होता है

▪.प्रमुख उधोग

1. सेन्ट गोबेन - कलरानी गांव भिवाड़ी(अलवर)
यह फ्रांस कम्पनी की सहायता से 2008 में स्थापित किया गया खिड़की व दरवाजे निर्माण होते है

2. सेमकोर ग्लास इंडस्ट्रीज- कोटा

दक्षिण कोरिया कम्पनी द्वारा सैमसंग tv के पिच्चर ट्यूब बनाते है वर्तमान में बंद

3. दी हाइटेक प्रिसिजन ग्लास फैक्ट्री - धौलपुर

सार्वजनिक क्षेत्र में कार्यरत जो गंगानगर सुगर मिल की शराब की बोतल बनाता है वर्तमान में बंद

4. धौलपुर ग्लास फैक्ट्री - धौलपुर

निजी क्षेत्र में कार्यरत है 2010 में राष्ट्रीयकरण कर गंगानगर सुगर मिल में विलय 1000 टन उत्पादन प्रतिवर्ष

🔰राजस्थान में सगमरमर उधोग

▪राजस्थान में सर्वाधिक संगमरमर पाया जाता है जो देश का 95% है
▪सर्वाधिक संगमरमर राजसमंद में पाया जाता है
▪सर्वाधिक संगमरमर प्रोसेस इकाई राजसमंद में पाई जाती हैं
▪मकराना (नागौर )का सगमरमर अपनी गुणवत्ता के लिए विश्व प्रसिद्ध है
▪ग्रेनाइट प्रोसेस इकाई केंद्र जालौर में है
▪सगमरमर मंडी किसनगढ़ अजमेर में स्थति है
▪सगमरमर की सर्वाधिक मूर्तिया जयपुर में बनती है

🔰वनस्पति घी उधोग

▪राजस्थान में सर्वप्रथम 1964 में वनस्पति घी का कारखाना बनाया गया था जो "भीलवाड़ा" में खोला गया था

▪वीर बालक छाप तेल जयपुर में
▪इंजन छाप भरतपुर में खोला गया

🔰उर्वरक उधोग (भारत का तीसरा स्थान)

▪राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन कोटा (प्रथम) व चितौड़गढ़ (द्वितीय) है

♦जैव उर्वरक कारखाना -भरतपुर
♦चम्बल फर्टिलाइजर गेड़पान(कोटा)
♦श्रीराम केमिकल कोटा
♦राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर कपासन चितोड़
♦जिंक सल्फेट देबारी उदयपुर
♦ज्योति ट्रिपल खाद खेतड़ी झुंझुनूं
♦सल्फ्यूरिक एसिड प्लाट अलवर

🔰ऊन उधोग

▪राजस्थान उन उत्पादन में प्रथम स्थान है
▪ऐसिया की सबसे बड़ी मंडी बीकानेर में है

🔰प्रमुख केंद्र
▪गलीचा प्रक्षिक्षण केंद्र बीकानेर 1992
▪केंद्रीय ऊन बार्ड जोधपुर 1987
▪स्टेट वूल मिल्स बीकानेर
▪वर्स्टर्ड स्पिनिग मिल चूरू
▪वर्स्टर्ड स्पिनिग मिल लाडून
▪विदेसी आयात निर्यात संस्था कोटा

▪भारत वूलन मिल बीकानेर
▪फ्रेंड्स वूलन मिल्स बीकानेर
▪सिंथेटिक वूलन कारखाना भीलवाड़ा
▪कालगी सयंत्र कोटा
▪उन विश्लेषण कारखाना बीकानेर 1965

🔰इंजीनियरिंग उधोग

▪मेटल  बिजली निर्माण
▪केप्टसन पानी के मीटर जयपुर पाली
▪सिमको वैगन भरतपुर

🔰राजस्थान में केंद्र स्थापित उधोग

1.सांभर साल्ट लिमिटेड जयपुर 1964 (हिंदुस्तान साल्ट की सहायता से)

2.हिंदुस्थान मशीन टूल्स - अजमेर (चकोस्लोवाकिया की सहायता से)

3.प्रिसिजन इंस्टीमेन्ट ली.कोटा 1964

4.राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर कपासन चितोड़

5.राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक व इनस्ट्यूमेन्ट कनपुरा जयपुर

6.मॉडर्न बेकरी इंडिया लि. जयपुर (ब्रेड का)

7.हिंदुस्तान जिंक ली.देबारी उदयपुर

8.हिंदुस्तान कापर ली खेतड़ी 1967 USA की सहायता से

🔰राजस्थान में ओधोगिक विकास

ओधोगिक नीति

1.प्रथम ओधोगिक नीति 24 जून 1978
2.द्वितीय ओधोगिक नीति अप्रेल 1991
3.तृतीय ओधोगिक नीति 15 जून 1994
4.चौथी ओधोगिक नीति 4 जून 1998
5.पंचम ओधोगिक नीति 29 जून 2010

6.निवेश प्रोत्साहन नीति 28 जुलाई 2003 में निवेश में व रोजगार में वर्द्धि करना है

7.निवेश प्रोतसाहन योजना 8 अक्टूबर 2014 को निवेश में वर्द्धि व अतिरिक्त रोजगार में सृजन करना है

8.राजस्थान में प्रथम ओधोगिक विकास 28 मार्च 196ओ को RIMDC राजस्थान उद्योग तथा खनिज विकास निगम द्वारा हुवा

9.बाद में 1979 को खनिज विभाग को RSMDC की स्थापना की गई थी

10.RIICO की स्थापना जनवरी 1980 को की गई थी (राजस्थान ओधोगिक विकास एवं विनियोग निगम ली.)

11.रीको का उद्देश्य लघु ,मध्यम व वरहद श्रेणी के ओधोगिक इकाइयों को अल्पकालीन वितीय सहायता उपलब्ध करवाना था

12.राजस्थान के जोधपुर में सभी प्रकार के ओधोगिक पार्क स्थापित है (SEZ, AEZ, EPIP, CYBER, एग्रो फ़ूड पार्क,स्पाइस पार्क है

🔰RIICO रीको 1980

राजस्थान राज्य ओधोगिक विकास व विनियोग ली.

▪28 मार्च 1969 को गठन हुवा
▪इसका कार्य दीर्घकालिन ऋण या वितीय सहायता प्राप्त करना व मध्यम व वरहद स्तर पर वितीय सहायता देना ओधोगिक प्रोत्साहन देना  है
▪प्रारंम्भ में इसका नाम उधोग व खनिज विकास रखा 1979 में खनिज विभाग अलग होने पर 1980 में RIICO का नाम रखा गया

▪यह 340 उधोग इकाइयों के संचालन करता है

इसके अंतर्गत
SEZ (6)
EPIP (4)
ग्रीन पार्क
एग्रो फ़ूड पार्क (4)
AES (2)
इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क (5)

🔰EPIP निर्यात सवंर्धन ओधोगिक पार्क

1.EPIP सीतापुरा जयपुर (जेम्स एंड ज्वेलरी) भारत का पहला
2.EPIP सीतापुरा जयपुर 2nd
3.EPIP बोरानाड़ा जोधपुर 2005
4.EPIP नीमराना अलवर 2007

🔰विशिष्ट ओधोगिक पार्क (थीम पार्क)

▪इसकी स्थापना रीको द्वारा की गई थी

1.लेदर पार्क   ..मानपुरा मोचडी (जयपुर में)
▪यह चमड़ा के लिए अधिकृत है
▪इसके अलावा सीतापुरा व भिवाड़ी में स्थीत है

2.एपैरल पार्क - महला जयपुर
▪वस्त्र निर्यात उधोग के लिए प्रसिद्व है

3.होजरी पार्क - चोपनकी भिवाड़ी अलवर
▪वस्त्र उधोग के लिए प्रसिद्ध है

4.सूचना प्रोधोगिकी पार्क - सीतापुरा जयपुर
▪कोटा,जोधपुर, उदयपुर, भिवाड़ी में भी स्थीत है

5.सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क - कनकपूरा जयपुर
▪कम्प्यूटर तकनीकी के लिए

 6.सिरमेक पार्क -खारा बीकानेर
▪चीनी मिट्टी बर्तन के लिए

7.साइबर पार्क  - जोधपुर
▪सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी IT के लिए

8.टेक्सटाइल पार्क - भीलवाड़ा
▪वस्त्र उधोग के लिए

9.पुष्प पार्क - खुशखेड़ा अलवर

10.स्टोन पार्क
मंडोर जोधपुर
बाड़ी बासेड़ा धौलपुर
मासलपुर करोली
▪पत्थर उद्योग विकास के लिए

🔝C - DOS सेन्टर फॉर डवलपमेंट आफ स्टोन (सीतापुरा) का विकास किया गया

11.इलेक्ट्रॉनिक पार्क
▪कूकस (जयपुर) स्वीडन के सहयोग से
▪चोपन्की (भिवाड़ी)

12.ऑटो सहायक पार्ट घंटल भिवाड़ी व पथरेडी
13.बायो टेक्नोलॉजी पार्क सीतापुरा बोरानाड़ा व चोपन्की भिवाड़ी 14.ऑटो मोबाईल कॉम्प्लेक्स बाड़मेर
15.उन उधोग गोहन ब्यावर, बीकानेर

🔰 AEZ एग्रो एक्सपोर्ट जॉन (2)
▪कृषि उत्पादन निर्यात को बढ़ाने के लिए किया गया है
1.कोटा धनिया के लिए
2.जोधपुर जीरा के लिए

▪राजस्थान वित्त निगम RFC  - जयपुर में 17 जनवरी 1955
लघु मध्यम उधोगो के लिए दीर्घकालिक सहायता देना

▪राजसिको 3 जून 1961

🔰राजस्थान में स्थित केन्द्रीय उपक्रम

1. हिन्दुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड(HMT) अजमेर

2. हिन्दुस्तान काॅपर लिमिटेड, झुन्झुनू खेतड़ी
▪यू. एस. ए. के सहयोग से स्थापित

3. हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड
▪ देबारी, उदयपुर
▪ चन्दैरीया, चित्तौड़गढ़

4. हिन्दुस्तान साॅल्ट लिमिटेड, सांभर जयपुर

5. इन्स्टूमेंशन लिमिटेड - कोटा
सहायक इकाई - राजस्थान इलै. एण्ड इन्ट्रुमेंशन लिमिटेड

🔝नोट -

सर्वाधिक औद्योगिक इकाईयों वाले जिले - 1. जयपुर 2. अलवर

▪सबसे कम औद्योगिक इकाईयों वाला जिला - हनुमानगढ़

▪राजस्थान में मध्यम एवम् वृहत औद्योगिक इकाईयों की दृष्टि से बड़ा जिला - अलवर व भीलवाड़ा

▪ राजस्थान में सर्वाधिक पुरुष साक्षरता वाले जिलों के नाम है
 सूत्र - "झुंझुनु के जैसी भारती"
सूत्र जिला
झुंझुनु - झुंझुनु
के - कोटा
जे - जयपुर
सी - सीकर
भारती - भरतपुर

◆ भारत और राजस्थान में गरीबी उन्मूलन ,युवाओं को रोजगार व विकास की विभिन्न योजन

1.💢 स्वच्छ भारत अभियान  -:- 2 अक्टूबर 2014
▪ बजट 196000 करोड़
▪ 19 सदस्यीय समिति (अध्यक्ष रघुनाथ अनन्त माशेलकर)

2.💢 कौशल विकास एवम रोजगार -:- 15 जुलाई 2015
▪ लक्ष्य 24 लाख को प्रक्षिक्षत रोजगार हेतु ऋण देना

3.💢 गरीबी भारत छोड़ो -:- 11 अक्टूबर 2017 को
▪ 2022 तक गरीबी मुक्त का लक्ष्य

4.💢 प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMG दिशा) 7 अक्टूबर 2017 IIT गांधी नगर गुजरात मे आयोजन

5.💢 प्रधानमंत्री सहज बिजलीघर योजना (सौभाग्य) -:- 25 सितम्बर 2017 दीनदयाल जयंती पर

6.💢 सरदार सरोवर बांध -:- 17 सितम्बर 2017 दूसरा कंक्रीट बांध नर्मदा नदी पर
▪ उचाई 138.68 तथा 1.2KM लंबा 30 गेट
▪ मध्यप्रदेश 57 / महाराष्ट्र 27 / 16 गुजरात/ राजस्थान को पीने का पानी

 7.💢 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2016
▪2% रवि ,1.5% खरीब ,5% बागवानी के लिए प्रीमियम देना

8.💢 स्टार्टअप इंडिया -:- 16 जनवरी  2016 (राज का तीसरा स्थान है

9.💢 सेतु भारत  -:- 4 मार्च 2016 (50800 लागत से पुल बनाना)  रेलवे क्रॉसिंग 208 पुल व 1500 पुराने पुलों का निर्माण करना

10.💢 स्टेंड उप इंडिया -:- 5 अप्रेल 2016

11.💢  प्रधानमंत्री उज्जवला योजना -:- 1मई 2016 बालियां (उत्तरप्रदेश)  लक्ष्य 8 करोड़ करना है

12.💢  श्यामलप्रशाद रूर्बन मिशन -:- 21 फरवरी 2016 छतीसगढ़ राजन्दगांव में

13.💢 प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना 9 मई 2015
(12₹ में 2 लाख का दुर्घटना बीमा )

14 .💢 प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 9 मई 2015
(330₹ में 2 लाख का बीमा )

■ प्रधानमंत्री के पुरस्कार

# UAE में - ऑडर आफ जावेद ( अगस्त में)
# बहरीन में - द किंग ऑफ हम्माद द रेनसो (अगस्त)
# न्यूयार्क में - गोल किपर अवार्ड बिलगेट्स ( सितंबर)
 # मालदीव - निशान इज्जुदिन ( दूसरे कार्यकाल की प्रथम यात्रा)
# दक्षिण कोरिया - सियोल शांति पुरस्कार (फरवरी)
# रूस - सेंट एंड्रयूज द एपोस्टल (अप्रेल)
# UN सयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा - चेम्पियन आफ द अर्थ 2018
# फिलिस्तीन - ग्राड कॉलर
# सऊदी अरब - किंग अब्दुल अजीजसास
# अफगानिस्तान - अमीर अहमदुल्ला खान

■ सयुक्त सैन्य अभ्यास

■ शक्ति  भारत और फ्रांस
- 31 अक्टूबर 2019 
- महाजन फील्ड फायरिंग रेंज राजस्थान
- शक्ति -2019' मुख्य रूप से आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित होगा
- शक्ति-2018" पूर्वी फ्रांस के मेल्ली-ले-कैंप, औबे के युद्ध प्रशिक्षण केंद्र में

■  ‘शिन्यू मैत्री, 2019
- 17-23 अक्टूबर, 2019 के मध्य
-  वायु सेना स्टेशन, अर्जन सिंह पानागढ़ (पश्चिम बंगाल) में
-

■ एकुवेरिन 2019 :
- भारत और मालदीव के बीच संयुक्त अभ्यास
- पुणे महाराष्ट्र में
- 7 से 20 अक्टूबर, 2019 के दौरान
- थल सैन्य अभ्यास

■ वज्र प्रहार -10 अभ्यास 2019
- भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास
- 13 से 28 अक्टूबर
- सिएटल के संयुक्त बेस लुईस-मैककॉर्ड (जेबीएलएम) में शुरू

■ नोमेडिक एलीफैंट 2019
- भारत और मंगोलिया के बीच  में संयुक्त सैन्य अभ्यास 
- आयोजन : हिमाचल प्रदेश के बकलोह  में 14वां संस्करण

■ समेलिंग फील्ड 2019
- भारत की तीनों सेनाओं के सयुक्त अभ्यास
-  गुजरात पाकिस्तान बार्डर नालियां में

■ SITMEX 2019
- भारत और थाइलैंड के बीच
- पोर्टब्लेयर अंडमान निकोबार में नोसेना अभ्यास

■ 23rd मालाबार सैन्य अभ्यास –
- भारत जापान एवं अमेरिका
- ससेबो शहर , जापान
- 26 सितंबर से 4 अक्टूबर 2019 तक जापान के तट पर

■ KAZIND-2019
– भारत कजाखस्तान
– पिथौरागढ, उत्तराखंड – थल सेना
 –  3 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच

■ मैत्री 2019
– भारत – थाइलैंड
– उमरोई मेघालय – थल सेना
 – 16 सितम्बर से 29 सितम्बर 2019

■ SLINEX-2019
– भारत - श्रीलंका
– विशाखापट्ट्नम, आंध्रप्रदेश –  नौ सेना

■ युद्ध अभ्यास 2019
– भारत - अमेरिका
– वाशिंगटन में – थल सेना द्वारा

■TSENTR 2019
– बहुराष्ट्रीय अभ्यास है
– रूस में – थल सेना द्वारा

■ शाहीन-8
– चीन - पाकिस्तान के मध्य
– होल्टन (चीन) में आयोजित –  वायु सेना

■ गरूड़-6
– भारत फ्रांस के मध्य
– मोट डी मारसन (फ्रांस) में आयोजन – वायु सेना द्वारा

■ सिम्‍बैक्‍स 2019
– भारत - सिंगापुर  के मध्य
– दक्षिण चीन सागर में – नौ सेना द्वारा

■ वरूण 2019
– भारत- फ्रांस के मध्य
– गोवा  में – नौ सेना द्वारा

■ IN-VPN BILAT EX 2019
– भारत - वियतनाम के मध्य
– कैमरण बे, वियतनाम  में आयोजित – नौ सेना द्वारा

■ अफ्रीकन लायन 2019
– मोरक्‍को-अमेरिका के मध्य
– अगदिर क्षेत्र, मोरक्‍को में – थल सेना द्वारा

■ बोल्‍ड कुरूक्षेत्र 2019
– भारत - सिंगापुर  के मध्य
– बबीना मिलिट्री स्‍टेशन, झांसी में – थल सेना द्वारा

■मित्रशक्ति IV 2019
– भारत -श्रीलंका के मध्य
– दियातालावा, श्रीलंका में – थल सेना द्वारा

■ AUSINDEX 2019
– भारत - ऑस्‍ट्रेलिया के मध्य
– विशाखापतनम्, आंध्रप्रदेश में – नौ सेना द्वारा

■ अलनागाह III 2019
– भारत -ओमान के मध्य
– जबल रेजिमेंट, निजवा, ओमान में – थल सेना द्वारा

■ सम्‍प्रीति 2019
– भारत -बांगलादेश के मध्य
– बांगलादेश के तंगेल में – थल सेना द्वारा

■ कैटलैस एक्‍सप्रेस 2019
– बहुराष्‍ट्रीय आयोजन
– जिबूती, मोजाम्बिक और सेशेल्‍स के आसपास – नौ सेना

■ कोबरा गोल्‍ड 2019
– थाइलैंड संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका
– थाइलैंड  में – थल सेना द्वारा

■ IMBEX 2018-19
– भारत -म्‍यांमार के मध्य
– हरियाणा के चंडीमंदिर मिलिट्री स्‍टेशन पर – थल सेना द्वारा

■ दोस्‍ती-14
– मालदीव - भारत और श्रीलंका
– मालदीव में – नौ सेना द्वारा

कोप इंडिया 2018 – भारत अमेरिका – कालिकुंडा वायु स्‍टेशन (पश्चिम बंगाल) – वायु सेना

हैंड इन हैंड 2018 – भारत चीन – चेंगदू (चीन) – थल सेना

कोंकण 2018 – भारत ब्रिटेन – गोवा (भारत) – नौ सेना

इंद्रा नेवी 2018 – भारत रूस – विशाखापत्‍तनम (आंध्रप्रदेश) – नौ सेना

वज्र प्रहार 2018 – भारत अमेरिका – महाजन फील्‍ड फायरिंग रेंज (राजस्‍थान) – थल सेना

इंद्र 2018 – रूस भारत – बबीना फील्‍ड फायरिंग रेंज (मध्‍यप्रदेश) – थल सेना

समुद्र शक्ति – भारत इंडोनेशिया – इं‍डोनेशिया के द्वीप सुराबाया पर – नौ सेना

धर्म गार्जियन 2018 – भारत जापान – मिजोरम – थल सेना

JIMEX 2018 – भारत जापान – आंध्रप्रदेश के विशाखापतनम तट पर – नौ सेना

कमनदाग 2 – अमेरिका फिलीपींस जापान – फिलीपींस के सुबिक खाड़ी में – थल सेना

एवियाइंद्र 2018 – भारत रूस – लिपेत्‍सक (रूस) एवं जोधपुर (भारत) – वायु सेना

स्लिनेक्‍स (SLINEX) 2018 – भारत श्रीलंका – त्रिकोमली (श्रीलंका) – नौ सेना

नोमैडीक हाथी 2018 – भारत मंगोलिया – उलानबटोर (मंगोलिया) – थल सेना

हरिमऊ शक्ति 2018 – भारत मलेशिया – हुलु लंगट (मलेशिया) – थल सेना

लामिति 2018 – भारत सेशेल्‍स – माहे (सेशेल्‍स) – थल सेना

गगन शक्ति 2018 – भारतीय वायुसेना का युद्धाभ्‍यास – पाक चीन बॉर्डर पर – वायु सेना

वज्र प्रहार 2018 – भारत अमेरिका – सीएटल (अमेरिका) – तीनों सेना

अजेय प्रहार 2018 – भारत ब्रिटेन – महाजन फील्‍ड, फायरिंग रेंज (राजस्‍थान) – थल सेना

सूर्य किरण XIII 2018 – भारत नेपाल – पिथौड़गढ़ (उत्‍तराखंड) – थल सेना

सहयोग हाइब्लियोग 2018 – भारत दक्षिण कोरिया – चेन्‍नई तट के निकट (तमिलनाडु) – तटरक्षक बल

मिलन 2018 – बहुराष्‍ट्रीय (भारत सहित 9 देश) – पोर्ट ब्‍लेयर के तट पर (अंडमान-निकोबार) – नौ सेना

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