सविधान सार

■ भारतीय संविधान का इतिहास

▪सविधान Constitution सब्द की उतपत्ति लेटिन सब्द Constitute से हुई है जिसका अर्थ है "बनावट"

▪सविधान का सूत्रपात इंग्लैंड में हुवा व क्रियान्वयन अमेरिका में हुवा

▪भारत का सविधान उधार का थैला है जिसमे 395 अनुच्छेद,22 भाग, 12 अनुसूची है सविधान में 7.5 किलो चांदी का प्रयोग किया गया है

▪ आइवर जैनिग ने सविधान को वकीलों का स्वर्ग कहा है

▪ भारतीय संविधान का मूल स्रोत 1935 का अधिनियम है जिससे 75% या 3/4 भाग लिया गया है

■ भारतीय सवैधानिक विकास क्रम

▪1591 राल्फपीच ने अकबर को सबसे धनी व्यक्ति बताया था

▪ 31 दिसम्बर को 1600 को इस्ट इंडिया कम्पनी का गठन पर एलिजाबेथ प्रथम के हस्ताक्षर किया 15 वर्षो हेतु व्यापार

▪ विलियम हाकिन्स (1608) जहाँगीर के समय व्यापार की  स्वीकृति ली 400 बीघा में कम्पनी सूरत में 1612 में प्रथम फेक्ट्री लगाई

▪सर टोमस रो 10 जनवरी 1616 में अजमेर में जहाँगीर से मिला यहा वह तीन वर्ष रहा

▪1639 में मद्रास की नींव डाली

■ 1773 का रेग्युलेटिग एक्ट [ब्रिटिश प्रधानमंत्री लार्ड नार्थ]
- बंगाल मद्रास बम्बई में गवर्नर जनरल बनाये गए
- वारेंग हेस्टिंग्स प्रथम गवर्नर जनरल था
- 1774 में सर्वोच्च न्यायालय कलकत्ता में स्थापित (सर एलीजा इम्प्रे)

■  1781 का संसोधन अधिनियम / एक्ट ऑफ सेटलमेंट
■ पिट्स इंडिया एक्ट - 1784
- व्यापारी व राजनीतिक मामलों को अलग किया गया
- लार्ड नार्थ तथा फॉक्स की मिलीजुली सरकार को स्तीफा देना पड़ा

■ 1793 का चार्टर एक्ट - कम्पनी अधिकार 20 वर्ष बढ़ा
■ 1813 का चार्टर एक्ट - चाय एकाधिकार को समाप्त
- ईसाई प्रचार की स्वतंत्रता
- भारतिय शिक्षा पर 1 लाख खर्च का प्रावधान

■ 1833 का चार्टर एक्ट
- सम्पूर्ण भारत का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा
- प्रथम गवर्नर जनरल - लार्ड विलियम बेंटिक को बनाया गया

■ 1853 का चार्टर एक्ट
- लार्ड डलहौजी ने रिपोर्ट पारित की सम्पूर्ण भारत में एक विधानमंडल की स्थापना की
- भारतीयों को सिविल सेवा में बैठने का अवसर दिया

■ 1858 का अधिनियम
-  भारत को अच्छा बनाने का अधिनियम था इसमे 1785 का द्वंद्व शासन को समाप्त कर दिया गया
- सचिव पद का सृजन हुवा था
-  1818 में वायसराय व गवर्नर जनरल कैनिग था

■ 1909 का मार्ले मिंटो अधिनियम
- मुसलमानों को पृथक साम्प्रदायिक निर्वाचन दिया

■ भारत सरकार अधिनियम 1919

- मांटेसगयु चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम कहा दो सदनात्मक विधानमंडल बनाया गया  व प्रान्तों में द्वंद्व सासन दिया गया

■ 1935 का भारतीय शासन/सरकार अधिनियम

▪1935 का भारत शासन अधिनियम बहुत लम्बा और जटिल था. अधिनियम में 451 धाराएं और 15 परिशिष्ट थे.

▪शासन के समस्त विषयों को तीन भागों में बाँटा गया –

▪संघीय विषय, जो केंद्र के अधीन थे;

▪प्रांतीय विषय, जो पूर्णतः प्रान्तों के अधीन थे; और

▪समवर्ती विषय, जो केंद्र और प्रांत के अधीन थे.

▪भारतीय सरकार अधिनियम, 1935 के अंतर्गत एक संघीय न्यायालय (federal court) की स्थापना की गई

▪जवाहर लाल नहेरू  “यह अधिनियम दासता का घोषणा पत्र है.”

◆ सविधान सभा व सविधान निर्माण

▪1895 में बालगंगाधर तिलक ने स्वराज्य विधेयक पेश किया जिसमें सविधान सभा की मांग की गई थी

▪कामनवेल्थ आफ इंडिया बिल 1923 दिल्ली में प्रथम संगठित प्रयास किया

▪एक कानून का ढांचा 10 अगस्त 1928 लखनऊ में नेहरू समिति रिपोर्ट पेश कक जिसमें सविधान सभा की मांग की

▪1924 में MN रॉय द्वारा औपचारिक मांग की गई थी इसे सविधान सभा का प्रतिपादक कहा गया है

■ केबिनेट मिशन [24 मार्च 1946]

: तीन सदस्यीय दल था (लार्ड पैट्रिक लारेन्स, स्टेफोर्ड क्रिप्स, अलेक्जेंडर)

: 16 मई 1946 को रिपोर्ट दी जिसका उद्देश्य सविधान सभा का गठन करना था

: मुख्य सुझाव

# कुल सदस्य 389 (10 लाख जनसंख्या पर)
- प्रांतीय विधानमंडल से - 292
- देशी रियासतों से - 93
- कमिश्नर क्षेत्र से - 4

# चुनाव जुलाई 1946 में 296 पर हुए (292+4)
- कॉग्रेस 208
- मुस्लिम लीग 73
- 7 विभिन्न पार्टियों 1-1
- स्वतंत्र - 8
( देशी रियासतों ने भाग नही लिया)

[ महिला 8 राजस्थान-12  , ST -33 , SC - 36]

▪सूत्र :- ज-ब  ही-रा  मा-टी  गो-द-रा  में  स-जे मुकुट

# प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस 16 अगस्त 1946 मुस्लिम लीग ने मनाया

#  2 सितंबर 1946 को अंतरिम सरकार का गठन किया गया  नेहरू उपाध्यक्ष थे

■ प्रथम बैठक 9 दिसम्बर 1946 सोमवार 11 बजे
- 211 व्यक्ति  उपस्थित थे
- अस्थाई अध्यक्ष सचिनान्द सिंहा

■ दूसरी बैठक 11 दिसम्बर 1946
- स्थाई अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद थे (बिहार से)
- उपाध्यक्ष - एच सी मुखर्जी
- बी एन राव - सवैधानिक सलाहकार

■ तीसरी बैठक 13 दिसम्बर 1946
- नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया (8 दिन बहस चली)
- सविधान का प्रथम वक्ता राधाकृष्णन था

■ प्रमुख समिति व अध्यक्ष

▪संघ संभाला नेहरू ने
# संघ शक्ति समिति - जवाहर लाल नेहरू
# संघ संविधान समिति -जवाहर लाल नेहरू

▪अंबेडकर ने प्रारूपा

# प्रारूप समिति-भीमराव अंबेडकर

▪कार्य संभाला मुंशी ने
# कार्य संचालन समिति - के एम मुंशी

▪झंडे पर की क्रपा

# झंडा समिति - जे बी क्रपलानी

▪वार्ता प्रक्रिया संभाली राजा ने

# वार्ता समिति’ -राजेंद्र प्रसाद
# प्रक्रिया समिति -राजेंद्र प्रसाद

▪प्रांत मूलाधिकार पटेला

# प्रांतीय समिति -सरदार पटेल
# मूलाधिकार व अल्पसंख्यक समिति -सरदार पटेल

▪29 मार्च 1947 को प्रारूप समिति का गठन :- अम्बेडकर (7 सदस्य)

▪GK Trick –

▪अंबेडकर आये मित्र मुंशी क्रष्णा के साथ खेत पर

अंबेडकर –  भीमराव अंबेडकर

आये – N. G. आयंगर

मित्र – B. L. मित्रा

मुंशी – K. M. मुंशी

क्रष्णा – क्रष्णा  स्वामी आयंगर

साथ – सय्यद मोहम्मद सादुल्लाह

खेत – D. P. खेतान

▪बाद में B. L. मित्रा के स्थान पर N. माधवराज व D. P. खेतान के स्थान पर T. T. क्रष्णामाचारी सदस्य बने

▪कुल 12 अधिवेशन हुए  166 बैठक 284 ने हस्ताक्षर किए

■ संविधान सभा नें संविधान का मसौदा तैयार किया:
• मई 1949 में राष्ट्रमंडल में भारत की सदस्यता का अनुमोदन किया गया.
• 22 जुलाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज अपनाया.
• 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय गीत अपनाया.
• राष्ट्रीय गान 24 जनवरी, 1950 को अपनाया गया.
• 24 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद निर्वाचित हुए.

■ प्रस्तावना (उद्देशिका)

▪प्रस्तावना संविधान के लिए एक परिचय के रूप में कार्य करती है।

▪1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा इसमें संशोधन किया गया था जिसमें तीन नए शब्द [समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता] को जोड़ा गया था

▪संविधान के प्रस्तावना में प्रयुक्त शब्दो का क्रम
# ट्रिक :-- हम भारत के प्रभु सम धर्म लो
S प्रभु :---- समप्रभुसत्ता सम्पन्न
S सम :---- समाजवादी
S धर्म :---- धर्मनिरपेक्ष ( सेक्युलर)
D लो :---- लोकतांत्रिक (डेमोक्रेटिक)

▪JLE (जले)
J जस्टिस - न्याय (सामाजिक आर्थिक राजनीतिक)
L लिबर्टी - स्वतंत्रता ( विचार अभिव्यक्ति, विस्वास,धर्म और उपासना)
E इक्वलिटी समानता (प्रतिष्ठा व अवसर की)

▪FUL
F फ्रेंटरन्ति - बंधुत्व
U यूनिटी - एकता
I इन्टरग्रेटि - अखंडता

▪प्रस्तावना के चार घटक इस प्रकार हैं:

1. यह इस बात की ओर इशारा करता है कि संविधान के अधिकार का स्रोत भारत के लोगों के साथ निहित है।

2. यह इस बात की घोषणा करता है कि भारत एक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राष्ट्र है।

3. यह सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता को सुरक्षित करता है तथा राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए भाईचारे को बढ़ावा देता है।

4. इसमें उस तारीख (26 नवंबर 1949) का उल्लेख है जिस दिन संविधान को अपनाया गया था।

▪बेरूबरी यूनियन के मामले में (1960) सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है

▪केशवानंद भारती मामले (1973) में सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के फैसले को पलट दिया और यह कहा कि प्रस्तावना संविधान का एक हिस्सा है और इसे संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संशोधित किया जा सकता है

■ संविधान का स्रोत
ट्रिक :-- अकबर आज फिर दक्षिण अफ्रिका आजा

☀ अ :---- अमेरिका
☀ क :---- कनाडा
☀ ब :---- ब्रिटेन
☀ र :---- रूस
☀ आ :---- आयरलैंड
☀ ज :---- जर्मनी
☀ फिर :---- फ्रांस
☀ दक्षिण अफ्रिका :---- दक्षिण अफ्रिका
☀ आ :---- ऑस्ट्रेलिया

■ इंग्लैंड के सविधान से ग्रहण
ई-क  विकास मंत्र रा मंत्र

☀ ई :---- इकहरी नागरिता क कलेक्टर पद
☀ क - कलेक्टर पद
☀ वि :---- विधि का शासन व विधि निर्माण
☀ का :---- कानून निर्माण की प्रकिया
☀ स :---- संसदीय शासन व्यवस्था
☀ रा :---- राष्टपति की संवैधानिक स्थिति
☀ मंत्र :---- मन्त्रीपरिषद् का लोकसभा के प्रति सामूहिक उतरदायित्व

(नियंत्रण महालेखा व विधि की समानत )

■ सूत्र अमेरिका से :- न्याय की पुनः उपमा लो
न्याय - स्वतंत्र न्यायपालिका
की
पुनः - पुनरावलोकन
उप - उपराष्ट्रपति पद की स्थिति
मा - महाभियोग प्रक्रिया
लो - लोकतंत्रात्मक शासन

▪सूत्र :- विधि का अधिकार  समूह का है दो नागरिक चाइए

: विधि -विधि समान सरक्षण ,
: अधिकार -विलेख /मूल अधिकार ,अधिकार विलेख
: दो नागरिक -दोहरी नागरिकता
: समूह -सामुहिक विकास

▪सूत्र :-नि-आ  स-द  सम-आ से ग- फा  क-रू
नि- नीति निदेशक तत्व
आ - आयरलैंड

स- सविधान संसोधन
द - दक्षिण अफ्रीका

सम - समवर्ती सूची
आ - आस्ट्रेलिया

ग- गणतन्त्रात्मक सासन
फा - फ्रांस

क -कर्तव्य
रू - रूस

▪सूत्र संघ का नाड़ा
संघात्मक साशन - कनाडा से

▪सूत्र :- पंच न्याय कर के सो  जानू (में वीजा लाया)
पंच -पंचवर्षीय योजना
न्याय - न्याय सब्द
सो -सोवियत रूस से लिया
जा -जापान से
अनु - अनुच्छेद प्रक्रिया
वी - विधि द्वारा स्थापित साशन
जा- जापान से

■ मूल अधिकार [भाग 3 अनु.12-35]

▪मौलिक अधिकार अमेरिका से लिये गए है

▪प्रथम मांग स्वराज विधेयक (1895) तिलक द्वारा की गई

▪पहली बार मौलिक अधिकार का वर्णन मोतीलाल नेहरू ने नेहरू रिपोर्ट 1928 में किया

▪ अनुच्छेद 15,16,19,29,30 केवल भारतीयों को प्राप्त है

▪ आपातकाल में 20 व 21 को छोड़कर सभी का निलंबन हो जाता है

▪44 वे संसोधन 1978 में सम्पति के अधिकार को हटाकर 300क में रख दिया गया

सूत्र :- समा स्व शोध की धार्मिक शिक्षा है इसका उपचार करो
1. सम - समानता का (14-18) कुल 5
2.स्व -स्वतंत्रता का (19-22) कुल 4
3.शो- शोषण के विरुद्ध (22-24) कुल 2
4.ध - धार्मिक स्वतंत्रता (25-28) कुल 4
5.शिक्षा- शिक्षा व संस्कृति का (29-30) कुल 2
6.उपचार.सवैधानिक उपचारों का (32-35) कुल 4

1 समानता का अधिकार (14-18)

■ सूत्र "विभेलो अस्पृश्यता की उपाधि अंत"

▪वि - 14 विधि के समक्ष समानता
▪भे - 15 भेदभाव नही होगा (15(4) अपवाद आरक्षण) 338)
▪लो - 16 लोक नियोजन में समानता (16(4) आरक्षण अपवाद)
▪अस्पृश्यता -17 अस्पृश्यता निवारण
▪उपाधि - 18 उपाधियों का अंत (विधा व सेना को छोड़कर)

2.स्वतंत्रता का अधिकार (19-22)

■ सूत्र :- प्रेस में सूचना दो जीने  बन्द कर दे

▪प्रेस में सूचना - 19 प्रेस की स्वतंत्रता व सूचना का अधिकार (6 स्वतंत्रता दी गई है)
▪दो - 20 दोष सिद्धि का अधिकार
▪जीने - 21 जीवन व प्राण दैहिक स्वतंत्रता
▪बंद -  22 बंदी प्रत्यक्षीकरण की स्वतंत्रता

■ सूत्र :- बोस संग आया गया और बस व्यापार किया
▪बो -19 (A)क बोलने की आजादी
▪स - 19 (B)ख सभा की आजादी
▪संग 19 (C)ग संघ बनाने की आजादी
▪आया – गया - 19 (D)घ  पुरे देश मेँ आने जाने की आजादी
▪बस - 19 (E)ड़ पुरे देश मेँ  बसने की/रहने की आजादी
▪व्यापार - 19 (G)छः कोई भी व्यापार एवं जीविका की आजादी

3.शोषण के विरुद्ध अधिकार (23-24)

■ सूत्र :- बेगार 14

▪बेगार - 23 बेगार व मानव क्रय पर रोक
▪14 - 24 14 वर्ष से कम बालश्रम निषेध

4.धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार [25-28]

■ सूत्र - धर्म का प्रचार से प्रबंध करो आय का

▪धर्म -25 धार्मिक आचरण व प्रचार की स्वतंत्रता
▪प्रबन्ध - 26 धार्मिक कार्यो में प्रबंधन की स्वतंत्रता
▪करो - 27 करो में छूट
▪आय का - 28 व्यक्तिगत संस्था में धार्मिक शिक्षा में छूट

5.सांस्कृतिक व शिक्षा संबंधित अधिकार (29-30)

■सूत्र :-अल्पसंख्यक भाषा को सुरक्षित कर सकते है शिक्षण संस्थान द्वारा

▪अल्पसंख्यक भाषा  - 29 अल्पसंख्यक भाषा ,लिपि को सुरक्षित रखने का अधिकार
▪शिक्षण संस्थान स्थापना - 30

6. सवैधानिक उपचारों का अधिकार (32-35)

▪ शिक्षा का अधिकार 86 वा संसोधन में 21A में किया गया जिसमें 6-14 आयु वर्ग के बालको को निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा की जिम्मेदारी अभिभावक की होगी

▪1967 गोकुलनाथ बनाम पंजाब राज्य वाद - संसद अधिकारियों में संसोधन नही कर सकती

▪केशवानंद बनाम केरल राज्य में संसोधन कर सकती है

▪ 1980 में मिनर्वा मिल्स बनाम संघ सर्वोच्च न्यायालय सर्वोच्च स्थिति का निर्धारण कर सकता है

■ संविधान की अनुसूची (कुल)

सूत्र :- SS OR SC जन सभा से बदल कर पंच नगर भेजना है

S -State और संघ शाषित प्रदेश का उल्लेख (पहली अनुसूची)
S - Salary औऱ पेंशन राष्ट्रपति व राज्यपालों की (दूसरी अनुसूची)

O - Oath सपथ विभिन्न पदाधिकारी की  (तीसरी अनुसूची)
R - राज्यसभा राज्यो और केंद्र का प्रतिनिधित्व (चौथी अनुसूची)

SC - SC और St का प्रसाशन व नियंत्रण (पाचवी अनुसूची)

जन - जनजातीय क्षेत्रो का प्रसाशन (छट्टी अनुसूची)

स -  संघसूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची विषयो का उल्लेख (सातवी अनुसूची)

भा - 22 भाषाओं का उल्लेख (आठवी अनुसूची)

से - सम्पति अधिग्रहण विधियों का उल्लेख (नवी अनुसूची)

बदल - दलबदल कानून (दसवीं अनुसूची)

पंच - पंचायत राज (ग्यारवी अनुसूची)

नगर - नगर पालिक (बाहरवी अनुसूची)

◆ राज्य के नीति निदेशक तत्व [ भाग-4 में अनुच्छेद 36 से 51 तक]

▪ आयरलैंड से लिये गए
▪ तेज बहादुर सप्रू समिति द्वारा निर्मित है
▪ KT साह ने "एक ऐसा चैक जिसका भुगतान बैंक की इच्छा पर छोड़ दिया गया है"
▪ प्रो हियर "उद्देश्यों व आकांक्षाओ की घोषणा"
▪भारतीय संविधान के भाग 3 तथा 4 मिलकर संविधान की आत्मा तथा चेतना कहलाते है इन

36 परिभाषा
37 इस भाग में अंतर्विष्‍ट तत्‍वों का लागू होना
38 राज्‍य लोक कल्‍याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्‍यवस्‍था बनाएगा
39 राज्‍य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्‍व
39 (क) समान न्‍याय और नि:शुल्‍क विधिक सहायता
40 ग्राम पंचायतों का संगठन ( सूत्र -चालीस ग्राम की चूड़ियां)
41 कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार (नरेगा)
42 काम की न्‍यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध
43 कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि
43 (क) उद्योगों के प्रबंध में कार्मकारों का भाग लेना
44 नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता (4 और 4 समान है)
45 6 से 14 वर्ष के बालकों के लिए नि:शुल्‍क और अनिवार्य शिक्षा
46 SC ,ST, OBC के शिक्षा हितों की अभिवृद्धि
47 पोषाहार स्‍तर और जीवन स्‍तर को ऊंचा
48 कृषि और पशुपालन का संगठन
48(क)  पर्यावरण का संरक्षण वन्‍य जीवों की रक्षा
49  राष्‍ट्रीय महत्‍व के संस्‍मारकों, स्‍थानों संरक्षण
50  कार्यपालिका से न्‍यायपालिका का पृथक्‍करण
51  अंतरराष्‍ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि

▪गांधीवादी सिद्धात से प्रेरित 40. 43. 46. 47. 48 है
▪350 (क) प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा
▪351 हिंदी भाषा को प्रोत्साहन

TRICK-"सर  नाम नीतिन मूलक है जो सरासर क्षेत्र के पंच उस नगर में आते है अनुसूचित जनजाती के है

ट्रिक का विस्तृत्व रूप :

■ भाग-1 (अनुच्छेद 1- 4)
स+र  - 1. संघ व राज्य  का वर्णन है

नाम = ना+म
 ना-नागरिकता (भाग-2  अनुच्छेद 5 से 11)
 म-मौलिक अधिकार (भाग-3 अनुच्छेद 12-35)

नीतिन मूलक है = नीतिन, मूलक
1. नीतिन-नीति निर्देशक तत्व (भाग-4)
2. मूलक-मूल कर्त्तव्य (भाग-4(क))

सरासर क्षेत्र = स, रा, स+र+क्षेत्र
1. स-संघ   (भाग-5)
2. रा-राज्य (भाग-6)
3. स+र+क्षेत्र-संघ राज्य क्षेत्र (भाग-8)

के-silent

पंच उस मे नगर = पंच, नगर
1. पंच-पंचायत (भाग-9)
2. नगर-नगर पालिकाएँ (भाग-9 (क)
में-silent

अनुसूचित जन जाति के है
अनुसूचित  जनजाति क्षेत्र (भाग-10)

■ मौलिक कर्तव्य [ अनुच्छेद 52(क) भाग 4 (क)]

# मूल सविधान में मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख नही है

# प्रेणना सोवियत रूस से

# सरदार स्वर्ण सिंह समिति (1973) की अनुशंसा पर संविधान के 42वें संशोधन (1976 ई)० के द्वारा मौलिक कर्तव्य को संविधान में जोड़ा गया

# 42 वे संसोधन पर 10 मौलिक कर्तव्य जोड़े गए

#  86वा संसोधन 2002 में 11 वा कर्तव्य जोड़ा गया जो 1 अप्रेल 2010 से प्रभावी हुवा

मौलिक कर्तव्य की संख्या 11 है, जो इस प्रकार है:
1. संविधान का पालन करे.
2.  उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे .
3. भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे
4. देश की रक्षा करे.
5. समरसता और समान भ्रातृत्व /स्त्री सम्मान
6.  संस्कृति का महत्व समझे
7.  पर्यावरण की रक्षा
8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकास करे
9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे.
10. व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों  उत्कर्ष बढ़ने का सतत प्रयास करे.
11. माता-पिता या संरक्षक द्वार 6 से 14 वर्ष के बच्चों हेतु प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना (86वां संशोधन).

■ The president of India, Election and emergency powers of the president.[अनुच्छेद 52-78]

▪सूत्र प-का-नी को-का दु-यो द-श-म

▪प   - अनु.52 भारत का एक राष्ट्रपति होगा (रास्ट्रपति पद)
▪का - अनु.53 (कार्यपालिका शक्ति) राष्ट्रपति के नाम होगी
▪नी  - अनु.54 निर्वाचन (अप्रत्यक्ष निर्वाचन)
▪को - अनु.55 निर्वाचन पद्धति (निश्चित कोटा)
▪का - अनु.56  कार्यकाल (पद की अवधि)
▪दु   - अनु.57 पुनर्विचार (दुबारा निर्वाचन) 
▪यो  - अनु.58 योग्यता
▪द   - अनु.59 दाखिल के प्रस्तावक
▪श   -अनु.60 सपथ
▪म   - अनु.61 महाभियोग (56 ख अतिक्रमण कर तो)

अनु.72 क्षमादान का अधिकार
अनु.87 प्रथम बैठक में अभिभाषण पढ़ता है
अनु.110 धन विधेयक
अनु.111 विटो अधिकार
अनु.123 अध्यादेष

भाग 18 (352-360) आपातकाल शक्ति  ( जर्मनी से)
अनु.352 राष्ट्रीय आपातकाल
अनु.356 सवैधानिक तंत्र विफल
अनु.360.वितीय आपातकाल
अनु.338 SC व ST के रक्षार्थ कार्य (सरक्षंण)
अनु.331 आंग्ल समुदाय के दो निर्वाचन

▪आपातकालीन शक्तियां जर्मनी से प्रेरित है भाग 18(352/360)

▪70 वे सविधान संसोधन 1992 के तहत दिल्ली व पुडुचेरी विधानसभा के सदस्य निर्वाचन पद्धति में भाग लेंगे

▪86 वे संसोधन में रास्ट्रपति 2026 तक 1971 कि जनसंख्या के आधार पर चुनाव होगा

▪V v गिरी 1969 में द्वितीय वरीयता के आधार पर चुने गए

▪भारत रत्न प्राप्त ( राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन, अब्दुल कलाम)

▪रास्ट्रपति से पूर्व उपराष्ट्रपति (6)

▪सूत्र  :-  रा-जा वि-वे-श के दरबार मे पहुचे
रा - राधाकृष्णन
जा - जाकिर हुसैन
वि - वी वी गिरी
वे- वेंकटरमन
श - शंकरदयाल शर्मा
के - के आर नारायण

■ उपराष्ट्रपति [अनुच्छेद 63-70]

सूत्र उ-स-का नि-का-स श-नि है
63.उ - उपराष्ट्रपति
64.स- राज्यसभा पदेन सभापति / योग्यता
65.का- कार्यवाह राष्ट्रपति
66.नि- निर्वाचन (दोनो सदन 20:20 प्रस्ताव अनुमोदक)
67.का-कार्यकाल
68.स- समय
69.श- सपथ
70.नि -निर्वाह

▪निर्विरोध उपराष्ट्रपति
▪सूत्र र-ही-स
र - राधाकृष्णन
ही - हिदायतुल्लाह
स - शंकरदयाल शर्मा

▪पद पर रहते मृत्यु - कृष्णकांत की

▪उपराष्ट्रपति जो रास्ट्रपति नही बने
▪[सूत्र -गोपाल-कृष्ण-शेखावत]
गोपाल- गोपाल स्वरूप पाठक
कृष्ण- कृष्णकांत
शेखावत - भेरू सिंह शेखावत

▪कार्यवाहक - हिदायतुल्लाह, जाकिर हुसैन, BD जत्ती, नीलम संजीव रेड्डी थे

◆ Cabinet, Prime Minister and his powers.

■ मंत्रिमंडल

अनु.74 - रास्ट्रपति के कार्य संचालन हेतु मंत्रिपरिषद का गठन
अनु.74(1) प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का प्रधान होता है
अनु.75(1) - प्रधानमंत्री की नियुक्ति व अन्य मंत्री की नियुक्ति
अनु.75(2) - मंत्रिपरिषद व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी रास्ट्रपति के
अनु.75(3) - मंत्रीपरिषद सामुहिक रूप से उत्तरदायी लोकसभा के
अनु.75(4) - सपथ तीसरी अनुसूचि के तहत
अनु.75(5) - योग्यता
अनु.75(6) - वेतन भत्ते
अनु.78     - (कर्तव्य)समस्त कार्यो की सूचना रास्ट्रपति देता है

नोट :- 91 वा संसोधन 2003 में मंत्रिपरिषद में कुल मन्त्रियों की संख्या 15% होगी
- 44 वे संसोधन में कैबिनेट मंत्री सब्द लिया गया जो 352 में व्यक्त है

▪मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री होते है जो बिना बुलाए मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लेते है

▪मंत्रिमंडल सब्द इंग्लैंड के सविधान से लिया गया है

▪योजना आयोग का उपाध्यक्ष ,विपक्ष एक नेता, को कैबिनेट स्तर का दर्जा होता है

▪स्वतंत्रता के समय 15 मन्त्रालय थे वतर्मान में 55 है

▪मंत्रिमंडल का प्रयोग केवल 352 में प्रयोग किया गया है

■ Parliament [ संसद ]

▪भाग 5 अध्ययाय 2 अनुच्छेद 79-123

▪ जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों का एक समूह जो देश का कानून बनाता है व्यवस्थापिका है

▪ इंग्लैंड को विश्व संसद की जननी कहा जाता है भारत मे द्विसदनात्मक व्यवस्था है जो 1919 के अधिनियम से ली गई है

सूत्र :- स -र -ल
स -79 संसद का गठन
र - 80 राज्यसभा की सरंचना
ल -81 लोकसभा की सरंचना
82 जनगणना के बाद सीट का संयोजन
83 सदनों की अवधि
84 संसद सदस्यों की योग्यता
85 संसद का सत्रावसान

▪12 फरवरी 1921 को शिलान्यास किया गया व उदघाटन 18 फरवरी 1927 को हुवा लार्ड इरविन द्वारा

▪ प्रथम बैठक 13 मई 1952 को

▪बजट अधिवेशन [ फरवरी से मई के बीच]
▪मानसून अधिवेशन [जुलाई से सितंबर]
▪शीतकालीन अधिवेशन [ नवम्बर से दिसम्बर]

■ प्रश्नकाल ( 11-12 बजे) तीन प्रकार के प्रश्न
▪तारांकित - जवाब मौखिक
▪अतारांकित - जवाब लिखित
▪अल्प सूचना प्रश्न - 10 दिन का समय दिया जाता है

▪शून्यकाल :- (12-1 बजे) 

■ प्रमुख समिति

1. प्राक्‍कलन समिति - 30 सदस्य 1 वर्ष हेतु लोक सभा द्वारा निर्वाचित
2. लोक लेखा समिति -22 सदस्य  (15 लोक सभा + 7 राज्‍य सभा) 1 वर्ष दोनों सदनों द्वारा निर्वाचित
3. सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति -22  सदस्य (15 लोक सभा + 7 राज्‍य सभा) 1 वर्ष दोनों सदनों द्वारा निर्वाचित

▪89 राज्यसभा के सभापति व उपसभापति
▪93 लोकसभा के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष
▪98 सचिवालय
▪110 धन विधेयक
▪331 आंग्ल समुदाय का प्रतिनिधितव

■ speaker .[ लोकसभा अध्यक्ष ]

▪लोकसभा का प्रमुख पीठासीन अधिकारी लोकसभा अध्यक्ष होता है

▪इसकी भूमिका वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित किसी भी अन्य शासन-व्यवस्था के वैधायिकीय सभापति के सामान होती है।

▪इसका निर्वाचन लोकसभा चुनावों के बाद, लोकसभा की प्रथम बैठक में  बहुमत के आधार पर किया जाता है

▪कार्यकाल 5 वर्ष का होता है लेकिन लोकसभा के विश्वास काल तक

▪अनुछेद 93 - लोकसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष एक दूसरे को त्यागपत्र देते है जिसकी सूचना 14 दिन पूर्व दी जाती है

▪अविश्वास प्रस्ताव
- जब राष्ट्रपति का उद्घाटन भाषण पर  धन्यवाद प्रस्ताव ना करे
- धन विधेयक अस्वीकृत करे
- निंदा प्रस्ताव का स्थगन करे
- कटौती प्रस्ताव पास करे

▪प्रथम बार गणेश वासुदेव मावलनकर को हटाने का प्रस्ताव 18 दिसम्बर 1954 को लाया गया

●सपथ

▪लोकसभा अध्यक्ष अन्य लोकसभा सदस्यों की ही तरह एक सदस्य के रूप में शपथ लेता है।

▪उसका शपथ भी कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा कराया जाता है। कार्यकारी अध्यक्ष सबसे वरीष्ठ सदस्यों को बनाया जाता है।

■ शक्तियाँ और कार्य

▪अनु.108 - लोकसभा-अध्यक्ष लोकसभा के सयुक्त अधिवेशन अध्यक्षता करता है

▪कोई विधेयक, धन विधेयक है या नहीं इसपर निर्णय करता है

▪दलबदल सम्बंधित विवाद सुलझाता है

▪संसद समितियों के अध्यक्ष की नियुक्ति करता है

▪100(i) निर्णायक मत देने का अधिकार है

▪मंत्री व लोकसभा सदस्यों के मध्य मध्यस्थता करता है

▪महासचिव का चयन करता है

▪108 सयुक्त अधिवेशन राष्ट्रपति बुलाता है व इसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करता है

▪अब तक तीन बार हुवा है
- जवाहरलाल नेहरू :- दहेज निरोधक विधेयक (6 मई 1961)
- मोरारजी देसाई :- बैंकिंग सेवा आयोग (16 मई1978)
- अटल बिहारी वाजपेयी:- आतंकवाद निरोधक विधेयक (PATA) 26 मार्च 2002

GK Trick – दहेज बैंक में पिटा
Explanation – 

▪दहेज – दहेज विरोधी अधिनियम (1961)
▪बैंक – बैकिंग सेवा आयोग विधेयक (1978)
▪पिटा – पोटा (आतंकवाद विरोधी विधेयक) (2002)

▪लोकसभा महासचिव - दलगत राजनीति से अलग होता है  यह अधिवेशन में राष्ट्रपति की तरफ से सदस्यों को आमंत्रित करता है

■लोकसभा अध्यक्ष व उनके कार्यकाल:-

1. गणेश वासुदेव मावलंकर 15 मई 1952 - 27 फ़रवरी 1956
2. अनन्त शयनम् अयंगार 8 मार्च 1956 - 16 अप्रॅल 1962
3. सरदार हुकम सिंह 17 अप्रॅल 1962 - 16 मार्च 1967
16.मीरा कुमार 4 जून 2009 – 4 जून 2014
17.सुमित्रा महाजन 6 जून 2014 – 17 जून 2019
18.ओम बिरला 19 जून 2019 - अब तक

▪पद पर मृत्यु [ गणेश वासुदेव मावलंकर व GS बालयोगी]

■ Beurocratic set up of India.[ भारत मे नौकरशाही  की सरंचना ]

▪अंग्रेजी भाषा के सब्द Bureaucracy  फ्रांसीसी शब्द “Bureau ब्यूरो ” से बना है जिसका अर्थ है मेज या डेस्क' (कार्यालय)

▪ ग्रीक शब्द “क्रेटोस” जिसका अर्थ है “राजनीतिक शक्ति

▪ ऐसी सरकार जो अधिकारियों द्वारा चलाई जाती है

▪नौकरशाही सब्द का प्रथम प्रयोग फ्रांसीसी विचारक  1745 में विसेंट डी गार्ने को जाता है

▪विसेंट डी गार्ने ने कहा "फ्रांस में हमारी बीमारी है जो हमे तबाह कर रहा है यह बीमारी "ब्यूरोमेनियम" को कहा है"

▪मार्क्स के अनुसार " 18 वी सदी के वाणिज्य मंत्री द्वारा प्रयुक्त ब्यूरोक्रेटिक में इस्तेमाल हुवा सब्द नौकरशाही का अर्थ " सक्रिय सरकार " है

▪नौकरशाही का व्यवस्थित अध्ययन जर्मन समाजशास्त्री "मैक्स वेबर " के साथ सुरु हुवा है

▪थॉमस कालाईल ने नौकरशाही सब्द के प्रसार को महाद्विपय जंजाल" कहा है

▪लार्ड हर्बर्ट की " न्यू डेसपॉजिम " में नौकरशाही की नवीन निरंकुशता की प्रवर्ति के आविर्भाव को स्पष्ट किया है

▪नौकरशाही के लिए लोकसेवा सब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1841 में ब्रिटेन के नागरिक रॉबर्ट पिल द्वारा किया गया है

▪आधुनिक लोकसेवा (नौकरशाही) का सूत्रपात 1773 के रेग्युलेटिग एक्ट में हुवा था

▪भारतीय सिविल सेवा (I.C.S) की स्थापना इंग्लैंड 1769 में हुई थी इसका आयोजन ब्रिटेन में होता था

▪पहली बार भारतीय सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन इलाहाबाद 1922 में हुवा था

▪भारत मे प्रथम ICS अधिकारी सतेंदर नाथ टैगोर थे

▪भारत मे प्रथम ICS महिला अधिकारी अन्ना जार्ज (मल्होत्रा) थी

▪भारत मे प्रथम बार भर्ती 1853 भारत सासन अधिनियम के तहत योग्यता के आधार पर किया जाने लगा

▪1853 के अधिनियम के तहत सरकारी पदों पर भर्ती के लिए प्रतियोगिता को आधार बनाया गया

▪1919 के शासन अधिनियम की सिफारिश के आधार पर  1923 में ली कमीशन का गठन किया गया

▪ली कमीशन की सिफारिश पर 1926 मे संघ लोकसेवा आयोग का गठन किया गया  (1 अक्टूबर 1926 को कार्य प्रारम्भ किया तब अध्यक्ष सर रॉज बार्कर थे)

▪संघ लोकसेवा आयोग का 1950 तक नाम फेडरल पब्लिक सर्विस कमीशन था

▪सविधान के भाग 14 के अनुच्छेद 308 से 323 के मध्य केंद्र व राज्यो के लिए लोक सेवा आयोग का वर्णन है

▪मूल सविधान में 2 अखिल भारतीय सेवाए थी
1.I.A.S
2.I.P.S  (1966 में I.F.S सेवा प्रारम्भ हुई)

▪लार्ड जार्ज ने इंडियन सर्विसेज को ब्रिटिश साम्राज्य के फ्रेम वर्क की संज्ञा दी थी

▪अखिल भारतीय सेवाओं के प्रमुख समर्थक सरदार वल्लभ भाई पटेल थे अत इन्हें अखिल भारतीय सेवाओं का जनक कहा जाता है

▪अघल समिति - वर्तमान में सिविल सेवा का पुनरीक्षण करने के लिए गठन

▪सुरेन्द्र नाथ समिति - 2002 में

▪PC होते की अध्यक्षता में 2004 में गठित समिति है

■ भारत मे नौकरशाही समिति तथा प्रधानमंत्री

▪जवाहरलाल नेहरू - विकासात्मक
▪इंद्रागांधी - प्रतिबद्ध समिति
▪VP सिंह - सामाजिक न्याय
▪नरेन्द्र मोदी - अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ समिति

◆ Political parties and their role – Theory and practice.

▪ऐसे लोगो का समूह जो समान दृष्टिकोण रखते हो और राष्ट्र को बढ़ाने के लिए आगे बढ़ते हो

▪ भारत मे बहुदलीय व्यवस्था है जिसमे तीन प्रकार के दल है [राष्ट्रीय स्तर के दल ,राज्य स्तरीय दल और गैर मान्यता प्राप्त दल ]

■ राज्य में राजनीतिक दल
योग्यता :-
# आम चुनाव :- कुल वैध मतों का 6 फीसदी मत तथा एक सांसद राज्य में

# विधानसभा में कुल वैध मतों का 6 फीसदी तथा उस राज्य में 2 MLA

# कुल विधानसभा के स्थानों का  3% या तीन सीट

■ राष्ट्रीय दल

# लोकसभा  या विधानसभा चुनाव -  चार से अधिक राज्यो में वैध मतों का 6 % तथा राज्यो से 4 सीटे

# लोकसभा में 2% सीट 3 अलग अलग राज्यो से

# चार राज्यो में राज्य स्तरीय दल की मान्यता प्राप्त हो

■ गैर मान्यता प्राप्त दल

जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 29 में पंजीकरण का प्रावधान है

देश में 7 राष्ट्रीय पार्टियाँ इस प्रकार हैं, (List of National Parties in India)
1. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 1984 काशीराम
2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस)
3. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) MN राय बाली व हाशिया
5. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) 1964 ज्योति बसु व PA डांगे हसिया ,हथौड़ा  तारा
6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और
7. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (2016 में दर्जा प्राप्त हुआ था)

■ 15 अप्रैल 2019 की तारीख में चुनाव आयोग की वेबसाइट पर राष्ट्रीय दलों की संख्या 7, राज्य स्तरीय दलों की संख्या 35 और गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या 2044 थी.

गठबंधन
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन - वर्तमान सरकार भाजपा के नेतृत्व में.

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन - कांग्रेस के नेतृत्व में.

1. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (चुनाव चिन्ह कमल)

▪श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की कलकत्ता

▪जनसंघ + भारतीय लोकदल + समाजवादी दल  मिलकर 18 जनवरी 1977 में जनता पार्टी बनी

▪ 1980 में विघटन होकर 6 अप्रेल 1980 को भारतीय जनता पार्टी का गठन किया ( पुराने जनसंघ को)

▪ विचारधारा - संस्कृतिक राष्ट्रवाद
1984 - 2 सीट आई
2009- 116
2014 - 282
- अप्रेल मई 1996-97 में 13 दिन की सरकार बनी व 1999 में 13 महीने की बनी

2.भारतीय राष्ट्रीय कॉग्रेस (28 दिसम्बर 1885 बम्बई)

▪AO होम्यु ने बनाई प्रथम अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी थे

▪ 1907 में विभाजन सूरत - अध्यक्ष रास बिहारी बोस
▪ 1916 में एकीकरण - अध्यक्ष अंबिका चरण मजूमदार
▪ 1969 में मोरारजी देसाई कारण इंद्रा के 10 सूत्री कार्यक्रम का विरोध पर
▪ 1977 जगजीवन राम ने त्यागपत्र दे दिया
▪1978 में ब्रह्मानंद ने कांग्रेस (B) बनाई
▪ 1999 में सरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस बनाई

GK Trick –
मेरा भारत बहुजन का राष्ट्र कहलाता है

▪मेरा - मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (हंसिया, हथौडा, एवं तारा)
▪भारत -भारतीय जनता पार्टी (कमल)
▪बहुजन बहुजन समाज पार्टी (हाथी)
▪का -कांग्रेस पार्टी (पंजा)
▪राष्ट्र -राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  (घडी)
▪कहलाता -कम्युनिष्ट पार्टी  (हंसिया और बाली)

◆ Political parties and their role – Theory and practice.

▪ऐसे लोगो का समूह जो समान दृष्टिकोण रखते हो और राष्ट्र को बढ़ाने के लिए आगे बढ़ते हो

▪ भारत मे बहुदलीय व्यवस्था है जिसमे तीन प्रकार के दल है [राष्ट्रीय स्तर के दल ,राज्य स्तरीय दल और गैर मान्यता प्राप्त दल ]

■ राज्य में राजनीतिक दल
योग्यता :-
# आम चुनाव :- कुल वैध मतों का 6 फीसदी मत तथा एक सांसद राज्य में

# विधानसभा में कुल वैध मतों का 6 फीसदी तथा उस राज्य में 2 MLA

# कुल विधानसभा के स्थानों का  3% या तीन सीट

■ राष्ट्रीय दल

# लोकसभा  या विधानसभा चुनाव -  चार से अधिक राज्यो में वैध मतों का 6 % तथा राज्यो से 4 सीटे

# लोकसभा में 2% सीट 3 अलग अलग राज्यो से

# चार राज्यो में राज्य स्तरीय दल की मान्यता प्राप्त हो

■ गैर मान्यता प्राप्त दल

जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 29 में पंजीकरण का प्रावधान है

देश में 7 राष्ट्रीय पार्टियाँ इस प्रकार हैं, (List of National Parties in India)
1. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 1984 काशीराम
2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस)
3. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) MN राय बाली व हाशिया
5. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) 1964 ज्योति बसु व PA डांगे हसिया ,हथौड़ा  तारा
6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और
7. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (2016 में दर्जा प्राप्त हुआ था)

■ 15 अप्रैल 2019 की तारीख में चुनाव आयोग की वेबसाइट पर राष्ट्रीय दलों की संख्या 7, राज्य स्तरीय दलों की संख्या 35 और गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या 2044 थी.

गठबंधन
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन - वर्तमान सरकार भाजपा के नेतृत्व में.

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन - कांग्रेस के नेतृत्व में.

1. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (चुनाव चिन्ह कमल)

▪श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की कलकत्ता

▪जनसंघ + भारतीय लोकदल + समाजवादी दल  मिलकर 18 जनवरी 1977 में जनता पार्टी बनी

▪ 1980 में विघटन होकर 6 अप्रेल 1980 को भारतीय जनता पार्टी का गठन किया ( पुराने जनसंघ को)

▪ विचारधारा - संस्कृतिक राष्ट्रवाद
1984 - 2 सीट आई
2009- 116
2014 - 282
- अप्रेल मई 1996-97 में 13 दिन की सरकार बनी व 1999 में 13 महीने की बनी

2.भारतीय राष्ट्रीय कॉग्रेस (28 दिसम्बर 1885 बम्बई)

▪AO होम्यु ने बनाई प्रथम अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी थे

▪ 1907 में विभाजन सूरत - अध्यक्ष रास बिहारी बोस
▪ 1916 में एकीकरण - अध्यक्ष अंबिका चरण मजूमदार
▪ 1969 में मोरारजी देसाई कारण इंद्रा के 10 सूत्री कार्यक्रम का विरोध पर
▪ 1977 जगजीवन राम ने त्यागपत्र दे दिया
▪1978 में ब्रह्मानंद ने कांग्रेस (B) बनाई
▪ 1999 में सरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस बनाई

GK Trick –
मेरा भारत बहुजन का राष्ट्र कहलाता है

▪मेरा - मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (हंसिया, हथौडा, एवं तारा)
▪भारत -भारतीय जनता पार्टी (कमल)
▪बहुजन बहुजन समाज पार्टी (हाथी)
▪का -कांग्रेस पार्टी (पंजा)
▪राष्ट्र -राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  (घडी)
▪कहलाता -कम्युनिष्ट पार्टी  (हंसिया और बाली)

 ■ Supreme court – Organization and powers [भाग 5 अध्याय 4 अनुछेद 124-147]

▪ व्यवस्थापिका द्वारा बनाए गए कानूनों की रक्षा व व्याख्या का कार्य न्यायपालिका करती है

▪सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना 1773 में रेग्युलेटिंग एक्ट के तहत कलकत्ता में हुई है (मुख्य न्यायाधिस एंजिला इम्प्रे व 3 अन्य लेमिस्टर, हाइड व चेम्बर्स)

▪सर्वोच्च न्यायालय का प्रावधान अमेरिका से लिया गया था

▪ गठन 1935 के अधिनियम के तहत 28 जनवरी 1950 नई दिल्ली में

न्यायायधिस की संख्या
प्रारम्भ में - 8
1977 में - 18
1986 में - 26
21 फरवरी 2008 में - 30+1 =31

▪न्यायाधीश की संख्या का निर्धारण संसद करती है

प्रथम न्यायायधिस - हीरालाल जे कनिया
प्रथम महिला न्यायायधिस -  मीरा साहिब फातिमा बीबी

■ सूत्र :- गांव का तो SER SA है
गा : 124 उच्यतम न्यायालय का [गठन] का प्रावधान
(1)न्यायायधिस की नियुक्ति
-(3) योग्यता
-(4) कार्यकाल (6 वर्ष या 65)
-(6) सपथ व गोपनीयता
व   : 125 [वेतन] व भत्ते (2 लाख 80 हजार)
का : 126 [कार्यकारी] मुख्य न्यायायधिस की नियुक्ति
तो  : 127 [तदर्थ] न्यायायधिस की नियुक्ति
SER: 128 उच्यतम न्यायालय की बैठक में [सेवानिवृत्त] न्यायायधिस की उपस्थिति में बैठक
SA : 129 अभिलेख न्यायालय का होना [सुनवाई के स्थान]
 : 130 न्यायालय का स्थान दिल्ली की अपेक्षा अन्य जगह
शक्तियां
: 131 आरम्भिक अधिकार (दो राज्यो के मध्य विवाद)
: 132 अपीलीय अधिकार
: 133 सिविल /दीवानी अधिकार
: 134 दाण्डिक/ फौजदारी विशेषाधिकार
: 135 शक्तियों का प्रयोग
: 137 न्यायिक पुनरावलोकन की समीक्षा
: 143 परामर्श शक्ति
: 145 न्यायालय के नियम
: 360 (4)(ख) वितीय आपातकाल उद्घोषणा पर प्रतिभूति आहरण

▪न्यायायधिस की नियुक्ति राष्ट्रपति वरिष्ठता के आधार पर करता है अन्य की नियुक्ति मुख्य न्यायायधिस राष्ट्रपति की सलाह पर

▪अपवाद  दो बार सामने आया
:  1973 हेगड़े,शेलट, ग्रोवर को छोड़कर अजितनाथ रे को बनाया
:  1977 वरिष्ठ HR खन्ना को छोड़कर HM बेग को बनाया गया

■ महाभियोग 2/3 बहुमत से [100 लोकसभा से 50 राज्यसभा से हस्ताक्षर]
- वी रामा स्वामी 1993
- कलकत्ता में सौमित्र सेन 18 अगस्त 2011 राज्यसभा में
- कर्नाटक में पी. डी दिनकर 2011

◆ भारत मे बार्ड व आयोग
(Commissions and Boards at -national level)

▪ भारतीय बोर्डो को 3 भागो में बांटा गया है
1.स्वधानिक बार्ड (आयोग)
# संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) = 26 जनवरी 1950(भाग 14 अनु.315 में)
# वित्त आयोग = 25 जनवरी 1950 (भाग 15 अनु.324)
# राजभाषा आयोग
# राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (अनु.338)

© मुख्य बाते :-
▪इनको ज्यादा स्वायत्ता व स्वधानिक दर्जा प्राप्त है जो सविधान के प्रावधानों द्वारा स्थापित होती है
▪ये किसी अधिकारी के जांच के अधीन नही है
▪इनको वेतन भारत सरकार की संचित निधि से मिलता है

2.विधिक आयोग
# विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) (1956 एक्ट)
# रेलवे बार्ड (18 फरवरी 1905)
# केंद्रीय सिमा शुल्क बार्ड (act 1963)
# केंद्रीय प्रत्यक्ष बार्ड (act1963)
# राष्ट्रीय महिला आयोग (act1990 के तहत 31 जनवरी 1992)
# राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (1978 अधिनियम 1992)
# राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) act 1993 के तहत 28 सितम्बर 1993)

© मुख्य बातें
▪इनकी स्थापना संसद के अधिनियम द्वारा की जाती है
▪ प्रसासनिक नियंत्रण के अधीन कार्य करते है

3.कार्यकारी आदेश स्थापित आयोग
# नीति आयोग/योजना आयोग (1 जन.2015/ 15 मार्च 1950)
# केंद्रीय समाज कल्याण बार्ड ( अगस्त 1953)
# राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (14 अगस्त 1993)
# राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (अधिनियम 1993)
# केंद्रीय सूचना आयोग (2005)
# केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) (1964 में)
# बाल सरक्षंण आयोग (2005) 6 सदस्य
# कर्मचारी चयन आयोग (1 जुलाई 1978 दिल्ली)
# विश्विद्यालय अनुदान आयोग (दिसम्बर 1953) वधानिक दर्जा 1956
# भाषाई अल्पसंख्यक आयोग (1957 इलाहाबाद)

© मुख्य बातें
▪सरकार के प्रस्ताव द्वारा स्थापित है
▪सवैधानिक बार्ड की तुलना में कम स्वायत्त
▪ मंत्री के अधीन है

◆ संघ लोकसेवा आयोग (UPSC)
▪फ़ेडरल पब्लिक सर्विसेज का नाम बदलकर 1935 में
▪ यह केंद्रीय भर्ती अभिकरण संस्था है
▪ गठन भाग 14 के अनु.315 में
▪ स्थापना 26 जनवरी 1950
▪ एक अध्यक्ष + 10 सदस्य
▪ वेतन संचित निधि से

◆ निर्वाचन आयोग
▪ स्थापना 25 जनवरी 1950 में
▪ गठन भाग 15 के अनु.324 में
▪संसद का (L.S व R.S),राज्य विधानमंडल(V.S व V.P) तथा राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति
▪ यह अखिल भारतीय संस्था है व स्वतंत्र व स्थाई निकाय है

25 जनवरी 1950 - एक सदस्यीय
16 अक्टूबर 1989 - 3 सदस्यीय
1 जनवरी 1990 - 1 सदस्यीय
1 अक्टूबर 1993 - 3 सदस्यीय हो गई

▪ कार्यकाल 6 वर्ष/65 वर्ष आयु
▪ प्रथम निर्वाचन आयुक्त- सुकुमार सेन
▪23 वे वर्तमान आयुक्त - सुनील आरोड़ा (अशोक लवासा,सुशील चंद्रा आयुक्त) उप आयुक्त चंद्रभूषण

◆ वित्त आयोग
▪ अनु.280 में अर्द्ध न्यायिक निकाय/सलाहकारी संस्था है
▪1 अध्यक्ष +4 सदस्य
▪ कार्य - राज्य व केंद्र के मध्य सुद्ध आगम का वितरण करना
▪ प्रथम वित्त आयोग - 1957 में के सी नियोगी
▪14 वे - Y.V रेड्डी वर्तमान
▪15 वे - (2020-25) N.K सिंह

◆  राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
▪ अनु 338 में
▪ 66 वा संसोधन 1990 में SC व ST का गठन
▪ 89 वा संसोधन 2003 दोनो विभक्त
▪ 1 अध्यक्ष +1 उपाध्यक्ष "+5 अन्य सदस्य

◆ राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
▪ अनु.338(क)
▪2004 में अस्तित्व में आया
▪ 1 अध्यक्ष+1उपाध्यक्ष+तीन सदस्य

● विधिक बार्ड

◆ विश्विद्यालय अनुदान आयोग (UGC)
▪ स्थापना -UGC act 1956 के तहत
▪ 1997 में संसोधन सदस्य संख्या 9 से 12 नियुक्त केंद्र द्वारा

◆ रेलवे बार्ड (18 फरवरी1905)
▪ 1968 में पुनर्गठन तब 1चेयरमैन + 4 सदस्य
▪ वर्तमान में 1 चेयरमैन +1 वित्त आयुक्त+ 5 अन्य सदस्य +1 सचिव

◆  केंद्रीय उत्पादन शुल्क सिमा शुल्क बार्ड
▪ अधिनियम 1963 के तहत आयकर की शीर्ष निकाय है
▪ 1 अध्यक्ष +5 सदस्य

◆ राष्ट्रीय महिला आयोग
▪अधिनियम 1990 के तहत 31 जनवरी 1992
▪ 1 अध्यक्ष +5 सदस्य

◆ राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग 1978
▪ 1 सभापति +3 उपसभापति +5 सदस्य

◆ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
▪28 सितंबर 1993 लागू
▪10 अक्टूबर 1993 को गठन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता में
▪संसोधन 2006 में
▪ 1 अध्यक्ष+4 सदस्य (अल्पसंख्यक आयोग, महिला,अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग से)
▪ कार्यकाल 5वर्ष /70 आयु

● कार्यकारी आदेश बार्ड

◆ नीति आयोग
1 अध्यक्ष+ 1 उपाध्यक्ष +2 अंशकालिक सदस्य +4 पदेन सदस्य +प्रमुख कार्यकारी अधिकारी +विशेष आमंत्रित सदस्य + अन्य सदस्य

◆ केंद्रीय समाज बार्ड
1953 में दुर्गाबाई देशमुख की अध्यक्षता में

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